बूंदी. जिले का हाड़ौती क्षेत्र इन दिनों बाढ़ की चपेट में है. क्षेत्र का हर इलाका पानी से ग्रस्त है. लगातार चम्बल नदी खतरे के निशान पर बह रही है. प्रशासन ने कोटा बैराज के सभी 19 गेटों को खोल दिया है और 7 लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. जिसके कारण केशोरायपाटन क्षेत्र पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गया है. केशोरायपाटन ,घाट का बराना , रोटेदा सहित कई कस्बों की बस्तियों में पानी घुस चुका है.
चम्बल नदी डाउन स्ट्रीम इलाके में उफान पर बह रही है जिससे निचली बस्तियों में बाढ़ के हालात बने हुए है. चम्बल नदी के ऊपरी इलाको में बारिश के कारण गांधी सागर बांध,राणाप्रताप सागर,जवाहर सागर एंव कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से चंबल का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जिससे केशोरायपाटन उपखण्ड के रोटेदा की कीर बस्ती,बायपास कॉलोनी और डोलर गांव में कई बस्तियां जलमग्न हो गई हैं.
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डोलर में करीब एक दर्जन और कीर बस्ती में दो सौ लोग टापू में फंसे हुए है जिन्हें निकालने के लिए रविवार को सिविल डिफेंस बूंदी की टीम पहुंची. पानी का बहाव देख टीम ने संसाधनों की कमी बताकर रेस्क्यू से इनकार कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि नदी का जलस्तर पिछले आठ दिनों से बढ़ रहा था फिर भी प्रशासन कोई सख्ती नहीं दिखाई गई. रविवार को जब बस्ती जलमग्न हुई तो ग्रामीणों ने रोष जताकर लोकसभा अध्यक्ष को मामले से अवगत करवाया. इस दौरान अधिकारी गांवो में दौड़ते नजर आए.
बात करें डोलर क्षेत्र की तो वहां रेस्क्यू टीम ने ऑपरेशन चलाकर आठ लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है. वहीं, रोटेदा कीर बस्ती में रात्रि को रेस्क्यू किया गया लेकिन अंधेरा होने से एंव बोट पंचर होने से दस लोगों को ही निकाला जा सका. क्षेत्र के विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल ने भी वहां का जायजा लिया है और लोगों को हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया है.
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इस घटना के कारण नदी की तरफ बसी कीर बस्तियों मे रात से ही पानी भरना शुरू हो गया. जिसके कारण कई कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गये. इस दौरान ग्राम पंचायत के सरपंच संदीप जैन और ग्राम विकास अधिकारी कमलाशंकर मीणा ने बस्ती के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा.