ETV Bharat / state

Special: कैंसर से जंग लड़ रहा डेढ़ साल का रितेश, ईटीवी भारत के जरिए परिजनों ने लगाई मदद की गुहार

दिहाड़ी मजदूरी करने वाले हंसराज के बेटे को ब्लड कैंसर है. उसके इलाज के लिए 5 लाख रुपये की जरुरत है. अपने जीवन की सारी पूंजी परिवार ने बेटे के इलाज और जांच में लगा दी. अब परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में मदद के लिए परिवार प्रशासन और सरकार से गुहार लगा रहा है. लेकिन मासूम के इलाज की सुध प्रशासन कब लेगा, ये किसी को नहीं पता. देखिए रिपोर्ट...

Help for cancer treatment,  Seeking help from the government, First stage blood cancer
ब्लड कैंसर से पीड़ित बच्चे को मदद की जरुरत
author img

By

Published : Sep 1, 2020, 10:37 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 4:26 PM IST

बूंदी. देवपुरा निवासी हंसराज के बेटे रोहित (रितेश) को पहली स्टेज का ब्लड कैंसर है. उसकी उम्र महज डेढ़ साल है. रितेश के इलाज के लिए 5 लाख की जरुरत है. लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब है. रितेश के पिता ने मजदूरी कर अब तक जितना कमाया था, बेटे के इलाज में वो सब लग गया. अब परिवार चलाना भी हंसराज के लिए मुश्किल होने लगा है.

रोजाना मजदूरी कर 250 रुपये पाने वाले इस पिता के सामने दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. रितेश के बीमारी को पहचानने में ही इस गरीब परिवार ने अपनी पूरी जीवन पूंजी खर्च कर दी है. जिसके बाद अब बेटे के इलाज के लिए हंसराज और उसकी पत्नी ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

देखिए ये रिपोर्ट...

ईटीवी भारत से बातचीत में रितेश के माता-पिता ने कहा कि उनके पास दिन बहुत कम है और राशि इतनी कि उनकी पूरी जिंदगी सिर्फ जुटाने में ही चली जाए. खुद को असहाय महसूस कर रहे दंपती ने ईटीवी भारत के जरिए प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगाई है. हंसराज और उसकी पत्नी का कहना है कि सरकार उनकी मदद करे, जिससे वो अपने बेटे का ऑपरेशन करवा सके.

ये भी पढ़ें- स्पेशलः 500 बीघा बंजर जमीन पर बनाया चारागाह, रोल मॉडल से क्षेत्र में बढ़ा जलस्तर

बीमारी के चलते खो चुके हैं एक बेटी...

हंसराज के परिवार पर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूटा पड़ा है. पहले भी बीमारी के चलते अपनी एक पुत्री को ये लोग खो चुके हैं. जिसके बाद रितेश को बड़ी ही प्यार से इन्होंने पाला. लेकिन अब एक बार फिर बीमारी ने ही हंसराज के परिवार को घेर लिया है.

Help for cancer treatment,  Seeking help from the government, First stage blood cancer
मां के साथ रितेश

परिवार के इस दर्द को देख लोग आगे तो आ रहे हैं. लेकिन राशि इतनी बड़ी है कि कुछ लोगों की मदद से ये पूरी नहीं होगी. शहर के समाजसेवी चर्मेश और पार्षद रहे देवराज कहते हैं कि हमसे जितनी मदद होगी, हम उतनी करेंगे.

अब हंसराज की नजर शहर की सामाजिक संस्थाओं और भामाशाहों पर टिकी है कि शायद कोई मदद कर दे और उनके बेटे को जीवन दान मिल सके. सरकार से भी इस पीड़ित परिवार को मदद की आस है. लेकिन वो कब तक पूरी होगी इसका कुछ पता नहीं है.

Help for cancer treatment,  Seeking help from the government, First stage blood cancer
जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे परिजन

ये भी पढ़ें- SPECIAL: राजस्थान का ऐसा जिला जिसके दर्जनों गांवों में आज भी मोबाइल नेटवर्क नहीं, डिजिटल इंडिया का सपना दूर की बात

निजी अस्पताल में होगा इलाज

बेटे को जब खून की उल्टियां होने लगी, तो परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां चिकित्सकों ने बताया कि उसे ब्लड कैंसर है. ये सुनते ही हंसराज और उसकी पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई. खुद को संभालते हुए बेटे के इलाज के लिए माता-पिता ने निजी अस्पतालों का रुख किया.

जयपुर के एक निजी अस्पताल में चिकित्सक ने ये बताया कि अगर इस बीमारी को पहली स्टेज में ही रोक लिया जाए, तो इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है. लेकिन ब्लड कैंसर के इलाज के लिए 5 लाख रुपये अस्पताल में जमा करवाना होगा. ऐसे में अब परिजनों को सरकार और प्रशासन से मदद की आस है.

बूंदी. देवपुरा निवासी हंसराज के बेटे रोहित (रितेश) को पहली स्टेज का ब्लड कैंसर है. उसकी उम्र महज डेढ़ साल है. रितेश के इलाज के लिए 5 लाख की जरुरत है. लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब है. रितेश के पिता ने मजदूरी कर अब तक जितना कमाया था, बेटे के इलाज में वो सब लग गया. अब परिवार चलाना भी हंसराज के लिए मुश्किल होने लगा है.

रोजाना मजदूरी कर 250 रुपये पाने वाले इस पिता के सामने दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. रितेश के बीमारी को पहचानने में ही इस गरीब परिवार ने अपनी पूरी जीवन पूंजी खर्च कर दी है. जिसके बाद अब बेटे के इलाज के लिए हंसराज और उसकी पत्नी ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

देखिए ये रिपोर्ट...

ईटीवी भारत से बातचीत में रितेश के माता-पिता ने कहा कि उनके पास दिन बहुत कम है और राशि इतनी कि उनकी पूरी जिंदगी सिर्फ जुटाने में ही चली जाए. खुद को असहाय महसूस कर रहे दंपती ने ईटीवी भारत के जरिए प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगाई है. हंसराज और उसकी पत्नी का कहना है कि सरकार उनकी मदद करे, जिससे वो अपने बेटे का ऑपरेशन करवा सके.

ये भी पढ़ें- स्पेशलः 500 बीघा बंजर जमीन पर बनाया चारागाह, रोल मॉडल से क्षेत्र में बढ़ा जलस्तर

बीमारी के चलते खो चुके हैं एक बेटी...

हंसराज के परिवार पर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूटा पड़ा है. पहले भी बीमारी के चलते अपनी एक पुत्री को ये लोग खो चुके हैं. जिसके बाद रितेश को बड़ी ही प्यार से इन्होंने पाला. लेकिन अब एक बार फिर बीमारी ने ही हंसराज के परिवार को घेर लिया है.

Help for cancer treatment,  Seeking help from the government, First stage blood cancer
मां के साथ रितेश

परिवार के इस दर्द को देख लोग आगे तो आ रहे हैं. लेकिन राशि इतनी बड़ी है कि कुछ लोगों की मदद से ये पूरी नहीं होगी. शहर के समाजसेवी चर्मेश और पार्षद रहे देवराज कहते हैं कि हमसे जितनी मदद होगी, हम उतनी करेंगे.

अब हंसराज की नजर शहर की सामाजिक संस्थाओं और भामाशाहों पर टिकी है कि शायद कोई मदद कर दे और उनके बेटे को जीवन दान मिल सके. सरकार से भी इस पीड़ित परिवार को मदद की आस है. लेकिन वो कब तक पूरी होगी इसका कुछ पता नहीं है.

Help for cancer treatment,  Seeking help from the government, First stage blood cancer
जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे परिजन

ये भी पढ़ें- SPECIAL: राजस्थान का ऐसा जिला जिसके दर्जनों गांवों में आज भी मोबाइल नेटवर्क नहीं, डिजिटल इंडिया का सपना दूर की बात

निजी अस्पताल में होगा इलाज

बेटे को जब खून की उल्टियां होने लगी, तो परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां चिकित्सकों ने बताया कि उसे ब्लड कैंसर है. ये सुनते ही हंसराज और उसकी पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई. खुद को संभालते हुए बेटे के इलाज के लिए माता-पिता ने निजी अस्पतालों का रुख किया.

जयपुर के एक निजी अस्पताल में चिकित्सक ने ये बताया कि अगर इस बीमारी को पहली स्टेज में ही रोक लिया जाए, तो इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है. लेकिन ब्लड कैंसर के इलाज के लिए 5 लाख रुपये अस्पताल में जमा करवाना होगा. ऐसे में अब परिजनों को सरकार और प्रशासन से मदद की आस है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 4:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.