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रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में वन विभाग की टीम का दौरा, जंगल को बाघों के अनुकूल बनाने पर जोर - Rajasthan Hindi News

बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को बाघों के अनुकूल बनाने के लिए वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. जंगलों में जूलीफ्लोरा को हटाकर ग्रासलैंड विकसित करने का काम चल रहा है, साथ ही जंगल में रास्ते बनाने का काम भी शुरू हो गया है.

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 25, 2023, 5:38 PM IST

बूंदी. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघों को बेहतर आश्रय स्थल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कोर के साथ-साथ अब बफर जोन के जंगलों को भी बाघों के अनुकूल बनाने का काम वन विभाग ने शुरू कर दिया है. बाघों के लिए श्रेष्ठ आश्रय स्थल रहे कालदां के जंगलों में जूलीफ्लोरा को हटाकर ग्रासलैंड विकसित करने का काम चल रहा है. साथ ही जंगल में रास्ते बनाने का काम भी शुरू हो गया है. विभाग का प्रयास है कि आने वाले समय में कालदां के वन क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों को कम कर, इन्हें वन्यजीवों के लिए अच्छे आश्रय स्थल के रूप में विकसित किया जाए.

टीम ने किया जंगल का दौरा : उप वन संरक्षक बूंदी ओ पी जांगिड़ ने बताया कि रिजर्व क्षेत्र में वन्यजीवों से समृद्ध एव जैव विविधता के लिहाज से महत्वपूर्ण दुर्गम कालदां वन क्षेत्र के टाइगर रिजर्व के बफर जोन का अवलोकन किया. उन्होंने बताया कि वन अधिकारियों के साथ मोचड़ियां के देवनारायण स्थान के पास विकसित किए जा रहे कालदां ग्रासलैंड का भी अवलोकन किया गया. इस दौरान पूर्व क्षेत्रीय वन अधिकारी संजीव गौतम, पर्यावरण प्रेमी पृथ्वी सिंह राजावत, गुढ़ानाथावतान नाका प्रभारी श्योजी लाल चौहान व वन रक्षक रमेश मीणा ने पैदल गश्त कर वन क्षेत्र को देखा.

इसे भी पढ़ें : बूंदी के रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य में पहुंचा टाइगर, ट्रैकिंग में लगा वन विभाग

टीम ने गुढ़ा नीम का खेड़ा वन खण्ड में भूकी का नाला, खजूरी का नाला आदि वन क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कालदां से चिलम का कांकरा होते हुए बनाए जा रहे ट्रैक का भी अवलोकन किया. जल्द ही यहां दूसरे ट्रैकिंग रूट निर्माण व ग्रासलैंड विकसित करने के साथ-साथ पौधारोपण का काम भी शुरू होगा.

कालदां के लिए नया रास्ता बनने से बढ़ी जंगलों की सुरक्षा : उपवन संरक्षक ने बताया कि वन विभाग की नियमित गश्त व गुढ़ा नाथावतान से कालदां जाने का नया रास्ता बनने से इस वर्ष वन क्षेत्रों में शिकारियों पर अंकुश लगा है. पशुपालकों के प्रवेश और बाड़े बनाने पर भी रोक लगी है, जो आने वाले समय में जैव विविधता के लिए अच्छा कदम सिद्ध होगा. वन विभाग जल्द ही कालदां में स्थाई वन चौकी बनाकर इस क्षेत्र को बाघों के अनुकूल बनाने की योजना पर काम कर रहा है.

बूंदी. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघों को बेहतर आश्रय स्थल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कोर के साथ-साथ अब बफर जोन के जंगलों को भी बाघों के अनुकूल बनाने का काम वन विभाग ने शुरू कर दिया है. बाघों के लिए श्रेष्ठ आश्रय स्थल रहे कालदां के जंगलों में जूलीफ्लोरा को हटाकर ग्रासलैंड विकसित करने का काम चल रहा है. साथ ही जंगल में रास्ते बनाने का काम भी शुरू हो गया है. विभाग का प्रयास है कि आने वाले समय में कालदां के वन क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों को कम कर, इन्हें वन्यजीवों के लिए अच्छे आश्रय स्थल के रूप में विकसित किया जाए.

टीम ने किया जंगल का दौरा : उप वन संरक्षक बूंदी ओ पी जांगिड़ ने बताया कि रिजर्व क्षेत्र में वन्यजीवों से समृद्ध एव जैव विविधता के लिहाज से महत्वपूर्ण दुर्गम कालदां वन क्षेत्र के टाइगर रिजर्व के बफर जोन का अवलोकन किया. उन्होंने बताया कि वन अधिकारियों के साथ मोचड़ियां के देवनारायण स्थान के पास विकसित किए जा रहे कालदां ग्रासलैंड का भी अवलोकन किया गया. इस दौरान पूर्व क्षेत्रीय वन अधिकारी संजीव गौतम, पर्यावरण प्रेमी पृथ्वी सिंह राजावत, गुढ़ानाथावतान नाका प्रभारी श्योजी लाल चौहान व वन रक्षक रमेश मीणा ने पैदल गश्त कर वन क्षेत्र को देखा.

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टीम ने गुढ़ा नीम का खेड़ा वन खण्ड में भूकी का नाला, खजूरी का नाला आदि वन क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कालदां से चिलम का कांकरा होते हुए बनाए जा रहे ट्रैक का भी अवलोकन किया. जल्द ही यहां दूसरे ट्रैकिंग रूट निर्माण व ग्रासलैंड विकसित करने के साथ-साथ पौधारोपण का काम भी शुरू होगा.

कालदां के लिए नया रास्ता बनने से बढ़ी जंगलों की सुरक्षा : उपवन संरक्षक ने बताया कि वन विभाग की नियमित गश्त व गुढ़ा नाथावतान से कालदां जाने का नया रास्ता बनने से इस वर्ष वन क्षेत्रों में शिकारियों पर अंकुश लगा है. पशुपालकों के प्रवेश और बाड़े बनाने पर भी रोक लगी है, जो आने वाले समय में जैव विविधता के लिए अच्छा कदम सिद्ध होगा. वन विभाग जल्द ही कालदां में स्थाई वन चौकी बनाकर इस क्षेत्र को बाघों के अनुकूल बनाने की योजना पर काम कर रहा है.

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