बूंदी. जिला रेलवे स्टेशन पर विद्युतीकरण का कार्य तेज गति से चल रहा है. बूंदी रेलवे स्टेशन पर पिछले 6 महीने से पोल बिछाने का कार्य किया जा रहा है. पोल बिछने के बाद अब विद्युतीकरण के लिए तार खींचने का काम शुरू हो गया है.
बता दें कि बूंदी, चित्तौड़गढ़ और कोटा रेलवे स्टेशनों पर विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है, जो करीब 150 करोड़ की लागत से 2 चरणों में पूरा होगा. पहला चरण 31 मार्च 2020 तक पूरा होगा. इस चरण में बूंदी के गुडली और भीलवाड़ा के चंदौली रेलवे स्टेशन तक यह कार्य पूरा होगा.
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दूसरे चरण में चंदौली से लेकर चित्तौड़गढ़-नीमच रेलवे लाइन तक का काम पूरा होगा. माना जा रहा है कि यह कार्य 2021 तक पूरा हो जाएगा. इस कार्य के पूरा होने के बाद नई ट्रेनों का संचालन भी बूंदी रेलवे स्टेशन से हो सकेगा.
लंबे समय बाद हुआ विद्युतीकरण
बूंदी रेलवे स्टेशन का लोकार्पण तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और रेल मंत्री माधवराव सिंधिया ने 1992 में किया था. रेलवे स्टेशन तो बन गया, लेकिन स्टेशन का विकास कार्य नहीं हो पाया. बूंदी रेलवे स्टेशन से गिनी-चुनी ट्रेनें ही गुजरती थी. लेकिन बूंदीवसियों की लगातार मांग पर बूंदी रेलवे स्टेशन से चित्तौड़गढ़-कोटा लाइन का विद्युतीकरण करने का कार्य शुरू हुआ, जो तेज गति से चल रहा है.
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रेलवे मंडल का कहना है, कि विद्युतीकरण से कई फायदे होते हैं. बूंदी रेलवे स्टेशन पर करीब 6 से अधिक ट्रेनों का ठहराव होता है और यहां से यात्रियों का आवागमन भी रहता है. उनका कहना है, कि डीजल इंजन से रेलवे मंडल को काफी भार उठाना पड़ता है, जबकि विद्युतीकरण से कम खर्चा रेलवे मंडल को होता है. साथ में डीजल इंजन वाली ट्रेन को रफ्तार कम मिलती है और विद्युतीकरण वाली ट्रेन में रफ्तार ज्यादा होती है.
बढ़ेगी ट्रेनों की रफ्तार
वहीं, विद्युतीकरण हो जाने से ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ेगी. इससे बूंदी रेलवे स्टेशन पर यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी राहत मिलेगी. ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी तो यात्रियों को काफी सहूलियत महसूस होगी.