बूंदी. राजस्थान के उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने देश के सभी तहसीलदारों और नया तहसीलदारों को घूसखोर बता दिया. एक कार्यकर्ता ने बूंदी नायब तहसीलदार प्रीतम कुमारी मीणा को एपीओ करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सही काम करने पर एक ईमानदार नायब तहसीलदार को एपीओ किया गया.
इस पर मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि भारत में कहीं पर भी ईमानदार तहसीलदार, नायब तहसीलदार नहीं मिलेंगे. वे आगे कहते हैं कि वह 6 बार विधायक रह चुके हैं, जिनमें से तीन बार मंत्री रह चुके हैं. कितने ही तहसीलदार, नायब तहसीलदार लगा दिए, लेकिन 2 प्रतिशत तो लेंगे ही.
मेरा काम फीडबैक लेने का है, काम करवाने का नहीं...
यानी कि मंत्री जी लब्बोलुआब में यह समझाना चाहते हैं कि कोई भी तहसीलदार या राजस्व विभाग का कर्मचारी ईमानदार नहीं होता. उन्हें पैसे खिलाने पड़ते हैं तभी वह कार्य करते हैं. मंत्री द्वारा दिए गए इस बयान के बाद कार्यकर्ता सन्न रह गए. कुछ कार्यकर्ता तो यह भी बोलने लगे कि आप मंत्री हैं, आपसे नहीं कहेंगे तो किससे कहेंगे. इस पर मंत्री ने कार्यकर्ताओं को कहा कि सीएम से शिकायत करो, मेरा काम फीडबैक लेने का है, काम करवाने का नहीं.
हाल ही में बूंदी में 27 बीघा जमीन विवाद मामले में दस्तावेजों में कमी निकलने और साइन नहीं करने के चलते बूंदी की नायब तहसीलदार राजनीति की भेंट चढ़ गई थी और उसे एपीओ होना पड़ा. उसी का मामला प्रभारी मंत्री तक पहुंचा तो मंत्री ने विवादित बयान देकर सारे तहसीलदारों को घूसखोर बता दिया. राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री एवं बूंदी जिला प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा बूंदी दौरे पर थे और सर्किट हाउस में जनसुनवाई कर रहे थे, तभी मंत्री जी विवादित बातें बोल गए.
कांग्रेस में गुटबाजी भी दिखी थी...
मंत्री के दौरे के दौरान मंगलवार को कांग्रेस में गुटबाजी दिखाई दी थी. यहां राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री व बूंदी जिला प्रभारी प्रसादी लाल मीणा के सामने कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया था. यहां तक कि कार्यकर्ताओं ने प्रभारी मंत्री के सामने ही मुर्दाबाद के नारे लगा दिए. ऐसे में प्रभारी मंत्री को जनसुनवाई छोड़ दूसरे कक्ष में जाना पड़ा.
पुलिस भी मंत्री के सामने कार्यकर्ताओं को समझाती रही, लेकिन कार्यकर्ता इतने आक्रोश में थे कि प्रभारी मंत्री को जिले में नहीं घुसने देने तक की चेतावनी तक दे दी और कहा कि यदि कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होगी तो बूंदी में प्रभारी मंत्री का बहिष्कार किया जाएगा और उन्हें किसी भी हाल में बूंदी में प्रवेश नहीं होने देंगे.
बता दें कि कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वे मिलने के लिए आते थे तो मंत्री कोविड-19 का बहाना बनाकर नहीं मिलते थे. साथ ही पुलिस द्वारा उन्हें रोका जाता. लम्बे समय तक सुनवाई नहीं होने पर कार्यकर्ताओं का आक्रोश बढ़ गया और कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा कर दिया और खरी खोटी सुनाई. यही नहीं, इन कार्यकर्ताओं की रडार पर बूंदी जिला कलेक्टर भी रहे और उनके खिलाफ भी नारेबजी हुई.
विवादों से नाता...
यह पहला मामला नहीं है जब उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा विवादों में रहे हों. इससे पहले भी उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जहां मंत्री एक महिला शौचालय में आते एवं जाते हुए सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए थे. अब फिर से वह देश के सभी तहसीलदार व नायब तहसीलदार को घूसखोर बता कर दो प्रतिशत लेकर कार्य करने के मामले में विवादों में आ गए हैं और सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं.