जयपुर. प्रदेश के स्कूलों में इस सत्र में एडमिशन लेने वाले छात्रों को सिली-सिलाई यूनिफॉर्म डिलीवर करने की घोषणा की गई थी. लेकिन आधा सत्र बीत गया लेकिन नए एडमिट छात्रों को अब तक यूनिफॉर्म नहीं मिली. इससे पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने यूनिफॉर्म का कपड़ा उपलब्ध कराते हुए सिलाई का पैसा देने की घोषणा की थी. लेकिन हजारों छात्रों को महीनों तक सिलाई के पैसे का इंतजार करना पड़ा था.
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तक, मिड डे मील और यूनिफॉर्म निःशुल्क उपलब्ध कराने का प्रावधान है. इस बार जुलाई के पहले सप्ताह में ही छात्रों को पाठ्य पुस्तक तो मिल गई लेकिन नवंबर महीने तक भी स्कूलों में नए एडमिशन लेने वाले छात्रों को यूनिफॉर्म नहीं मिल पाई है. शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पोर्टल के अनुसार राज्य में पहली से 8वीं तक सरकारी स्कूलों में 56 लाख 68 हजार 253 छात्र पंजीकृत हैं. इनमें से करीब 9 लाख 81 हजार छात्रों को जुलाई से निःशुल्क यूनिफॉर्म का इंतजार है. जबकि 8वीं तक के छात्रों को स्कूल खुलने के पहले ही दिन यूनिफॉर्म मिल जानी चाहिए, जिससे वे पूरे सत्र उसे पहन सकें. शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावक तो अपने बच्चों के लिए जैसे तैसे यूनिफॉर्म खरीद रहे हैं, ताकि कक्षा में एकरूपता बनी रहे. लेकिन दूरदराज के गांवों ऐसा नजारा देखने को नहीं मिलता.
पढ़ें: दिलावर सर की क्लास, शिक्षा मंत्री ने बच्चों को बताएं पॉलिथीन उपयोग करने के डिसएडवांटेज
इस वर्ष कक्षावार पंजीकृत छात्रों की संख्या :-
कक्षा | छात्रों की संख्या |
पहली | 4,68,645 |
दूसरी | 6,18,343 |
तीसरी | 7,43,807 |
चौथी | 7,98,115 |
पांचवीं | 7,30,031 |
छठी | 7,61,214 |
सातवीं | 7,82,809 |
आठवीं | 7,65,319 |
कब मिलेगी स्कूल ड्रेस : पिछले शिक्षा सत्र में भी पहली से 8वीं तक के छात्रों को निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना का कुछ यही हाल रहा. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पहले तो समय पर बजट नहीं दिया. बाद में केवल यूनिफॉर्म का कपड़ा ही दिया गया. जबकि सिलाई के 200 रुपए के लिए फिर इंतजार करना पड़ा, जिसके चलते छात्र नवंबर-दिसम्बर तक यूनिफॉर्म पहन सकें. वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा के प्रदेश अध्यक्ष भैरू राम चौधरी ने बताया कि पिछले सत्र में पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए निशुल्क यूनिफार्म के रूप में कपड़ा दिया जाता था. जबकि भाजपा सरकार ने घोषणा की थी कि छात्रों को सिली-सिलाई यूनिफॉर्म दी जाएगी. लेकिन चार से पांच महीने बीत जाने के बावजूद भी अब तक छात्रों को यूनिफॉर्म नहीं मिलने से उन्हें विदाउट यूनिफार्म स्कूल आना पड़ रहा है. इससे सरकार और शिक्षा मंत्री की मंशा पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है.
शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए : वर्तमान शिक्षा सत्र आधा बीत चुका है. ऐसे में छात्रों को कब तक निःशुल्क यूनिफॉर्म मिलेगी, इसका जवाब लेने के लिए जब शिक्षा मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने बहुत गड़बड़ की थी. छात्र को जो लैपटॉप दिया जाना था, वो नहीं दिया. यूनिफॉर्म में भी भ्रष्टाचार किया और फिलहाल यूनिफॉर्म नहीं पहुंचने के बहुत सारे कारण हैं. कांग्रेस कई व्यवधान पैदा कर गई थी, इस कारण दिक्कत आ रही थी. लेकिन अब जल्द से जल्द यूनिफॉर्म पहुंचाने की तैयारी है. इसे लेकर ऑर्डर फाइल पर साइन कर दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक स्कूल शिक्षा परिषद ने यूनिफार्म खरीद के लिए निविदाएं आमंत्रित की है, जिसमें कपड़े की मैन्युफैक्चरिंग के साथ सिलाई का अनुभव रखने वाली फर्म ही भाग ले सकती हैं. परेशानी ये है कि कपड़ा निर्माता कम्पनियां केवल कपड़ा उत्पादन का कार्य करती है. सिलाई कार्य रेडिमेड गारमेंट्स की कम्पनियां करती हैं. इस शर्त के चलते अब निविदा शर्तों में संशोधन किया गया है.