बूंदी. ऐतिहासिक बूंदी उत्सव अपनी विरासतों की छटा बिखेरते हुआ जा रहा है. बूंदी उत्सव के दूसरे दिन '84 खंभों की छतरी' पर पर्यटन विभाग की ओर से रंगारंग राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें आए कलाकारों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम में कलाकारों ने राजस्थानी गीतों पर सामूहिक नृत्यों की प्रस्तुति में देर तक दर्शकों को बांधे रखा. वहीं स्थानीय बाल कलाकारों की प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए.
कार्यक्रम की शुरुआत बूंदी की राजस्थानी अदाकारा उषा शर्मा ने 'मांड गायन' से की. जिसके बाद करवर के कलाकारों ने 'कच्ची घोड़ी नृत्य' की प्रस्तुति दी. वहीं पाली की लीला देवी ने 'तेरहताल' नृत्य कीप्रस्तुति दी. साथ ही कोटा के हरि बाबा की 'मटका भवई नृत्य' की प्रस्तुति को खूब सराहा गया. कार्यक्रम में जेसीआई संस्था की ओर से विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए.
ये पढे़ेंः स्पेशल रिपोर्ट : कैसे होगी शिक्षा की नींव मजबूत...4 अध्यापकों के भरोसे 350 बच्चों का भविष्य
एसवी गुजरावत में 'चकरी नृत्य'की प्रस्तुति दी. इस नृत्य को देखकर पर्यटक खूब थिरके और नाचने पर मजबूर हो गए. साथ ही हरि बाबा की 'मटका भवई नृत्य' ने दर्शकों को खूब ललित किया. हरि बाबा दर्शकों के बीच में जाकर 'मटका बाबा नृत्य' कर रहे थे. जिसे देख पर्यटक अपने आप को रोक नहीं सके और वह भी खुद नृत्य करने लगे. दोनों ही नृत्यों ने कार्यक्रम में राजस्थानी संस्कृति की छटा बिखेरी.
ये पढे़ेंः स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी उत्सव का दूसरा दिन....जमकर थिरके विदेशी पावणे, राजस्थानी खाने का भी चखा स्वाद
दो दिवसीय बूंदी उत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समापन शनिवार को 84 खंभों की छतरी पर हुआ. कार्यक्रम में पर्यटन विभाग के जयपुर से आए संयुक्त निदेशक आनंद त्रिपाठी, सहायक निदेशक देवेंद्र मीणा, पर्यटक अधिकारी बजरंग लाल शर्मा आदि ने शिरकत की .
वहीं इसके बाद खेल संकुल स्थित हस्तशिल्प मेले में 9 दिवस तक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा. जिसमें विभिन्न प्रकार के कलाकार भाग लेंगे. साथ ही 30 नवंबर को बॉलीवुड गायक मोहित चौहान हाड़ोती की धरती में गायन करेंगे. जिसको लेकर प्रशासन ने संपूर्ण तैयारी कर ली है.