बूंदी. राजस्थान विद्यार्थी मित्र और पंचायत संघ कि ओर से कार्यकाल वृद्धि और मानदेय बढ़ोतरी के लिए जिला स्तर पर अनिश्चितकालीन धरना सोमवार से जिला मुख्यालय पर शुरू कर दिया है. संघ के जिला अध्यक्ष मनोज खटीक ने बताया कि राज्य सरकार की वादाखिलाफी से 27 हजार पंचायत सहायकों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है.
सरकार द्वारा पंचायत सहायकों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया है. कार्यकाल 22 मई 2019 के बाद बढ़ाने की कोई जानकारी नहीं दी है जिससे पंचायत सहायक से जुड़े लोगों पर बेरोजगारी का संकट मंडराने लगा है. जिला अध्यक्ष ने राज्य सरकार को इस पर चेतावनी देते हुए कहा कि अब सरकार से यह लड़ाई आत्मसम्मान की है और लड़ाई आर-पार की होगी.
जिला स्तर पर सोमवार से धरना शुरू हो गया है. कर्मचारियों ने साफ-साफ से कहा है कि विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक ने सरकार के साथ हाथ मिलाकर कार्य किया है. कांग्रेस सरकार ने काफी वादे किए थे लेकिन वह पूरे नहीं हो पाए हैं. ऐसे में हम आने वाले दिनों में सरकार को उखाड़ फेंक देंगे.
बता दें कि वसुंधरा सरकार ने अपने कार्यकाल में पंचायत सहायकों की नियुक्ति की थी और संविदा कर्मचारियों की तर्ज पर वेतन भत्ता देने की योजना शुरू की थी. ऐसे में सरकार बदल जाने के बाद 20 मई से 22 मई 2019 में पंचायत सहायकों का कार्यकाल पूरा हो गया था. ऐसे में गहलोत सरकार ने इस योजना से जुड़े पंचायत सहायकों का कार्यकाल दोबारा नहीं बढ़ाया. जिससे हजारों की तादाद में पंचायत सहायक बेरोजगार हो गए. उन्होंने सरकार से भी इस मामले में वार्ता की लेकिन सरकार द्वारा कार्यकाल बढ़ाने की कोई जानकारी कर्मचारी को नहीं दी गई. ऐसे में वे आक्रोशित हो गए.
पंचायत सहायकों के आंदोलन को विद्यार्थी मित्रों का भी समर्थन मिला और उन्हें उनकी भी लंबे समय से वेतन वृद्धि की मांग की जा रही है. जहां दोनों संघों के बैनर तले सरकार खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अपनी मांगों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में विद्यार्थी मित्र व पंचायत सहायक है और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. साथ में बजट में किसी तरह की की घोषणा नहीं होने जैसे आरोप उन्होंने लगाए.