बूंदी. अगर आप बूंदी के चित्तौड़ रोड़ चौराहे से होकर गुजर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बड़े ही काम की है. यहां पर थोड़े सी चूक से जान जा सकती है. ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि आए दिन होने वाली घटनाएं इसका जीता-जागता उदाहरण हैं. अफसोस की बात ये है कि इसके बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी इस विषय को गंभीरता से नहीं ले रहा.
इस मार्ग पर न तो डिवाइडर बने हुए हैं और न ही किसी पुलिसकर्मी को यहां तैनात किया गया है. इस चौराहे पर 1 साल में करीब 20 से अधिक मौत हो चुकी है. सभी हादसों में लापरवाही प्रशासन की रही है. यहां 3 दिन पहले एक भीषण हादसा हुआ, जिसमें एक बाइक सवार युवक के शरीर के परखच्चे उड़ गए और उसकी दर्दनाक मौत हो गई.
ईटीवी भारत की टीम 'खूनी चौराहे' के नाम से मशहूर चित्तौड़ रोड चौराहे पर पहुंची. यहां पहुंचने पर हैरान करने वाले नजारे दिखाई दिए. दोपहर करीब दो बजे चित्तौड़ रोड़ चौराहे की स्थिति के बार में बात करें, तो इस दौरान कई ट्रक ओवरलोड गुजरते नजर आए. इसके अलावा चौराहे के चारो दिशाओं में बिना किसी रोक-टोक के रफ्तार के साथ चालक निकलते दिखाई पड़े. इस चौराहे से एक रास्ता बूंदी शहर की तरफ जाता है. दूसरा शहर के ऊपरी भाग पर, तीसरा रास्ता जयपुर और चौथा और अंतिम रास्ता भीलवाड़ा जिले को जोड़ता है. इन चारों रास्तों को मिलाकर चित्तौड़ चौराहा बनता है.
ईटीवी की पड़ताल में इस चौराहे पर कई ऐसी कमियां पाई गईं, जिनकी सुविधा अगर जल्द से जल्द नहीं की गई तो आने वाले समय में ये रास्ता राहगीरों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. साथ ही चौराहे पर डिवाइडर और पुलिस जवान तैनात करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. स्थानीय बाशिंदों ने बताया कि पूर्व में यहां पुलिस चौकी स्थापित थी, जिसे बाद में हटा दिया गया. सड़क पर अतिक्रमण होने लगे हैं, जिससे चौराहे पर जगह कम हो गई है.
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मामले में एसपी ममता गुप्ता और यातायात प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि लगातार हादसे को लेकर यातायात पुलिस सतर्क है. समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है. उन्होंने ये भी कहा कि चित्तौड़ रोड़ को लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात की गई है. वहां पर एक गुमटी लगाने, स्पीड ब्रेकर बनाने सहित विभिन्न टेक्निकल प्वाइंट को ध्यान में रखते हुए जल्द ये सुविधा दी जाएगी, जिससे हादसो में कमी आए.
बहरहाल, प्रशासन को जाहिए कि वो इस ओर ध्यान दे, जिससे लोगों को बेवजह अपनी जान न गंवानी पड़े. अब देखना ये होगा कि ईटीवी भारत की ओर से इस खबर को प्रमुखता से उठाने के बाद से प्रशासन की ओर से कोई कदम उठाया जाता है या नहीं.