बूंदी. जिले के जावरा गांव में वन विभाग के कर्मचारियों की ओर से पशुपालन किसानों से मारपीट की जाने का मामला सामने आया है. यहां पर वन विभाग के खिलाफ जावरा ग्राम के लोगों ने बूंदी जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है और कार्रवाई नहीं होने पर गांव में वन विभाग की टीम का विरोध करने की चेतावनी दी है.
आरोप लगाते हुए जावरा गांव के निवासी मोतीलाल, गोकुल मीणा ने जिला कलेक्टर को शिकायत करते हुए कहा कि 10 सितंबर को जावरा गांव में वन विभाग की पहाड़ी पर भेड़ बकरियों को चराने के लिए गांव के आधा दर्जन किसान साथ में थे. तभी वन विभाग के रेंजर धनराज गुर्जर और अन्य कर्मचारी मौके पर आए और उन्होंने भेड़ बकरियों को देखकर मारपीट करना शुरू कर दिया और जमकर जातिसूचक शब्दों से किसानों को अपमानित किया और उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी. मारपीट इस तरह से की इन दोनों किसानों के आंखों पर चोट आई है. इस पर ग्रामीणों ने दोनों को बूंदी जिला अस्पताल में भी भर्ती करवाया है. जहां पर चोट होने के सबूत सामने आए हैं.
इस मारपीट से नाराज जावरा गांव के लोगों ने बूंदी जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए वन विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र के अंदर किसी को भी किसी के साथ मारपीट करने का प्रावधान नहीं है यदि गलती की है तो सजा दी जाए, लेकिन इस तरीके से मारपीट करना गलत है.
उन्होंने बूंदी जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि 7 दिवस के अंदर मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती है तो जावरा गांव के ग्रामीण वन विभाग की कार्यशैली से नाराज होकर लामबंद होंगे और वन विभाग को गांव में प्रवेश नहीं होने देंगे. इस पर बूंदी जिला कलेक्टर ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया है कि इस मामले में जल्द जांच कमेटी बैठाई जाएगी और मामले की जांच करवाई जाएगी.
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गौरतलब है कि बूंदी के अधिकतर गांव रामगढ़ अभयारण्य में आते हैं. इन ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय कृषि पशुपालन भेड़ बकरियां पालने और उनसे होने वाले आमदनी से अपना परिवार का खर्च ग्रामीण चलाते हैं. ऐसे में कई वर्षों से बूंदी के ये गांव अभयारण्य में है. यहां पर ग्रामीण अभयारण्य में भेड़ बकरी चराने गए थे इसी पर वन विभाग के कर्मचारियों ने मारपीट की है जिससे ग्रामीण नाराज है.