केशवरायपाटन (बूंदी). क्षेत्र के लाखेरी नगर की पालिका बोर्ड की बैठक का शनिवार को आयोजन हुआ. जिसमें पार्षदों ने खुलेआम घटिया निर्माण से लेकर अन्य निर्माण कार्य मे जमकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. बोर्ड बैठक बजट अनुमानों पर चर्चा को लेकर थी, लेकिन एक साल बाद हुई बोर्ड की बैठक में पार्षदों का गुस्सा काफी मुखर हो गया.
पार्षद विनोद बैरवा ने खुलेआम निर्माण कार्य सहित शौचालय बनाने से लेकर नियम विरूद्ध निर्माण करने तक के आरोप लगाए. भ्रष्टाचार के आरोप लगते देख चेयरमैन केवल जांच करवाएंगे कहकर विषय को टालती दिखीं. बोर्ड के 5 साल के कार्यकाल पर पार्षद राधेश्याम मीणा ने सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहास, कि पालिका के मौजूदा बोर्ड के पास एक भी उपलब्धि नहीं है.
शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप
पार्षद विनोद बैरवा ने कहा, कि पालिका ने शहर के अलग-अलग वार्डों में स्वच्छता मिशन के तहत घरों में शौचालय बनाने का काम संवेदक से कराया लेकिन शौचालयों का निर्माण आज भी अधूरा है. जबकि संवेदक ने मिलीभगत करके एक लाख 86 हजार रुपये का भुगतान फर्जी तरीके से उठा लिया. जबकि पार्षदों ने समय-समय पर इसकी शिकायतें पालिका सहित उच्च अधिकारियों से कई बार की. इस विषय पर चेयरमैन और ईओ जांच करवाने की बाते कहते रहे, जबकि पार्षद अधूरे शौचालय की वीडियो रिकॉर्डिंग सदन में बताते रहे.
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झीकरा प्नकरण में लगे गंभीर आरोप
बोर्ड बैठक में सबसे चर्चित झीकरा प्रकरण में सदन में सत्ता पक्ष मौन रहा तो विपक्ष के कुछ पार्षदों ने इस मसले को उठाते हुए कहा, कि पालिका में राजनीति से प्रेरित एक संवेदक ने बिना झीकरा डाले एक बड़ा भुगतान उठा लिया. पालिका ने आनन-फानन में 5 लाख रुपये की झीकरा डालने की निविदा जारी की थी, लेकिन हकीकत में महज 20 ट्रोली झीकरा ही डाला गया और 55 ट्रोली झीकरे का बिल उठा लिया गया.
साथ ही 25 अन्य ट्रोली झीकरे के बिल को लेकर पार्षद बनाम एक संवेदक द्वारा दबाव बनाया जा रहा है. यही नहीं पालिका ने इससे पूर्व दूसरे संवेदक से लगभग दो लाख रुपए का झीकरा डलवाया था. चर्चा है, कि सरकार बदलने पर भाजपा के बोर्ड के राजनीतिक अवरोधों की सुरक्षा के लिए यह निविदा निकाली गयी. पार्षदों के कहने पर भी इसकी फाइल को इधर-उधर कर रखा है.
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कई मामलों पर हुई तीखी नोकझोंक
बोर्ड बैठक में पार्षदों ने सफाईकर्मियों की नियुक्त में कथित रूप से दस-दस हजार रुपए लेने के वीडियो वायरल होने की बात आई. नेता प्रतिपक्ष मनीष सैनी ने एक सफाई कर्मचारी की नियुक्ति दो साल से अटकाना कहकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. राजेश तंवर ने कहा, कि सफाईकर्मियों के पीएफ के 27 लाख रुपए के गबन पर पालिका को दोषी ठहराया. पालिका के एक संवेदक ने कर्मचारियों के खाते में पीएफ राशि जमा ही नहीं की, जबकि कर्मचारी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं.
पार्षद बोला कोई नहीं दूध का धुला
इसी दौरान पार्षद राजेन्द्र सैनी ने पानी का गिलास लेकर रोटी फिल्म का गीत गाते हुए कहा, कि सदन में ऐसा कौन है, जो भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है. सैनी ने खुद को लिप्त बताते हुए कहा, कि सभी ने भ्रष्टाचार कर रखा है. आरोप वो लोग लगाए जो भ्रष्टचार में लिप्त नहीं हो.
दरअसल पालिका में पिछले ढाई साल में पार्षदों पर भी आरोप लगते रहे हैं, कि वे वार्डों में होने वाले कार्यों में दखल करके अपना मतलब सिद्ध करते रहे हैं और पालिका को घटिया निर्माण के बावजूद संवेदक को भुगतान करने की अनुशंसा करते हैं. चर्चा है, कि कुछ पार्षदों के ऑडियो भी बैठक में सुनाए गये हैं.