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बूंदीः 10 बच्चों की मौत के बाद एक और नवजात ने तोड़ा दम, केंद्रीय स्वास्थ्य टीम पहुंची अस्पताल - bundi hospital

बूंदी के मातृ एवं शिशु अस्पताल की एसएनसीयू वार्ड में रविवार को एक बच्चे की वजन कम होने से मौत हो गई. इसी सिलसिले में केन्द्रीय स्वास्थ्य दल की टीम ने अस्पताल का दौरा किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. जब इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक केसी मीणा से पूछा गया तो उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया.

बूंदी अस्पताल केंद्रीय स्वास्थ्य टीम दौरा,  Bundi news
बूंदीः 10 बच्चों की मौत के बाद एक और नवजात ने तोड़ा दम,
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Published : Jan 5, 2020, 6:47 PM IST

बूंदी. जिले के मातृ एवं शिशु अस्पताल की एसएनसीयू वार्ड में 10 बच्चों की मौत के बाद रविवार को असामयिक 7 माह के एक बच्चे की वजन कम होने से मौत हो गई. बता दें कि बच्चा पिछले 3 दिनों से वेंटिलेटर पर था. जिसने रविवार को दम तोड़ दिया.

बूंदीः 10 बच्चों की मौत के बाद एक और नवजात ने तोड़ा दम

केंद्रीय स्वास्थ्य दल की टीम दौरे पर

10 बच्चों की मौत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य दल की दो सदस्य टीम मातृ एवं शिशु अस्पताल में दौरा करने के लिए पहुंची. जहां उन्होंने एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण किया. इस दौरान एसएनसीयू वार्ड के अंदर टीम ने वॉर्मर, ऑक्सीजन सहित हीट वॉर्मर को जांचा और हीट वॉर्मर में मॉनिटर नहीं लगे होने की बात सामने आई. करीब 2 घंटे तक केंद्रीय स्वास्थ्य दल के 2 सदस्य टीम ने अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में रहकर वहां की कार्यप्रणाली की जांच की और बच्चों की मौत की जानकारी ली.

पढ़े: अजमेर: घर के टैंकर में ही तैरता मिला युवक का शव, इलाके में फैली सनसनी

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने की टीम से मिलने की कोशिश

बीजेपी कार्यकर्ता केंद्रीय स्वास्थ्य दल टीम की से मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन स्वास्थ्य दल की टीम अस्पताल के पीछे के दरवाजे से रवाना हो गई. इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य दल की टीम ने इस मामले पर कुछ बयान देने पर मना कर दिया. साथ ही कहा की इस मामले की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. अस्पताल अधीक्षक केसी मीणा ने इस मामले में अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं और वह खुलकर मीडिया के सामने नहीं आ रहे हैं.

बूंदी. जिले के मातृ एवं शिशु अस्पताल की एसएनसीयू वार्ड में 10 बच्चों की मौत के बाद रविवार को असामयिक 7 माह के एक बच्चे की वजन कम होने से मौत हो गई. बता दें कि बच्चा पिछले 3 दिनों से वेंटिलेटर पर था. जिसने रविवार को दम तोड़ दिया.

बूंदीः 10 बच्चों की मौत के बाद एक और नवजात ने तोड़ा दम

केंद्रीय स्वास्थ्य दल की टीम दौरे पर

10 बच्चों की मौत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य दल की दो सदस्य टीम मातृ एवं शिशु अस्पताल में दौरा करने के लिए पहुंची. जहां उन्होंने एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण किया. इस दौरान एसएनसीयू वार्ड के अंदर टीम ने वॉर्मर, ऑक्सीजन सहित हीट वॉर्मर को जांचा और हीट वॉर्मर में मॉनिटर नहीं लगे होने की बात सामने आई. करीब 2 घंटे तक केंद्रीय स्वास्थ्य दल के 2 सदस्य टीम ने अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में रहकर वहां की कार्यप्रणाली की जांच की और बच्चों की मौत की जानकारी ली.

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बीजेपी कार्यकर्ताओं ने की टीम से मिलने की कोशिश

बीजेपी कार्यकर्ता केंद्रीय स्वास्थ्य दल टीम की से मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन स्वास्थ्य दल की टीम अस्पताल के पीछे के दरवाजे से रवाना हो गई. इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य दल की टीम ने इस मामले पर कुछ बयान देने पर मना कर दिया. साथ ही कहा की इस मामले की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. अस्पताल अधीक्षक केसी मीणा ने इस मामले में अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं और वह खुलकर मीडिया के सामने नहीं आ रहे हैं.

Intro:बूंदी के मातृ एवं शिशु अस्पताल में 10 बच्चों की मौत के बाद आज एक बच्चे की वजन कम होने से मौत हो गई यानी दिसंबर माह में 10 बच्चों की मौत हुई और जनवरी माह में पहली मौत बूंदी अस्पताल में हुई है और वह भी वजन कम होने से । यहां पर जैसे बच्चे की मौत हुई तो अस्पताल प्रशासन द्वारा परिजनों को चोरी चुपे अस्पताल से रवाना करवा दिया। उधर 10 बच्चों की मौत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य दल की टीम उनके अस्पताल निरीक्षण करने पहुंचे जहां उन्होंने एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण किया और वहां की खामियों को टटोला और बच्चों की मौत की जानकारी ली । इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य टीम मीडिया से बचती हुई नजर आई तो मीडिया के सामने अस्पताल अधीक्षक जरूर सामने आए । लेकिन 10 बच्चों की मौत हो गई है लेकिन बेशर्मी यों की तरह ईटीवी भारत की कैमरे पर सीएमओ साहब हंसते हुए दिखे ।


Body:बूंदी के मातृ एवं शिशु अस्पताल की एसएनसीयू वार्ड में 10 बच्चों की मौत के बाद आज एक बच्चे की और मौत हो गई यहां पर बच्चे का वजन कम था और बच्चा 7 माह का था जिसके चलते उसकी मौत हो गई उसको पिछले 3 दिनों से वेंटिलेटर पर रखा हुआ था और आज उसने दम तोड़ दिया जैसे ही दम बच्चे ने तोड़ा तो अस्पताल प्रशासन ने चोरी चुप है प्रसूता और मृत बच्चे को वहां से रवाना करवा दिया। बताया जा रहा है कि हिंडोली के राजपुरा गांव के निवासी प्रसूता के लिए नवजात हुआ था । उधर 10 बच्चों की मौत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य दल की 2 सदस्य टीम मातृ एवं शिशु अस्पताल में दौरा करने के लिए पहुंची जहां उन्होंने एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण किया । इस दौरान अस्पताल प्रशासन द्वारा व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद कर लिया गया था यहां एसएनसीयू वार्ड के अंदर टीम ने वॉर्मर , ऑक्सीजन सहित हिट वॉर्मर को जांचा और हिट वॉर्मर में मॉनिटर नहीं लगे होने की बात सामने आई। करीब 2 घंटे तक केंद्रीय स्वास्थ्य दल के 2 सदस्य टीम ने अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में रहकर वहां की कार्यप्रणाली को देखा और जांचा ।

उधर बीजेपी कार्यकर्ता केंद्रीय स्वास्थ्य दल टीम से मिलने की कोशिश कर रहे थे तो टीम अस्पताल के पीछे के दरवाजे से रवाना हो गई मीडिया को पता लगा तो मीडिया केंद्रीय स्वास्थ्य दल की टीम से मिलने पहुंचा जहां केंद्रीय स्वास्थ्य दल की टीम ने मीडिया से कुछ बयान देने पर मना कर दिया और कहा कि रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कह सकेंगे । उधर अस्पताल के अधीक्षक कैसी मीणा इस मामले में अभी तक भी चुप्पी साधे हुए हैं और वह खुलकर मीडिया के सामने नहीं आ रहे हैं । जैसे ही ईटीवी भारत का कैमरा पीएमओ कैसी मीणा के सामने पहुंचा तो कई सवाल ईटीवी भारत की ओर से पीएमओ साहब के सामने दागे गए लेकिन पीएमओ है कि अपना मुंह खोल नहीं सके यही नहीं हद तो तब हो गयी जब पीएमओ साहब ने जब बच्चे की मौत के बाद खुल कर हंसते हुए नजर आए और बेशर्मी की तरह सबके सामने हंसते हुए दिखे । यकीनन पीएमओ साहब की ईटीवी भारत के कैमरे में यह हंसी साफ तौर से बयां कर रही है कि अस्पताल प्रशासन की जरूर लापरवाही रही और उसी लापरवाही के चलते 10 बच्चों की मौत हो गई और एक बच्चे ने आज और दम तोड़ दिया ।


Conclusion:हमारी पड़ताल में यह सामने आया कि बूंदी के मातृ एवं शिशु अस्पताल के अंदर एसएनसीयू वार्ड में हिट वॉर्मर 20 है जिनमें से 12 बार वॉर्मर मॉनिटर मशीनें नहीं है जो कि बच्चों की धड़कन कैसे देखें यह सबसे बड़ा सवाल सामने आ रहा है और अस्पताल प्रशासन की इसी लापरवाही के चलते बच्चों की मौत हो गई । अगर सीरियस बच्चों को और गंभीर बीमारी के बच्चों को समय रहते देखा जाता और हिट वॉर्मर मशीन के मोनिटर लगे होते तो आज बूंदी में 10 बच्चों की मौत नहीं हुई होती । इतने बड़े अस्पताल के अंदर 20 हिट फॉर्मर मशीनों के 12 मशीनों में मॉनिटर है ही नहीं और अस्पताल प्रशासन इतनी बड़ी लापरवाही को छुपा कर बैठा हुआ था ।

बाईट - केसी मीणा , अस्पताल अधीक्षक ,बूंदी
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