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बूंदी : सर्वे रिपोर्ट आने के बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण, आक्रोशित लोग करेंगे जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

बूंदी में नगर परिषद की लापरवाही के चलते शहर के सबसे बड़े नाले पर हुए अतिक्रमण को लेकर जिला कलेक्टर ने सर्वे करवाया था. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद भी अभी तक अतिक्रमण को नहीं हटाया गया है. जिससे क्षेत्रवासियों में आक्रोश है.

बूंदी में अतिक्रमण, enroachment in bundi
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Published : Sep 10, 2019, 5:56 PM IST

बूंदी. जिले में हुई लगातार बरसात के चलते बूंदी शहर पिछले 15 दिनों तक बाढ़ की चपेट में रहा और कई कॉलोनियों में भी जलभराव की स्थिति बनी रही. बता दें कि नगर परिषद की लापरवाही के चलते शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने की वजह से बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर के एरिया को सम्मलित करते हो गए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है. ऐसे में जैतसागर और नवल सागर झील का पानी भी इसी से होकर गुजरता है.

अतिक्रमण हटाने के लिए क्षेत्रवासी करेंगे प्रदर्शन

इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान और स्कूल बने हुए हैं. नाले पर जवाहर कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, पुलिस लाइन, शास्त्री नगर, देवपुरा ताल का अतिक्रमण है. यहां पर कब्जा करने वाले लोगों ने प्लाट काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया है जिसके चलते नाले की चौड़ाई 40 फिट रह गयी. वहीं जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ और इलाका जलमग्न हो गया. जिससे 20 से ज्यादा कॉलोनी बाढ़ की चपेट में आ गई और करीब 20 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में रहे.

पढ़ें- कांग्रेस ने कैडर तैयार करने के लिए कसी कमर

वहीं इस मामले में ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर ने जैतसागर के नाले पर अतिक्रमण को लेकर नगर परिषद के अधिकारियों और पटवारी के साथ कानूनगो को नाले पर हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करवाया था. जिसके बाद 2 दिनों तक सर्वे चला और सर्वे रिपोर्ट प्रभारियों ने जिला कलेक्टर को सौंप दी है. जहां 10 किलोमीटर के नाले पर दो सौ से अधिक अतिक्रमण की बात सामने आई. जिसके लिए इलाके के लोगों ने कलेक्टर से अतिक्रमण हटाने की मांग की है.

एक बार फिर क्षेत्र के लोगों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रशासन ने 7 दिन का समय दिया था जो 26 अगस्त को पूरा गया फिर 5 सितम्बर का समय दिया गया जो पूरा हो गया. जिसके बाद अब 11 सितम्बर को बड़ी संख्या में लोग जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे और अतिक्रमण हटाने की मांग पुरजोर तरीके से रखेंगे.

बूंदी. जिले में हुई लगातार बरसात के चलते बूंदी शहर पिछले 15 दिनों तक बाढ़ की चपेट में रहा और कई कॉलोनियों में भी जलभराव की स्थिति बनी रही. बता दें कि नगर परिषद की लापरवाही के चलते शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने की वजह से बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर के एरिया को सम्मलित करते हो गए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है. ऐसे में जैतसागर और नवल सागर झील का पानी भी इसी से होकर गुजरता है.

अतिक्रमण हटाने के लिए क्षेत्रवासी करेंगे प्रदर्शन

इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान और स्कूल बने हुए हैं. नाले पर जवाहर कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, पुलिस लाइन, शास्त्री नगर, देवपुरा ताल का अतिक्रमण है. यहां पर कब्जा करने वाले लोगों ने प्लाट काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया है जिसके चलते नाले की चौड़ाई 40 फिट रह गयी. वहीं जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ और इलाका जलमग्न हो गया. जिससे 20 से ज्यादा कॉलोनी बाढ़ की चपेट में आ गई और करीब 20 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में रहे.

पढ़ें- कांग्रेस ने कैडर तैयार करने के लिए कसी कमर

वहीं इस मामले में ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर ने जैतसागर के नाले पर अतिक्रमण को लेकर नगर परिषद के अधिकारियों और पटवारी के साथ कानूनगो को नाले पर हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करवाया था. जिसके बाद 2 दिनों तक सर्वे चला और सर्वे रिपोर्ट प्रभारियों ने जिला कलेक्टर को सौंप दी है. जहां 10 किलोमीटर के नाले पर दो सौ से अधिक अतिक्रमण की बात सामने आई. जिसके लिए इलाके के लोगों ने कलेक्टर से अतिक्रमण हटाने की मांग की है.

एक बार फिर क्षेत्र के लोगों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रशासन ने 7 दिन का समय दिया था जो 26 अगस्त को पूरा गया फिर 5 सितम्बर का समय दिया गया जो पूरा हो गया. जिसके बाद अब 11 सितम्बर को बड़ी संख्या में लोग जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे और अतिक्रमण हटाने की मांग पुरजोर तरीके से रखेंगे.

Intro:बूंदी के जैतसागर नाले पर अतिक्रमण का सर्वे पूरा हो गया है। 2 दिनों तक चले 10 किलोमीटर के नाले का अतिक्रमण सर्वे रिपोर्ट नगर परिषद के अधिकारियों ने जिला कलेक्टर को सौंप दी है ।ऐसे में अब इलाके के लोगों ने जल्द से जल्द हटाने की मांग कर रहे हैं और प्रशासन ने इस मामले में ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने 11 सितम्बर को आंदोलन की चेतावनी दी है । बाढ़ ग्रस्त लोग जिला कलेक्ट्रेट पर कूच करेंगे ।




Body:बूंदी में लगातार बरसात होने के चलते शहर में पिछले 15 दिनों तक बाढ़ की चपेट में रहा और कई कॉलोनियों सहित शहर का हिस्सा बाढ़ की चपेट में रहा। यहां पर नगर परिषद की लापरवाही सामने आई क्योंकि शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर एरिया को सम्मलित करते हो गए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है । ऐसे में जैतसागर एवं नवल सागर झील का पानी भी इसी से होकर गुजरता है। इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान व स्कूल बने हुए हैं । नाले पर अतिक्रमण जवाहर कॉलोनी ,महावीर कॉलोनी ,पुलिस लाइन ,शास्त्री नगर , देवपुरा ताल अतिक्रमण है। नाले पर लोगों ने अतिक्रमण के चलते अपनी पानी दीवारे खड़ी कर रखी है। नाला कही 5 फिट तो कही 10 फिट चौड़ा व 10 फीट गहरा गया है । नगर परिषद ने अतिक्रमण करने वालो को सह दे रखी है । यहां पर कब्जे करने वाले लोगों ने प्लाट काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया है उसी के चलते नाले की चौड़ाई 40 फिट रह गयी । ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ और ईलाका जलमग्न हो गया । इससे ज्यादा 20 कॉलोनी इस बाढ़ की चपेट में आ गई और करीब 20000 से ज्यादा लोग इस बाढ़ की चपेट में रहे । महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, शास्त्री नगर कॉलोनी , गणेश नगर की कॉलोनी में पानी भर गया था ।

इस मामले में ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए जिला कलक्टर ने जैतसागर के नाले पर अतिक्रमण की ख़बर पर नगर परिषद के अधिकारियों व पटवारी तथा कानूनगो के साथ मिलकर नाले पर हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करवाया था । करीब 2 दिनों तक यहां पर सर्वे चला उसके बाद सर्वे रिपोर्ट प्रभारियों ने जिला कलेक्टर को सौंप दी है । ऐसे में करीब 10 किलोमीटर के नाले पर दो सौ से अधिक अतिक्रमण की बात सामने आई। इलाके के लोगों ने कलेक्टर से अतिक्रमण हटाने की मांग की है ।




Conclusion:आज फिर से इलाके के लोग मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा है कि सर्वे रिपोर्ट हो चुकी है । ऐसे में अब अतिक्रमण हटवाने करवाने की बारी है जो करीब 100 से 200 की तादाद में है । अगर नाले पर अतिक्रमण हट जाएगा तो बूंदी शहर का आधा हिस्सा बाढ़ की चपेट में नहीं आएगा । करीब राजस्व रिकॉर्ड में 72 फिट के नाले को 72 फिट स्थापित का कर दिया जाए ऐसी उन्होंने मांग रखी । उन्होंने कहा कि प्रशासन ने 7 दिन का समय हमें दिया था जो 26 अगस्त को पूरा गया फिर हमें 5 सितम्बर का समय दिया वह भी पूरा हो गया ऐसे अब 11 सितम्बर को बड़ी संख्या में इलाके के लोग जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे और अतिक्रमण हटाने की मांग पुरजोर तरीके से रखेंगे ।

बाईट - रूपेश शर्मा , युवा नेता
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