बूंदी. कोरोना वायरस से बचने के चलते लॉकडाउन लगा है और देश में धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगी हुई है. लेकिन बूंदी के रामनगर इलाके में बिना रोक टोक के भीड़ एकत्रित हुई, वो भी एक तांत्रिक के लिए. तस्वीरें बूंदी के लाखेरी और रामनगर गांव की है, जहां लॉकडाउन के दौरान लोगों ने सारी हदें पार कर दी. हुआ यूं की कुछ लोगों को सूचना मिली कि मंदिर पर धार्मिक अनुष्ठान हो रहा है. इस सूचना पर लोग मंदिर में पहुंचना शुरू हो गए और देखते ही देखते भारी तादाद में भीड़ एकत्रित हो गई.
भीड़ जुटने पर तांत्रिक भोपा ने अपना खेल दिखाना शुरू किया और आत्मा का खेल बताकर लोगों को बेवकूफ बनाता रहा. तांत्रिक को देख कई लोग पूजा करने लगे. मंदिर में ढोल नगाड़े शुरू हो गए. बच्चे, पुरुष-महिला सभी मंदिर में अनुष्ठान करने पहुंच गए और लॉकडाउन के दौरान बरती गई लापरवाही में सब शामिल हो गए. दो घंटे तक चले कौतूहल भरे अंधविश्वास कार्यक्रम की सूचना पर लाखेरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मंदिर के अनुष्ठान को बंद करवाया. पुलिस को देख कुछ लोग तो मंदिर से भाग गए, वहीं कुछ लोग भोपे के साथ रुके रहे. लेकिन भोपा अपनी जादुई आत्मा के साथ सिर हिलाता रहा.
पुलिस उसे दूर से रोकती रही, लेकिन भोपा गर्दन हिला हिला कर अपनी जादुई आत्मा होने को साबित करता रहा. फिर थोड़ी देर बाद पुलिस ने भोपे को पकड़ लिया. उसे पाबंद किया गया है कि वह ऐसा नहीं करे वर्ना कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
रामनगर में नंगी तलवारों के साथ दिखा अन्धविश्वास
दूसरे मामले में रामनगर इलाके में खुले गांव के नुक्क्ड़ पर बिना किसी डर के ग्रामीणों ने नंगी तलवारों के साथ भीड़ को एकत्रित किया और देखते ही देखते भारी संख्या में सड़क-छतों पर भीड़ जमा हो गई और यहां एक नहीं, तीन-तीन तांत्रिक भोपों ने तलवारों के साथ अपने जादुई करतब किए और अनुष्ठान करते रहे. कुछ देर बाद यहां दो लोगो में आत्मा आने का अंधविश्वास दिखाया. गांव के चौराहे पर यह तीनों नंगी तलवारों को लेकर घूमते रहे और कई घंटों तक यह खेल चलता रहा.
भीड़ इतनी थी कि लॉकडाउन की जमकर धज्जियां उड़ती हुई नजर आ रही थी. किसी को कोई डर नहीं था कि सोशल डिस्टेंस और लॉक डाउन की उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसे आयोजनों के लिए भीड़ एकत्रित कैसे हुई और घंटों तक चले कार्यक्रमों को होने से पहले क्यों नहीं रोका गया. इन तस्वीरें को देखकर कहा जा सकता है कि किसी को कोरोना या लॉकडाउन की कोई फिक्र नहीं थी.