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सावधान! बूंदी के इस चौराहे पर हर पल मंडराता रहता है मौत का साया - चित्तौड़ रोड़ चौराहे

लंबे समय से बूंदी के चित्तौड़ रोड़ चौराहे का हाल-बेहाल है. इस चौराहे पर न तो ट्रैफिक सिग्नल है, न यातायात पुलिसकर्मी और न ही कोई और सुविधा. इससे आए दिन यहां छोटे बड़े हादसे होते रहते हैं. आलम ये है कि लोगों ने इसे चौराहे को 'खूनी चौराहा' के नाम से बुलाना शुरू कर दिया है.

बूंदी की खबर, chittaur road of bundi
खूनी चौराहा बनता जा रहा है बूंदी का चितौड़ रोड चौराहा...
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Published : Feb 4, 2020, 8:18 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 2:39 PM IST

बूंदी. अगर आप बूंदी के चित्तौड़ रोड़ चौराहे से होकर गुजर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बड़े ही काम की है. यहां पर थोड़े सी चूक से जान जा सकती है. ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि आए दिन होने वाली घटनाएं इसका जीता-जागता उदाहरण हैं. अफसोस की बात ये है कि इसके बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी इस विषय को गंभीरता से नहीं ले रहा.

इस मार्ग पर न तो डिवाइडर बने हुए हैं और न ही किसी पुलिसकर्मी को यहां तैनात किया गया है. इस चौराहे पर 1 साल में करीब 20 से अधिक मौत हो चुकी है. सभी हादसों में लापरवाही प्रशासन की रही है. यहां 3 दिन पहले एक भीषण हादसा हुआ, जिसमें एक बाइक सवार युवक के शरीर के परखच्चे उड़ गए और उसकी दर्दनाक मौत हो गई.

खूनी चौराहा बनता जा रहा है बूंदी का चितौड़ रोड चौराहा...

ईटीवी भारत की टीम 'खूनी चौराहे' के नाम से मशहूर चित्तौड़ रोड चौराहे पर पहुंची. यहां पहुंचने पर हैरान करने वाले नजारे दिखाई दिए. दोपहर करीब दो बजे चित्तौड़ रोड़ चौराहे की स्थिति के बार में बात करें, तो इस दौरान कई ट्रक ओवरलोड गुजरते नजर आए. इसके अलावा चौराहे के चारो दिशाओं में बिना किसी रोक-टोक के रफ्तार के साथ चालक निकलते दिखाई पड़े. इस चौराहे से एक रास्ता बूंदी शहर की तरफ जाता है. दूसरा शहर के ऊपरी भाग पर, तीसरा रास्ता जयपुर और चौथा और अंतिम रास्ता भीलवाड़ा जिले को जोड़ता है. इन चारों रास्तों को मिलाकर चित्तौड़ चौराहा बनता है.

ईटीवी की पड़ताल में इस चौराहे पर कई ऐसी कमियां पाई गईं, जिनकी सुविधा अगर जल्द से जल्द नहीं की गई तो आने वाले समय में ये रास्ता राहगीरों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. साथ ही चौराहे पर डिवाइडर और पुलिस जवान तैनात करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. स्थानीय बाशिंदों ने बताया कि पूर्व में यहां पुलिस चौकी स्थापित थी, जिसे बाद में हटा दिया गया. सड़क पर अतिक्रमण होने लगे हैं, जिससे चौराहे पर जगह कम हो गई है.

पढ़ें: बूंदी: 31वां सड़क सुरक्षा सप्ताह शुरू, 5 दिनों तक होंगे विविधि आयोजन

मामले में एसपी ममता गुप्ता और यातायात प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि लगातार हादसे को लेकर यातायात पुलिस सतर्क है. समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है. उन्होंने ये भी कहा कि चित्तौड़ रोड़ को लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात की गई है. वहां पर एक गुमटी लगाने, स्पीड ब्रेकर बनाने सहित विभिन्न टेक्निकल प्वाइंट को ध्यान में रखते हुए जल्द ये सुविधा दी जाएगी, जिससे हादसो में कमी आए.

बहरहाल, प्रशासन को जाहिए कि वो इस ओर ध्यान दे, जिससे लोगों को बेवजह अपनी जान न गंवानी पड़े. अब देखना ये होगा कि ईटीवी भारत की ओर से इस खबर को प्रमुखता से उठाने के बाद से प्रशासन की ओर से कोई कदम उठाया जाता है या नहीं.

बूंदी. अगर आप बूंदी के चित्तौड़ रोड़ चौराहे से होकर गुजर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बड़े ही काम की है. यहां पर थोड़े सी चूक से जान जा सकती है. ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि आए दिन होने वाली घटनाएं इसका जीता-जागता उदाहरण हैं. अफसोस की बात ये है कि इसके बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी इस विषय को गंभीरता से नहीं ले रहा.

इस मार्ग पर न तो डिवाइडर बने हुए हैं और न ही किसी पुलिसकर्मी को यहां तैनात किया गया है. इस चौराहे पर 1 साल में करीब 20 से अधिक मौत हो चुकी है. सभी हादसों में लापरवाही प्रशासन की रही है. यहां 3 दिन पहले एक भीषण हादसा हुआ, जिसमें एक बाइक सवार युवक के शरीर के परखच्चे उड़ गए और उसकी दर्दनाक मौत हो गई.

खूनी चौराहा बनता जा रहा है बूंदी का चितौड़ रोड चौराहा...

ईटीवी भारत की टीम 'खूनी चौराहे' के नाम से मशहूर चित्तौड़ रोड चौराहे पर पहुंची. यहां पहुंचने पर हैरान करने वाले नजारे दिखाई दिए. दोपहर करीब दो बजे चित्तौड़ रोड़ चौराहे की स्थिति के बार में बात करें, तो इस दौरान कई ट्रक ओवरलोड गुजरते नजर आए. इसके अलावा चौराहे के चारो दिशाओं में बिना किसी रोक-टोक के रफ्तार के साथ चालक निकलते दिखाई पड़े. इस चौराहे से एक रास्ता बूंदी शहर की तरफ जाता है. दूसरा शहर के ऊपरी भाग पर, तीसरा रास्ता जयपुर और चौथा और अंतिम रास्ता भीलवाड़ा जिले को जोड़ता है. इन चारों रास्तों को मिलाकर चित्तौड़ चौराहा बनता है.

ईटीवी की पड़ताल में इस चौराहे पर कई ऐसी कमियां पाई गईं, जिनकी सुविधा अगर जल्द से जल्द नहीं की गई तो आने वाले समय में ये रास्ता राहगीरों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. साथ ही चौराहे पर डिवाइडर और पुलिस जवान तैनात करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. स्थानीय बाशिंदों ने बताया कि पूर्व में यहां पुलिस चौकी स्थापित थी, जिसे बाद में हटा दिया गया. सड़क पर अतिक्रमण होने लगे हैं, जिससे चौराहे पर जगह कम हो गई है.

पढ़ें: बूंदी: 31वां सड़क सुरक्षा सप्ताह शुरू, 5 दिनों तक होंगे विविधि आयोजन

मामले में एसपी ममता गुप्ता और यातायात प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि लगातार हादसे को लेकर यातायात पुलिस सतर्क है. समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है. उन्होंने ये भी कहा कि चित्तौड़ रोड़ को लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात की गई है. वहां पर एक गुमटी लगाने, स्पीड ब्रेकर बनाने सहित विभिन्न टेक्निकल प्वाइंट को ध्यान में रखते हुए जल्द ये सुविधा दी जाएगी, जिससे हादसो में कमी आए.

बहरहाल, प्रशासन को जाहिए कि वो इस ओर ध्यान दे, जिससे लोगों को बेवजह अपनी जान न गंवानी पड़े. अब देखना ये होगा कि ईटीवी भारत की ओर से इस खबर को प्रमुखता से उठाने के बाद से प्रशासन की ओर से कोई कदम उठाया जाता है या नहीं.

Intro:बूंदी का चित्तौड़ चौराहा खूनी चौराया बनकर लोगों की जिंदगी निकल रहा है । यहां पर आए दिन हादसे इस चौराहे पर हो रहे हैं लेकिन ना यातायात पुलिस ने इस ओर ध्यान दिया ना ही जिला परिवहन विभाग ने । यहां पर वाहनों का दबाव इस तरीके से तेज रफ्तार में रहता है कि इस चौराहे में महीनों में कई जिंदगी यह चोरहा निगल रहा है। जरूरत है कि चौराहे पर लाल बत्ती ,स्पीड ब्रेकर सहित यातायात पुलिस कर्मी की तैनाती की जाए जिससे यह चोरहा आमजन के लिए सुरक्षित हो सके ।


Body:बूंदी- अगर आप बूंदी के चित्तौड़ रोड चौराहे से होकर गुजर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बड़ी ही काम की है। यहां पर थोड़े से भी चूके तो आपकी जान पर बन सकती है । आए दिन हो रही घटनाओं के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी गंभीरता से इस चौराहे पर ध्यान नहीं दे रहा है। इस मार्ग पर ना तो डिवाइडर बनाए हुए हैं ना ही किसी पुलिसकर्मी को यहां तैनात किया गया है नतीजा बे रोक टोक वाहन चालक यहां रफ्तार के साथ और फर्राटे भर रहे हैं जिसके चलते कई हादसे हो चुके हैं । रही कसर सड़क किनारे लगे बिजली के पोल ने पूरी कर दी है और यहां सड़क किनारे हो रहे अतिक्रमण हादसों को न्योता दे रहे हैं । इस चौराहे पर 1 वर्ष में करीब 20 से अधिक मौतें हो चुकी है और सभी हादसों में लापरवाही प्रशासन की रही है क्योंकि तेज रफ्तार सवार ट्रक चालकों ने बाइक सवार को इस तरीके से रौंदा कि उनके शरीर के परखच्चे तक उड़ गए । हाल ही में ही 3 दिन पूर्व ऐसा ही हादसा घटित हुआ था जहां पर दो ट्रकों की भिड़ंत में एक बाइक सवार के शरीर के पूरे परखच्चे उड़ गए और दर्दनाक उसकी मौत हुई थी। इस हादसे की तस्वीरें भयानक थी और बाइक की हालत किया है यह सड़क किनारे अभी भी पड़ी हुई है बाइक को देख लीजिये जिसे देख यही लगता है कि कितना भीषण सड़क हादसा यह रहा होगा ।

ईटीवी भारत की टीम इस खूनी चौराहे के नाम पर मशहूर हो रहे चित्तौड़ रोड चौराहे पर पहुंची जहां पर दोपहर को चित्तौड़ रोड चौराहे की स्थिति को देखा गया । कई ट्रक ओवरलोड गुजरते नजर आए । चौराहे के चारों ही दिशाओं की ओर बे रोक टोक चालक बिना रुके रफ्तार के साथ निकलते हुए दिखाई पड़े । एक रास्ता बूंदी शहर की तरफ जाता है तो दूसरा रास्ता शहर के ऊपरी भाग पर तीसरा रास्ता जयपुर तो चौथा रास्ता भीलवाड़ा जिले को जोड़ता है और इन चारों रास्तों को मिलाकर चित्तौड़ चौराहा बनता है ।

ईटीवी की पड़ताल में सामने आया कि चित्तौड़ रोड चौराहे पर डिवाइडर बनना चाहिए, ट्रैफिक लाइट यहां लगे साथ ही स्थाई चौकी स्थापित हो ,चौराहे पर हो रहे अतिक्रमण को हटाना आवश्यक है ,चौराहे पर रात के समय पर्याप्त प्रकाश की आवश्यकता है ,सड़क किनारे लगे विद्युत पोलों की स्थिति भी सही हो , साथ में इस चौराहे पर स्पीड ब्रेकर सहित दिशा निर्देश बोर्ड होना भी यहां की सबसे बड़ी मांग लोगों ने की है । चित्तौड़ रोड चौराहे पर डिवाइडर व पुलिस जवान तैनात करने की मांग जोर पकड़ने लगी है । स्थानीय बाशिंदों ने बताया कि पूर्व में यहां पुलिस चौकी स्थापित थी लेकिन बाद में हटा दी गई । साथ ही सड़क पर अतिक्रमण होने लगे हैं जिससे चोरहा छोटा नजर आने लगा है । जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है ।

उधर एसपी ममता गुप्ता व यातायात प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि लगातार हादसे को लेकर यातायात पुलिस सतर्क है और समय-समय पर जागरूकता के अभियान भी चलाती है । चित्तौड़ रोड को लेकर हमने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात की है और वहां पर एक गुमटी लगाने ,स्पीड ब्रेकर बनाने सहित विभिन्न टेक्निकल प्वाइंट को ध्यान में रखते हुए जल्द वहां पर यह सुविधा दी जाएगी । जिससे हादसे से कम हो और लगातार हादसे बढ़ रहे हैं यह चिंता का विषय उन्होंने बताया है ।


Conclusion:जो भी हो रात होते ही अंधेरा राज ओर सर्किल बना रहा खूनी चोरहा ओर कई हादसे हो चुके हैं जिम्मेदार का कोई ध्यान नहीं यही सब चित्तौड़ रोड चौराहे पर नजर आ रहा है । खूनी चौराया चित्तौड़ रोड चौराया बनता जा रहा है और आमजन भी अब इस चौराहे को खूनी चौराया बोल रहे हैं । जरूरत है कि प्रशासन जो दावे कर रहा है वह दावे सार्थक साबित हो और जमीनी स्तर पर इस चित्तौड़ रोड चौराहे के लिए कायाकल्प हो ताकि आमजन की जान पर यह चोराहा नहीं बन सके । अब देखना होगा कि ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया है । प्रशासन किस तरीके से इस चौराहे की तकनीकी खामियों को कब सुधार पाता है ।

बाईट - ममता गुप्ता , एसपी बूंदी
बाईट - संजय दाधीच , स्थानीय युवक
बाईट - मनोज प्रजापत , युवा
बाईट - महेन्द्र सिंह , यातायात प्रभारी ,बूंदी
Last Updated : Feb 5, 2020, 2:39 PM IST
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