बूंदी. राजस्थान में निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. भाजपा जहां कांग्रेस के 2 साल के शासनकाल को विफल बताकर जनता से वोट मांग रही है वहीं कांग्रेस गहलोत सरकार के कामों के दम पर निकाय चुनावों में जीत की ताल ठोक रही है. बूंदी में पूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. सैनी ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला. प्रभुलाल सैनी ने कृषि कानून को किसानों के हित में बताया.
प्रभुलाल सैनी ने कहा कि निकाय चुनाव में भाजपा का हर जगह बोर्ड बनेगा. कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से भाजपा को शानदार जीत मिलेगी. भले ही 50 निकायों के चुनाव में गहलोत सरकार ने वार्डों का परिसीमन कर और सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर तिकडम किया हो, लेकिन कांग्रेस को आशानुरूप नतीजे नहीं मिले. सैनी ने कहा कि 2.41 करोड़ मतदाताओं के 21 जिलों के पंचायतीराज चुनाव में 5 में ही कांग्रेस को सफलता मिली, वहीं भाजपा ने जनता के आशीर्वाद से 14 जिलों में जिला प्रमुख बोर्ड बनाएं.
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सैनी ने कहा कि 14 करोड़ मतदाताओं के 50 निकायों में कांग्रेस को भाजपा से मात्र 2888 वोट ही अधिक मिले थे. प्रदेशभर में गांवों से लेकर शहरों तक जनविरोधी नीतियों के कारण जनता कांग्रेस को नकार रही है, जिसका बड़ा स्पष्ट प्रमाण 21 जिलों में हुए पंचायतीराज चुनाव में देखने को मिला.
किसानों के लिए हक में है कृषि कानून
कृषि कानून को लेकर पूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा है कि यह कानून किसानों के लिए हितकारी है. प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर उन्होंने कहा कि हम किसानों को मना लेंगे, अगली बैठक में हमें विश्वास है कि किसान हमारी बातों पर अमल करेंगे. उन्होंने कहा कि किसान अपने पैदावार का खुद मालिक होता है वह कहीं पर भी उपज बेच सकता है. कांग्रेस के लोग सार्वजनिक रूप से किसानों के नाम पर किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं.
किसान को अपनी उपज कहीं भी बेचने का हक
प्रभुलाल सैनी ने कहा कि जब बड़ी-बड़ी कंपनियां आलपिन से लेकर हवाई जहाज तक खुद बेचने का अधिकार रखती हैं तो किसान को ये अधिकार क्यों ना मिले की वो अपनी उपज जहां चाहे वहां बेच सके. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हक में यह कानून बनाए हैं. इन कानूनों से 2022 तक किसानों की आय दुगनी हो इसको लेकर सरकार लगातार काम कर रही है.
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सैनी ने मंडी कल्चर बंद होने को लेकर कहा कि कृषि अधिनियम राज्य सरकारों के हाथों में है. केंद्र सरकार ने संघ सूची के अधिनियम 42 में संशोधन करते हुए यह तीनों कृषि कानून बनाए हैं, जिसमें किसानों को एक से दूसरे राज्य में, एक से दूसरे जिले में और एक देश से दूसरे देश में कहीं पर भी अपने उपज बेचने की छूट दी है. किसी प्रकार का किसानों पर दबाव नहीं है यह अनिवार्य भी नहीं है यह स्वैच्छिक है. कोई भी किसान इस कानून के दायरे में रहकर काम कर सकता है और किसान की मर्जी है तो वो मंडियों में अपनी उपज बेच सकता है.
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि गहलोत सरकार ने केंद्र कृषि कानून में संशोधन कर बिल को लागू करने की कोशिश की लेकिन वह यह भूल गए कि जो वर्तमान में राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी हैं अजय माकन वह 2014 में एक ट्वीट कर यह कह चुके हैं कि जो मंडी हैं वहां किसी का दबाव नहीं हो किसान अपनी मर्जी का मालिक हो. ट्रैक्टर रैली को लेकर सैनी ने कहा कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है, केंद्र सरकार का एक बड़ा पैनल किसानों से वार्ता करेगा और उम्मीद है कि किसान मान जाएंगे.
प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमरा गई है
कानून व्यवस्था को लेकर प्रभुलाल सैनी ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जयपुर सहित पूरे प्रदेश में कोई सुरक्षित नहीं है, कानून व्यवस्था चरमराई हुई है. बेरोजगारों को भत्ता नहीं मिल रहा, भर्तियां समय से हो नहीं रही हैं, संविदाकर्मियों को नियमित नहीं किया जा रहा और सरकार की नाक के नीचे भ्रष्टाचार भी तेजी से पनप रहा है. उन्होंने कहा कि दो वर्षों में शहरी निकायों में विकास कार्यों का एक भी टेंडर नहीं हुआ है. प्रदेश भर में अराजकता का माहौल बना हुआ है.
संपूर्ण कर्जमाफी को लेकर बड़े आंदोलन की तैयारी
प्रभुलाल सैनी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर वैट देशभर में सबसे ज्यादा राजस्थान में है, जिसको कम कर गहलोत सरकार को आमजन को राहत देनी चाहिए. उन्होंने सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी को लेकर कहा कि यह वादा कर गहलोत सरकार अपने ही जाल में फंस गई है, जिससे राजस्थान का किसान ठगा हुआ महसूस कर रहा है. विधानसभा उपचुनाव से पहले भाजपा इस मुद्दे को लेकर प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन करने की रणनीति बना रही है.