बूंदी. शहर में रविवार को 4 नए कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस मिले हैं, ये सभी चारों कोरोना पॉजिटिव मरीज जिला अस्पताल के कर्मचारी हैं. कोरोना पॉजिटिव मरीजों में एक चिकित्सक भी शामिल है. चिकित्सक के संक्रमित आने के बाद जिला अस्पताल के चिकित्सकों में हड़कंप मच गया. जिसके बाद कोरोना पॉजिटिव आए चिकित्सकों को बूंदी में ही भर्ती कराने की बात पर विवाद खड़ा हो गया.
चिकित्सकों की टीम ने पीड़ित चिकित्सक व अन्य पॉजिटिव मरीजों को दोबारा चेक किया. इनमें से 3 मरीजों के कोरोना वायरस के एसिम्टोमैटिक लक्षण नजर आए. ऐसे में 4 में से केवल एक व्यक्ति के लक्षण ज्यादा नजर आने पर उसे कोटा रवाना कर दिया गया. जबकि अस्पताल अधीक्षक ने चिकित्सा कर्मी सहित अन्य स्टाफ कर्मियों को भी कोटा रवाना करने के लिए कहा. जिस पर अस्पताल के चिकित्सक प्रशासन की बात मानने को तैयार नहीं हुए. पॉजिटिव होने के बाद लक्षण नहीं होने की बात का हवाला देते हुए बूंदी में ही आइसोलेट करने की मांग करते रहे.
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इस पर अस्पताल अधीक्षक ने सभी चिकित्सकों को एफआईआर दर्ज करवाने की धमकी दी. जिसके बाद चिकित्सक लामबंद होकर जिला कलेक्टर के आवास पर मिलने के लिए पहुंचे. जहां जिला कलेक्टर ने चिकित्सकों से मिलने से मना कर दिया. चिकित्सकों से वार्ता करने के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर व अधिकारियों को नियुक्त किया गया. पीएमओ के चेंबर में चली 2 घंटे तक माथापच्ची के बाद चिकित्सकों को बूंदी में ही रखने की बात कही गई, तब जाकर विवाद शांत हुआ.
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चिकित्सकों ने कहा कि बूंदी अस्पताल में एक कोरोना संक्रमित महिला का इलाज करने के दौरान 4 स्टाफ कर्मी पॉजिटिव आ गए. जबकि इसी महिला से अस्पताल अधीक्षक व जिला कलेक्टर भी मिले थे. चिकित्सकों ने पीएमओ की हठधर्मिता की बात कहते हुए निराशा जाहिर की. फिलहाल 2 घंटे तक चले इस विवाद का अंत हो गया और चिकित्सकों को बूंदी में ही भर्ती करवाया गया है.