बूंदी. कोरोना काल की भयावह परिस्थितियों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम की जिस महकमे को सबसे बड़ी जिम्मेदारी मिली हुई है, जिन्हें आज पूरा देश कोरोना फाइटर, कोरोना वॉरियर्स, असली हीरो कहता नहीं थक रहा, उसी महकमे के मुखिया के कोरोना संक्रमण को लेकर भारी लापरवाही बरतना समझ से परे है. हम बात कर रहे हैं बूंदी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेंद्र त्रिपाठी की.
सवाल यह है कि जिले का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ही जब कोरोना पॉजिटिव होने के पश्चात लापरवाही बरतते हुए दूसरे लोगों की जिंदगी को संकट में डालें तो आमजन से क्या अपेक्षा की जा सकती है. बूंदी सीएमएचओ महेंद्र त्रिपाठी की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. रविवार को सीएमएचओ महेंद्र त्रिपाठी की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी वे सोमवार को अपने कार्यालयों में कर्मचारियों के साथ काम करते रहने के साथ ही अपनी कोरोना रिपोर्ट भी छुपाने का प्रयास करते रहे. इस इस बड़ी लापरवाही पर हर तरफ उनकी आलोचना हो रही है.
डॉ. महेंद्र त्रिपाठी ने रविवार सुबह कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया था, जिसकी शाम को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. हालांकि, खबर यह भी है कि सोमवार को सीएमएचओ डॉ. महेंद्र त्रिपाठी ने कोटा में कोरोना जांच के लिए रिपीट सैंपल दिया है, जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है. रविवार को कोरोना जांच के लिए सैंपल देने के बाद यह जिम्मेदार अधिकारी सीएमएचओ डॉ. महेंद्र त्रिपाठी लापरवाही बरतते हुए राज्य मंत्री अशोक चांदना द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं चिकित्सा व्यवस्थाओं पर ली गई समीक्षा बैठक में भाग लेने जिला कलेक्ट्रेट स्थित कलेक्टर चैंबर में पहुंचे.
जहां राज्य मंत्री अशोक चांदना, जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता, जिला प्रमुख चंद्रावती कंवर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर एयू खान, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरी लाल, उपखंड अधिकारी कैलाश गुर्जर आदि के साथ कोविड-19 समीक्षा बैठक में भाग लिया. महेंद्र त्रिपाठी की लापरवाही के चलते अब बैठक में शामिल मंत्री चांदना, जिला प्रमुख चंद्रावती कंवर एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराता नजर आ रहा है.
हद तो तब हो गई जब रविवार शाम को कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के पश्चात भी सीएमएचओ डॉ महेंद्र त्रिपाठी सोमवार को अपने कार्यालय में पहुंच गए एवं सहकर्मियों के साथ दिन में अपने कार्यालय में काम करते रहे. उनकी इस लापरवाही के चलते मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के अन्य कार्मिक भी गहरे सदमे में हैं. हालांकि, 31 कर्मचारी भी पॉजिटिव आये हैं, बाकी यहां बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव सामने आने की आशंका जताई जा रही है.
बूंदी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पद पर लगाए जाने के पश्चात डॉ. महेंद्र त्रिपाठी कई बार विवादों के घेरे में रहे हैं. बूंदी सीएमएचओ डॉ महेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ कोटा मैं पदस्थापित रहने के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा मैं एक मुकदमा भी दर्ज हैै, जिसे लेकर बूंदी के एक भाजपा नेता द्वारा कई बार सीएमएचओ को हटाने की मांग की जा चुकी है.
बारां के विधायक पानाचंद मेघवाल ने भी महेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ एसीबी में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद प्रमोशन कर बूूंदी सीएमएचओ पद पर लगाए जाने का मामला हाल ही में विधानसभा में उठाया था. खैर जो भी हो बाहर हाल बूंदी सीएमएचओ महेंद्र त्रिपाठी की लापरवाही के चलते कई लोगों पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. देखना यह होगा कि अब राज्य सरकार सीएमएचओ के खिलाफ क्या रुख अपनाती है या पूर्व में एसीबी में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उपकृत किए जाने जैसा ही रुख सरकार द्वारा अपनाया जाएगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.