बूंदी. जिले में हैदराबाद और टोंक में हुई घटना का विरोध सड़कों पर दिख रहा है. मंगलवार को बड़ी संख्या में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं और छात्राओं ने जमकर घटना का विरोध किया और जुलूस निकालकर आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है. साथ ही जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपकर मांग की कि 24 घंटे के अंदर उक्त आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए.
डॉक्टर और मासूम के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में यहां पर एबीवीपी के कार्यकर्ता लंका गेट स्थित कन्या कॉलेज से रवाना हुए जो शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. जहां संगठन और स्थानीय युवकों की ओर से हैदराबाद की युवती और मासूम को श्रद्धांजलि दी गई. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कन्या कॉलेज की छात्राएं और स्थानीय युवक मौजूद रहे.
इस दौरान छात्राओं ने जमकर विरोध और नारेबाजी करते हुए नजर आए. यहां पर छात्राएं जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर धरना लगाकर बैठ गई और फांसी देने की मांग करने लगी. एबीवीपी के बूंदी संयोजक पंकज गुर्जर ने कहा कि 3 दिन पूर्व हैदराबाद में एक युवती के साथ मदद के नाम पर हुए अत्याचार और टोंक के अलीगढ़ में मासूम बालिका के साथ अत्याचार का समस्त विद्यार्थी वर्ग निंदा करता है.
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पंकज गुर्जर ने कहा कि देश में आए दिन हो रहे इस प्रकार की वारदात से हमारे देश और बेटियों में भय का वातावरण पैदा हो रहा है. समाज में महिलाओं की स्थिति और निंदनीय है जिसका हम पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं. साथ ही इस प्रकार की घटना को रोकने के लिए देश में कठोर से कठोर कानून लागू होना चाहिए. वहीं ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान हो.
वहीं छात्रा डोली कवर ने मांग की है कि जल्द से जल्द 24 घंटे के अंदर ऐसा कानून लागू हो और 24 घंटे में आरोपियों को फांसी की सजा हो. ताकि इस तरीके का कोई कृत्य अगर कोई व्यक्ति मन में सोचता भी है तो उसे डर महसूस हो, कि अगर वह घटना कर रहा है तो 24 घंटे में उसकी भी जिंदगी खत्म हो जाएगी. ताकि इस तरह की घटनाएं दोराई जा नहीं सके.
साथ ही बताया कि इस घटना के बाद युवतियां अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है. आरोपियों को फांसी की सजा मिलेगी तब जाकर ही उन्हें सबक मिलेगा और सरकार इस ओर कदम उठाए. आरोपियों को जेल में डालने की बजाय सीधा फांसी की सजा हो ताकि वह जेल की रोटी भी नहीं का सके और पीड़िता को सही न्याय मिल सके.
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बता दें कि हैदराबाद ओर टोंक की घटना के खिलाफ कई संगठन सड़कों पर उतर आए है और चारों तरफ इस घटना की निंदा की जा रही है. हालांकि दोनों ही मामलों में पुलिस ने आरोपियों को पकड़ भी लिया है लेकिन आरोपियों को पकड़ने के बाद पूरे देश में लोगों की एक ही मांग की कि इन आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा हो. ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा दोहराई नहीं जा सके. वहीं देश में घटना के विरोध में प्रदर्शन का सिलसिला लगातार जारी है.
टोंक में दुष्कर्म के अपराधियों को मृत्यु दंड दिलाने की मांग को लेकर निकली जन आक्रोश रैली-
राजस्थान के टोंक जिले में मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या साथ ही हैदराबाद में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म औैर जिंदा जलाने की घटना ने फिर दुबारा निर्भया कांड की याद दिला दी है. इसके विरोध में शहर के एक निजी संस्थान के छात्र-छात्राओं ने शहर में जन आक्रोश रैली निकाल कर राष्ट्रपति के नाम देवली तहसील दार रमेश चंद्र जोशी को ज्ञापन सौंप के अपराधियों को मृत्यु दंड दिलाने की मांग की है.
रैली टोडारायसिंह प्रधान शीला मीणा के नेतृत्व में निकाली गई. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने हत्यारों को फांसी दो, पीड़िता को न्याय दो, बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करो, जैसे नारे लगाते हुए विरोध कर रहे थे. वहीं रैली शहर के गौरव पथ स्थित एक निजी कोचिंग संस्थान से शुरू होती हुई जहाजपुर चुंगी नाके, छतरी चौराहे, मुख्य बाजार से होती हुई गुजरी.
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बता दें कि जन आक्रोश रैली में छात्र-छात्राएं हाथों में तख्तियां लेकर चल रही थी. जिस पर सेव वूमेन सेव इंडिया, कब तक अन्याय सहेगी नारी, अबकी बार दरिंदों की बारी जैसे नारे लिखे हुऐ थे. छात्राओं का कहना है कि हमारे देश की कानून व्यवस्था इतनी लचर है कि हर कोई इंसान इसका मजाक उड़ा देता है. जुर्म करने से कोई नही डरता.
साथ ही कहा कि बलात्कारियों को सजा बीच चौराहे पर दी जानी चाहिए और सजा इतनी कठोर हो कि देखने वाले कि रूह तक कांप जाए. उस सजा का लाइव टेलीकास्ट पूरे देश मे किया जाए. तभी लोगो मे कुछ भय व्याप्त होगा नहीं तो ऐसी घटनाएं हर रोज घटित होती रहेगी.