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बूंदी में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग तेज, शुरू हुआ पोस्टकार्ड अभियान - Bundi News

राजस्थान सरकार ने हाल में ही प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की थी, जिसमें बूंदी का नाम भी शामिल था. इसके बाद जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग तेज हो गई है. बता दें कि यहां पर मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा है. समिति ने बूंदी में ही मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग रखी है.

बूंदी मेडिकल कॉलेज न्यूज, Bundi Medical College News
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Published : Sep 24, 2019, 10:56 PM IST

बूंदी. राजस्थान सरकार ने हाल में ही प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की थी, जिसमें बूंदी का नाम भी शामिल था. इसके बाद जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग तेज हो गई है. बता दें कि यहां पर मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा है. समिति ने बूंदी में ही मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग रखी है. वहीं, सामाजिक संगठनों ने बूंदी में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग को लेकर पोस्टकार्ड अभियान भी शुरू किया है और युद्ध स्तर पर पोस्टकार्ड कर अभियान चलाया जा रहा है.

बूंदी में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग तेज

बता दें कि हाल में ही राज्य सरकार ने जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति जारी की थी. वहीं, स्वीकृति जारी होने के बाद बूंदी में मेडिकल कॉलेज के लिए प्रशासन ने भूमि देखी थी. ऐसे में प्रशासन को भूमि के आदेश राज्य सरकार को भिजवाने थे लेकिन आखिरकार मेडिकल कॉलेज के खोलने की जगह को लेकर संशय बना हुआ था. ऐसे में जिला कलेक्टर ने दौरा कर खेल मंत्री के विधानसभा क्षेत्र हिंडोली के पास स्थित तालाब गांव में भूमि को आवंटित कर दिया था.

पढ़ें- कोटा राष्ट्रीय दशहरा मेला: आदेश के बावजूद व्यापारियों के लिए नहीं शुरू हुई एकल खिड़की

जानकारी के अनुसार तालाब गांव में 63 बीघा भूमि को आवंटित करने के बाद बूंदी में सियासी जंग शुरू हुई और बूंदी वासियों ने हिंडोली में मेडिकल कॉलेज चले जाने का विरोध करना शुरू कर दिया. यहां पर विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से मेडिकल कॉलेज का हिंडोली में ले जाने का विरोध किया तो हिंडोली में लोगों ने मंत्री की वाही वाही की. फिर मंगलवार को राज्य सरकार ने पूरे गतिरोध को समाप्त करने की कोशिश की और राज्य सरकार ने चिकित्सा विभाग की एक टीम को तैयार किया, जहां पर टीम खुद जाकर भूमि देखेगी और नवीन मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए भूमि को तलाशेगी.

वहीं, मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए भूमि को लेकर एक दल जिला मुख्यालय पर भ्रमण कर एमसीआई के मानकों के अनुसार आवश्यक भूमि एवं जिला चिकित्सालय के जाने की संभावना का परीक्षण करेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने डॉक्टर महावत और डॉ रश्मि गुप्ता को नियुक्त किया है, जो बूंदी में कभी भी दौरा करेंगे और भूमि को देखेंगे.

पढ़ें- खबर का असरः बूंदी में 2 महीने से बंद पड़े हाई-वे को ऊंचा करने का कार्य शुरू

बूंदी शहर में मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद बूंदी से 20 किलोमीटर दूर तालाब गांव में भूमि प्रशासन ने जमीन देखी और अलॉट कर दी. फिर राज्य सरकार ने उस भूमि को अब संशय में डालते हुए एक टीम को भेजा है जो टीम सर्वे करेगी और भूमि का चयन करेगी. लेकिन बूंदी से दूर मेडिकल कॉलेज जाने के बाद शहर के बुद्धिजीवियों ने बूंदी के विकास के लिए गैर राजनीतिक मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति की स्थापना की है, जिसके माध्यम से बूंदी नगर के विकास के लिए मेडिकल कॉलेज बूंदी नगर में ही खुले इसको लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

वहीं, ज्ञापन में बताया गया कि आजादी के बाद से ही अन्याय होता रहा है. बूंदी में 4 विधानसभा हुआ करती थी जिन्हें 3 कर दिया गया. बाद में बूंदी जिले के 13 गांव को भी यूआईटी कोटा में शामिल कर लिया गया. बूंदी की मंडी को शहर के बाहर कर दिया गया, जिससे बूंदी का व्यापार काफी प्रभावित हुआ. ज्ञापन में बताया गया कि बूंदी के सिलोर, दौलतपुरा के पास धान मंडी के पास खाली पड़ी जमीन, नैनवा रोड आईटीआई के पास, रामगंजबालाजी के पास पूर्व हवाई अड्डे के लिए आरक्षित भूमि पर मेडिकल कॉलेज खुल सकता है. वहीं, शहर के युवाओं और बुद्धिजीवियों ने पोस्ट कार्ड अभियान की शुरुआत की है.

बूंदी. राजस्थान सरकार ने हाल में ही प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की थी, जिसमें बूंदी का नाम भी शामिल था. इसके बाद जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग तेज हो गई है. बता दें कि यहां पर मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा है. समिति ने बूंदी में ही मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग रखी है. वहीं, सामाजिक संगठनों ने बूंदी में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग को लेकर पोस्टकार्ड अभियान भी शुरू किया है और युद्ध स्तर पर पोस्टकार्ड कर अभियान चलाया जा रहा है.

बूंदी में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग तेज

बता दें कि हाल में ही राज्य सरकार ने जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति जारी की थी. वहीं, स्वीकृति जारी होने के बाद बूंदी में मेडिकल कॉलेज के लिए प्रशासन ने भूमि देखी थी. ऐसे में प्रशासन को भूमि के आदेश राज्य सरकार को भिजवाने थे लेकिन आखिरकार मेडिकल कॉलेज के खोलने की जगह को लेकर संशय बना हुआ था. ऐसे में जिला कलेक्टर ने दौरा कर खेल मंत्री के विधानसभा क्षेत्र हिंडोली के पास स्थित तालाब गांव में भूमि को आवंटित कर दिया था.

पढ़ें- कोटा राष्ट्रीय दशहरा मेला: आदेश के बावजूद व्यापारियों के लिए नहीं शुरू हुई एकल खिड़की

जानकारी के अनुसार तालाब गांव में 63 बीघा भूमि को आवंटित करने के बाद बूंदी में सियासी जंग शुरू हुई और बूंदी वासियों ने हिंडोली में मेडिकल कॉलेज चले जाने का विरोध करना शुरू कर दिया. यहां पर विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से मेडिकल कॉलेज का हिंडोली में ले जाने का विरोध किया तो हिंडोली में लोगों ने मंत्री की वाही वाही की. फिर मंगलवार को राज्य सरकार ने पूरे गतिरोध को समाप्त करने की कोशिश की और राज्य सरकार ने चिकित्सा विभाग की एक टीम को तैयार किया, जहां पर टीम खुद जाकर भूमि देखेगी और नवीन मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए भूमि को तलाशेगी.

वहीं, मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए भूमि को लेकर एक दल जिला मुख्यालय पर भ्रमण कर एमसीआई के मानकों के अनुसार आवश्यक भूमि एवं जिला चिकित्सालय के जाने की संभावना का परीक्षण करेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने डॉक्टर महावत और डॉ रश्मि गुप्ता को नियुक्त किया है, जो बूंदी में कभी भी दौरा करेंगे और भूमि को देखेंगे.

पढ़ें- खबर का असरः बूंदी में 2 महीने से बंद पड़े हाई-वे को ऊंचा करने का कार्य शुरू

बूंदी शहर में मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद बूंदी से 20 किलोमीटर दूर तालाब गांव में भूमि प्रशासन ने जमीन देखी और अलॉट कर दी. फिर राज्य सरकार ने उस भूमि को अब संशय में डालते हुए एक टीम को भेजा है जो टीम सर्वे करेगी और भूमि का चयन करेगी. लेकिन बूंदी से दूर मेडिकल कॉलेज जाने के बाद शहर के बुद्धिजीवियों ने बूंदी के विकास के लिए गैर राजनीतिक मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति की स्थापना की है, जिसके माध्यम से बूंदी नगर के विकास के लिए मेडिकल कॉलेज बूंदी नगर में ही खुले इसको लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

वहीं, ज्ञापन में बताया गया कि आजादी के बाद से ही अन्याय होता रहा है. बूंदी में 4 विधानसभा हुआ करती थी जिन्हें 3 कर दिया गया. बाद में बूंदी जिले के 13 गांव को भी यूआईटी कोटा में शामिल कर लिया गया. बूंदी की मंडी को शहर के बाहर कर दिया गया, जिससे बूंदी का व्यापार काफी प्रभावित हुआ. ज्ञापन में बताया गया कि बूंदी के सिलोर, दौलतपुरा के पास धान मंडी के पास खाली पड़ी जमीन, नैनवा रोड आईटीआई के पास, रामगंजबालाजी के पास पूर्व हवाई अड्डे के लिए आरक्षित भूमि पर मेडिकल कॉलेज खुल सकता है. वहीं, शहर के युवाओं और बुद्धिजीवियों ने पोस्ट कार्ड अभियान की शुरुआत की है.

Intro:बूंदी में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग तेज हो गई है। यहां पर मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री तथा लोकसभा अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा है और बूंदी में ही मेडिकल कॉलेज खोले ऐसी मांग उन्होंने रखी है। वहीं सामाजिक संगठनों ने बूंदी में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग को लेकर पोस्टकार्ड अभियान भी शुरू किया है और युद्ध स्तर पर पोस्टकार्ड कर अभियान चलाया जा रहा है ।


Body:बूंदी में राज्य सरकार द्वारा हाल ही में ही मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति जारी होने के बाद बूंदी में मेडिकल कॉलेज के लिए प्रशासन ने भूमि देखी थी। ऐसे में प्रशासन को भूमि के आदेश राज्य सरकार को भिजवाने थे लेकिन आखिरकार मेडिकल कॉलेज कहां खुले इसको लेकर संशय बना हुआ था । मेडिकल कॉलेज बूंदी में खुलेगा या कहीं और इसको लेकर में गतिरोध होना शुरू हो गया था यहां पर एक और खेल मंत्री अशोक चांदना का गढ़ हिंडोली था तो दूसरी ओर पूर्व वित्त मंत्री हरिमोहन शर्मा का गढ़ बूंदी में संघर्ष साफ तौर से देखा जा रहा था। ऐसे में जिला कलेक्टर ने दौरा कर खेल मंत्री के विधानसभा क्षेत्र हिंडोली के पास स्थित तालाब गांव में भूमि को आवंटित कर दिया था । यहां पर 63 बीघा भूमि को आवंटित करने के बाद बूंदी में सियासी जंग शुरू हुई और बूंदी वासियों ने हिंडोली में मेडिकल कॉलेज चले जाने का विरोध करना शुरू कर दिया और सड़कों पर उतर आए। यहां पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा मेडिकल कॉलेज का हिंडोली में ले जाने का विरोध किया तो हिंडोली में लोगों ने मंत्री की वाही वाही की। फिर मंगलवार को राज्य सरकार ने पूरे गतिरोध को समाप्त करने की कोशिश की ओर राज्य सरकार ने चिकित्सा विभाग की एक टीम को तैयार किया गया है जहां पर टीम खुद जाकर भूमि देखेगी और नवीन मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए भूमि को तलाशेगी । इसके लिए एक दल जिला मुख्यालय पर भ्रमण कर एमसीआई के मानकों के अनुसार आवश्यक भूमि की एवं जिला चिकित्सालय के जाने की संभावना का परीक्षण करेगा । इसके लिए राज्य सरकार ने डॉक्टर महावत डॉ रश्मि गुप्ता को नियुक्त किया गया है जो बूंदी में कभी भी दौरा करेंगे और भूमि को देखेंगे। आपको बता दें कि राज्य सरकार ने हाल ही में ही राजस्थान में 7 मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की थी जिसमें बूंदी का नाम भी शामिल था ।


Conclusion:बूंदी शहर में मेडिकल कॉलेज की घोषणा सरकार द्वारा की गई इस घोषणा के बाद बूंदी से 20 किलोमीटर दूर तालाब गांव में इसकी भूमि प्रशासन ने देख ली और अलॉट कर दी गयी फिर राज्य सरकार ने उस भूमि को अब संशय में डालते हुए एक टीम को भेजा है जो टीम सर्वे करेगी और भूमिका चयन करेगी । लेकिन बूंदी से दूर मेडिकल कॉलेज जाने के बाद शहर के बुद्धिजीवियों ने बूंदी के विकास के लिए गैर राजनीतिक मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति की स्थापना की है जिसके माध्यम से बूंदी नगर के विकास के लिए मेडिकल कॉलेज बूंदी नगर में ही खुले इसको लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है । ज्ञापन के अनुसार बूंदी शहर के सभी वर्गों के लोग, गैर राजनीतिक रूप से शहर के विकास के लिए ऐसे स्थान का चयन करने का अध्ययन किया गया है । जिससे मेडिकल कॉलेज से संबंधित मरीज ,बूंदी नगर से जुड़ाव हो और बूंदी व्यापार और बाजार ओर शहर के विकास को गति मिल सके ।

ज्ञापन में बताया गया कि आजादी के बाद से ही अन्याय होता रहा है बूंदी में 4 विधानसभा हुआ करती थी जिन्हें तीन कर दिया गया बाद में बूंदी जिले के 13 गांव को भी यूआईटी कोटा में शामिल कर लिया गया । बूंदी की मंडी को शहर के बाहर कर दिया गया जिससे बूंदी का व्यापार काफी प्रभावित हुआ। यहां पर ज्ञापन में बताया गया कि बूंदी के सिलोर ,दौलतपुरा के पास धान मंडी के पास खाली पड़ी जमीन , नैनवा रोड आईटीआई के पास , रामगंजबालाजी के पास पूर्व हवाई अड्डे के लिए आरक्षित भूमि पर मेडिकल कॉलेज खुल सकता है । इधर शहर के युवा एवं बुद्दिजीवो ने पोस्ट कार्ड अभियान की शुरुआत की गई है जहां पर दुकानों पर समिति के लोग घूम रहे हैं और पोस्टकार्ड अभियान के रूप में चलाया जा रहा है ताकि बूंदी में मेडिकल कॉलेज खुलने का और मजबूत हो सके ।

बाईट - ओम प्रकाश शर्मा ,पूर्व विधायक ,बूंदी
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