बूंदी. 2019 की विदाई के साथ लोग 2020 के स्वागत के लिए तैयार है. जिले में यह साल एक परिवार के लिए खुशियां लेकर आया, जहां 6 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद जुगराज भील अपने गांव पहुंचा और परिवार जनों से मिला.
पाकिस्तान की कराची जेल में बंद जुगराज भील को छुड़ाने के लिए सरकार और बूंदी के कुछ जागरूक युवाओं ने मिलकर मुहिम चलाई थी, जिसके बाद उसे 20189 में कराची जेल द्वारा रिहा कर दिया गया था.
कैसे पहुंचा पाकिस्तान
बात 6 साल पुरानी है, जब जुगराज एक ट्रक के पीछे लटक-कर बूंदी से बॉर्डर इलाके में चला गया, जहां ट्रक रुकने पर वो भटकता हुआ बॉर्डर पार कर गया. वहीं अप्रैल 2014 में जुगराज कराची पुलिस के हत्थे चढ़ गया, जहां उसे अवैध घुसपैठ के आरोप में कराची कोर्ट में पेश किया गया.
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कोर्ट ने उसे 15 दिन के लिए जेल भेज दिया और 15 दिनों की जेल के नाम पर जुगराज को 5 साल तक बंदी बनाए रखा.
कराची जेल में मानसिक असुंतलन
कराची जेल में जुगराज मानसिक रूप से असंतुलित हो गया, तब कराची पुलिस ने भारतीय दूतावास को उसकी जानकारी दी, जिसपर 16 जनवरी 2015 को पहली बार उसे काउंसलर मुहैया करवाया गया.
युवाओं ने चलाई मुहिम
जुगराज के पाकिस्तान में होने की सूचना पर जिले के युवा और सरकार उसे छुड़ाने के लिए जुट गए. जहां सभी ने 2 साल तक जुगराज भील की वतन वापसी के लिए काफी प्रयास किए. तब जाकर 5 फरवरी 2019 को पाकिस्तान ने जुगराज को रिहा किया.
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जुगराज की वापसी में सहयोगी रहे समाजसेवी चर्मेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने राजस्थान सरकार और अधिकारियों से गुहार लगाई. यहां तक की 5 हजार पोस्ट कार्ड विदेश मंत्रालय भिजवाए गए. तब सरकार की चरणबद्ध कार्रवाई के बाद जुगराज को रिहा कर दिया गया. जुगराज के गांव पहुंचने के बाद उसके परिवारजन और ग्रामीणों ने उसका माला पहनाकर स्वागत किया. सरकार और युवाओं की इस पहल से सभी चेहरे खिल उठे.