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SPECIAL: लॉकडाउन में मुक्तिधाम में लग रहा है अस्थियों का अंबार, मोक्ष का इंतजार

बूंदी में लॉकडाउन के कारण मृतकों की अस्थियां भी विसर्जित नहीं हो पाई रही है. लॉकडाउन से पहले जिन लोगों का निधन हो गया है, उनकी अस्थियां विसर्जन के लिए लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रही हैं.

lockdown in Bundi बूंदी मुक्तिधाम
विसर्जन के लिए रखी है अस्थियां
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Published : Apr 13, 2020, 7:16 PM IST

बूंदी. कोरोना वायरस के कारण बूंदी मुक्तिधाम सहित अन्य मुक्तिधाम में रखी हुई अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते मुक्ति धामों में अस्थियों का अंबार लगा हुआ है. प्रशासन भी लॉकडाउन की वजह से इन अस्थियों के विसर्जन की अनुमति दे नहीं पा रहा है. वहीं समाजसेवियों ने मांग की है कि प्रशासन अस्थियां विसर्जन के लिए अनुमति दें वरना मृतक का मोक्ष नहीं हो पायेगा और भारतीय परंपराओं के अनुसार पाप के भागीदार सब बनेंगे.

विसर्जन के लिए रखी है अस्थियां

देश में कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन से सब ठप है. समान्य जनजीवन के साथ ही मौत की रस्मों में भी लॉकडाउन का इफेक्ट दिख रहा है. कोरोना के वजह से अब मृतकों को भी मोक्ष नसीब नहीं हो पा रहा है. यही नहीं जो अंतिम संस्कार के दौरान प्रक्रियाओं में भारतीय रसम निभाई जाती थी उन रस्मों में भी अटकलें सामने आई है. तीये की बैठक से लेकर गंगोज के भोज हो नहीं पा रहे हैं. अगर कोई देह अंतिम संस्कार के लिए पहुंच भी रहा है तो उसकी अस्थियों का विसर्जन भी नहीं हो पा रहा है.

lockdown in Bundi बूंदी मुक्तिधाम
बूंदी का रोटरी मुक्तिधाम

शहर में दो बड़े मुक्तिधाम, 20 से अधिक अस्थियां

बूंदी में दो बड़े मुक्तिधाम हैं. जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से इस दौरान बूंदी में अन्य कारणों से कई लोगों का निधन हुआ. जिसके बाद लोग अपने हिसाब से इन मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए भी पहुंचे. भारतीय रस्म के अनुसार उन लोगों का अंतिम संस्कार भी किया गया लेकिन 3 दिन बाद ना तो तीये की रसम हो पाई, ना ही लोग लॉकडाउन की वजह से अपनी अस्थियों को लेने के लिए रोटरी मुक्तिधाम पहुंचे.

lockdown in Bundi बूंदी मुक्तिधाम
मोक्षधाम के लॉकर में नहीं है जगह

मुक्तिधाम प्रशासन ने भी की अस्थि कहीं और सुरक्षित रखने की मांग

जिसके चलते रोटरी मुक्ति धाम में एक-एक कर 20 से अधिक लोगों की अस्थियां एकत्रित हो गई हैं. हालांकि, सभी अस्थियां लॉकर में सुरक्षित हैं, लेकिन 10 से ज्यादा लॉकर इस रोटरी मुक्तिधाम में नहीं हैं. जिसके चलते रोटरी मुक्तिधाम में भी इन अस्थियों की सुरक्षा करने का सवाल खड़ा हो गया है.

रोटरी मुक्तिधाम के अध्यक्ष केसी वर्मा का मानना है कि अगर और देह का अंतिम संस्कार हुआ तो हमारे पास रखने के लिए कोई लॉकर नहीं है, हम कैसे उनकी सुरक्षा करेंगे. सरकार को चाहिए कि इसमें पहल करते हुए वह यहां से अंतिम संस्कार के बाद लॉकर से विसर्जित करने के लिए अस्थियों को जाने दे.

lockdown in Bundi बूंदी मुक्तिधाम
मोक्षधाम के लॉकर में नहीं है जगह

यह भी पढ़ें. SPECIAL: खून की कमी से जूझ रहे BLOOD BANK, लॉकडाउन के चलते नहीं आ रहे डोनर

वहीं श्राद्ध कर्म के लोगों ने कार्यक्रम टाल दिए हैं. ब्राह्मण भोज को 2 से 4 माह तक आगे टाल दिया है क्योंकि 10 दिन के अंदर भारतीय रस्म के अनुसार अस्थियां विसर्जित करने वालो लोगों को 2 से 3 हफ्तों घरों के कैद होना पड़ रहा है. लॉकर में मृतकों की अस्थियां कैद हो गई.

lockdown in Bundi बूंदी मुक्तिधाम
मुक्तिधाम का लॉकर

समाज के लोगों ने उठाई आवाज

विसर्जित नहीं हो पा रही अस्थियों को लेकर शहर के समाजसेवियों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि वह इन अस्थियां विसर्जन करने के लिए अनुमति जारी करें. जिससे संबंधित परिजन इन अस्थियों को मुक्तिधाम से लेकर अपने तीर्थस्थल या अपने अनुसार इन अस्थियों का विसर्जन कर सके वरना यह अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पाएगा तो भारतीय परंपराओं के अनुसार मृतक व्यक्ति को मोक्ष नहीं मिल पाएगा.

वहीं धार्मिक रस्म भी पूरी नहीं हो पाएगी. प्रशासन से लोगों की यही अपील है कि इन अस्थियों को सुरक्षा के साथ परिजनों को पहुंचाया जाए. वहां से इन्हें विसर्जित करने के लिए एक पहल शुरू की जाए. जिससे मौत के इन कामों में कोई अड़चन नहीं आ सके. यकीनन, कोरोना वायरस के इस इफेक्ट से आमजन क्या मौत की रसम में भी बाधा आ गई है. मौत की रस्में भी अब सही से हो नहीं पा रही है.

बूंदी. कोरोना वायरस के कारण बूंदी मुक्तिधाम सहित अन्य मुक्तिधाम में रखी हुई अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते मुक्ति धामों में अस्थियों का अंबार लगा हुआ है. प्रशासन भी लॉकडाउन की वजह से इन अस्थियों के विसर्जन की अनुमति दे नहीं पा रहा है. वहीं समाजसेवियों ने मांग की है कि प्रशासन अस्थियां विसर्जन के लिए अनुमति दें वरना मृतक का मोक्ष नहीं हो पायेगा और भारतीय परंपराओं के अनुसार पाप के भागीदार सब बनेंगे.

विसर्जन के लिए रखी है अस्थियां

देश में कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन से सब ठप है. समान्य जनजीवन के साथ ही मौत की रस्मों में भी लॉकडाउन का इफेक्ट दिख रहा है. कोरोना के वजह से अब मृतकों को भी मोक्ष नसीब नहीं हो पा रहा है. यही नहीं जो अंतिम संस्कार के दौरान प्रक्रियाओं में भारतीय रसम निभाई जाती थी उन रस्मों में भी अटकलें सामने आई है. तीये की बैठक से लेकर गंगोज के भोज हो नहीं पा रहे हैं. अगर कोई देह अंतिम संस्कार के लिए पहुंच भी रहा है तो उसकी अस्थियों का विसर्जन भी नहीं हो पा रहा है.

lockdown in Bundi बूंदी मुक्तिधाम
बूंदी का रोटरी मुक्तिधाम

शहर में दो बड़े मुक्तिधाम, 20 से अधिक अस्थियां

बूंदी में दो बड़े मुक्तिधाम हैं. जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से इस दौरान बूंदी में अन्य कारणों से कई लोगों का निधन हुआ. जिसके बाद लोग अपने हिसाब से इन मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए भी पहुंचे. भारतीय रस्म के अनुसार उन लोगों का अंतिम संस्कार भी किया गया लेकिन 3 दिन बाद ना तो तीये की रसम हो पाई, ना ही लोग लॉकडाउन की वजह से अपनी अस्थियों को लेने के लिए रोटरी मुक्तिधाम पहुंचे.

lockdown in Bundi बूंदी मुक्तिधाम
मोक्षधाम के लॉकर में नहीं है जगह

मुक्तिधाम प्रशासन ने भी की अस्थि कहीं और सुरक्षित रखने की मांग

जिसके चलते रोटरी मुक्ति धाम में एक-एक कर 20 से अधिक लोगों की अस्थियां एकत्रित हो गई हैं. हालांकि, सभी अस्थियां लॉकर में सुरक्षित हैं, लेकिन 10 से ज्यादा लॉकर इस रोटरी मुक्तिधाम में नहीं हैं. जिसके चलते रोटरी मुक्तिधाम में भी इन अस्थियों की सुरक्षा करने का सवाल खड़ा हो गया है.

रोटरी मुक्तिधाम के अध्यक्ष केसी वर्मा का मानना है कि अगर और देह का अंतिम संस्कार हुआ तो हमारे पास रखने के लिए कोई लॉकर नहीं है, हम कैसे उनकी सुरक्षा करेंगे. सरकार को चाहिए कि इसमें पहल करते हुए वह यहां से अंतिम संस्कार के बाद लॉकर से विसर्जित करने के लिए अस्थियों को जाने दे.

lockdown in Bundi बूंदी मुक्तिधाम
मोक्षधाम के लॉकर में नहीं है जगह

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वहीं श्राद्ध कर्म के लोगों ने कार्यक्रम टाल दिए हैं. ब्राह्मण भोज को 2 से 4 माह तक आगे टाल दिया है क्योंकि 10 दिन के अंदर भारतीय रस्म के अनुसार अस्थियां विसर्जित करने वालो लोगों को 2 से 3 हफ्तों घरों के कैद होना पड़ रहा है. लॉकर में मृतकों की अस्थियां कैद हो गई.

lockdown in Bundi बूंदी मुक्तिधाम
मुक्तिधाम का लॉकर

समाज के लोगों ने उठाई आवाज

विसर्जित नहीं हो पा रही अस्थियों को लेकर शहर के समाजसेवियों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि वह इन अस्थियां विसर्जन करने के लिए अनुमति जारी करें. जिससे संबंधित परिजन इन अस्थियों को मुक्तिधाम से लेकर अपने तीर्थस्थल या अपने अनुसार इन अस्थियों का विसर्जन कर सके वरना यह अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पाएगा तो भारतीय परंपराओं के अनुसार मृतक व्यक्ति को मोक्ष नहीं मिल पाएगा.

वहीं धार्मिक रस्म भी पूरी नहीं हो पाएगी. प्रशासन से लोगों की यही अपील है कि इन अस्थियों को सुरक्षा के साथ परिजनों को पहुंचाया जाए. वहां से इन्हें विसर्जित करने के लिए एक पहल शुरू की जाए. जिससे मौत के इन कामों में कोई अड़चन नहीं आ सके. यकीनन, कोरोना वायरस के इस इफेक्ट से आमजन क्या मौत की रसम में भी बाधा आ गई है. मौत की रस्में भी अब सही से हो नहीं पा रही है.

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