ETV Bharat / state

अंकों के आधार पर हो फार्मासिस्ट की भर्ती, 2 हजार संविदा फार्मासिस्ट जोह रहे नियुक्ति की बाट

राज्य के करीब दो हजार संविदा फार्मासिस्ट को सरकार की ओर से नियमित नियुक्ति नहीं मिल पाई है. फार्मासिस्ट लंबे समय से सरकार से गुहार लगा रहे है और नियमित नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. फार्मासिस्टों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर युवाओं को भर्ती का अवसर देने की मांग की है.

author img

By

Published : May 13, 2020, 7:59 PM IST

recruitment of pharmacists news, bundi pharmacists recruitment demand
recruitment of pharmacists news, bundi pharmacists recruitment demand

केशवरायपाटन (बूंदी). जिले में संविदा पर कार्यरत फार्मसिस्ट्स ने फार्मसिस्ट भर्ती 2018 को अन्य पैरा मेडिकल की भर्तियों की तरह प्राप्तांक और बोनस अंको के आधार पर किए जाने की गुहार लगाई है. उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से इस बारे में मांग की है.

इसके लिए संविदा फार्मसिस्ट ने पूर्व वित्त राज्य मंत्री हरि मोहन शर्मा और पूर्व जिला प्रमुख राकेश बोयत से मुलाकात कर उनकी मांगों पर समर्थन पत्र प्राप्त किया. राजस्थान फार्मसिस्ट एम्प्लॉई यूनियन के जिलाध्यक्ष राम नारायण मीना ने भी राज्य के चिकित्सा मंत्री को इस बारे में पत्र लिखा है.

फार्मासिस्ट ने की अंकों के आधार पर भर्ती की मांग

पत्र में लिखा है कि कोरोना के चलते फार्मसिस्ट सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. विज्ञापित भर्ती को दो वर्ष होने को है और इन परिस्तिथियों में एग्जाम करवाया जाना संभव नहीं है. ऐसे में फार्मसिस्ट भर्ती 2018 को अन्य पैरा मेडिकल संवर्गो की भर्ती के अनुसार प्राप्तांक और बोनस अंको के आधार पर सेवा नियम 2013 के तहत किया जाए. साथ ही फार्मासिस्ट भर्ती 2018 को सेवा नियम 2013 से करने सहित अन्य पैरा मेडिकल संवर्गों की तरह भर्ती किए जाने की मांग रखी है.

बता दें कि राजस्थान निशुल्क दवा योजना के संचालन में देश भर में अव्वल है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जारी देश के 16 राज्यों की रैंकिंग में सितंबर माह में प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया था. रैकिंग के अनुसार ऑनलाइन दवा वितरण के काउंटर का प्रतिशत 94.59 प्रतिशत, ड्रग एंड वैक्सीन मैनेजमेंट सिस्टम में प्रति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक 84.76 प्रतिशत पाया गया है. जो कि अपने आप में बड़ी उपलब्धि है.

पढ़ें: जयपुर बम ब्लास्ट: जहां बहती है अमन और चैन की गंगा, वहां बह रहा था निर्दोषों का खून

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत वर्तमान सरकार के बनने से पूर्व 608 निशुल्क दवाइयां वितरित की जा रही थी. अब इसमें 104 नई दवाइयां शामिल होने के बाद योजना के तहत मिलने वाली दवाइयों की संख्या 712 हो गई है. गौरतलब है कि इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 अक्टूबर 2011 को किया था. लेकिन इस योजना को परवान चढ़ा रहे फार्मासिस्टों को नियमित नियुक्ति नहीं मिल पाई है.

केशवरायपाटन (बूंदी). जिले में संविदा पर कार्यरत फार्मसिस्ट्स ने फार्मसिस्ट भर्ती 2018 को अन्य पैरा मेडिकल की भर्तियों की तरह प्राप्तांक और बोनस अंको के आधार पर किए जाने की गुहार लगाई है. उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से इस बारे में मांग की है.

इसके लिए संविदा फार्मसिस्ट ने पूर्व वित्त राज्य मंत्री हरि मोहन शर्मा और पूर्व जिला प्रमुख राकेश बोयत से मुलाकात कर उनकी मांगों पर समर्थन पत्र प्राप्त किया. राजस्थान फार्मसिस्ट एम्प्लॉई यूनियन के जिलाध्यक्ष राम नारायण मीना ने भी राज्य के चिकित्सा मंत्री को इस बारे में पत्र लिखा है.

फार्मासिस्ट ने की अंकों के आधार पर भर्ती की मांग

पत्र में लिखा है कि कोरोना के चलते फार्मसिस्ट सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. विज्ञापित भर्ती को दो वर्ष होने को है और इन परिस्तिथियों में एग्जाम करवाया जाना संभव नहीं है. ऐसे में फार्मसिस्ट भर्ती 2018 को अन्य पैरा मेडिकल संवर्गो की भर्ती के अनुसार प्राप्तांक और बोनस अंको के आधार पर सेवा नियम 2013 के तहत किया जाए. साथ ही फार्मासिस्ट भर्ती 2018 को सेवा नियम 2013 से करने सहित अन्य पैरा मेडिकल संवर्गों की तरह भर्ती किए जाने की मांग रखी है.

बता दें कि राजस्थान निशुल्क दवा योजना के संचालन में देश भर में अव्वल है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जारी देश के 16 राज्यों की रैंकिंग में सितंबर माह में प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया था. रैकिंग के अनुसार ऑनलाइन दवा वितरण के काउंटर का प्रतिशत 94.59 प्रतिशत, ड्रग एंड वैक्सीन मैनेजमेंट सिस्टम में प्रति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक 84.76 प्रतिशत पाया गया है. जो कि अपने आप में बड़ी उपलब्धि है.

पढ़ें: जयपुर बम ब्लास्ट: जहां बहती है अमन और चैन की गंगा, वहां बह रहा था निर्दोषों का खून

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत वर्तमान सरकार के बनने से पूर्व 608 निशुल्क दवाइयां वितरित की जा रही थी. अब इसमें 104 नई दवाइयां शामिल होने के बाद योजना के तहत मिलने वाली दवाइयों की संख्या 712 हो गई है. गौरतलब है कि इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 अक्टूबर 2011 को किया था. लेकिन इस योजना को परवान चढ़ा रहे फार्मासिस्टों को नियमित नियुक्ति नहीं मिल पाई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.