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बूंदी: 21 जुलाई से प्रदेशव्यापी प्रदर्शन की तैयारी में भारतीय किसान संघ

बूंदी में भारतीय किसान संघ ने प्रेसवार्ता कर 21 जुलाई से प्रदेशभर में प्रदर्शन की बात कही है. संघ का कहना है कि सरकार लगातार किसानों की मांगों की अनदेखी कर रही है. किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और ना ही टिड्डी हमलों, ओलावृष्टि में खराब हुई फसलों को लेकर मुआवजा दिया गया है.

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21 जुलाई से प्रदेशव्यापी प्रदर्शन की तैयारी में भारतीय किसान संघ
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Published : Jul 18, 2020, 7:48 PM IST

बूंदी. भारतीय किसान संघ ने 21 जुलाई को प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. किसान संघ की मांग है कि किसानों की समस्याओं पर सरकार ध्यान नहीं दे रही. संघ ने आरोप लगाया कि 1100 ज्ञापन देने के बाद भी सरकार ने किसानों की मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. भारतीय किसान संघ के बैनर तले प्रदेश भर में 21 जुलाई को समस्त जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा.

भारतीय किसान संघ

शनिवार को आयोजित भारतीय किसान संघ की प्रेस वार्ता में संघ के पदाधिकारियों ने अपनी 21 सूत्रीय मांगों को रखा. प्रदेश प्रतिनिधि शिवराज पुरी ने बताया कि प्रदेश में पिछले खरीफ सीजन से ही फसल कटाई के समय ओलावृष्टि, टिड्डी हमलों व रबी सीजन में ओलावृष्टि, पाला गिरने से किसानों की फसलें खराब हो जाने से बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था. सरकार की लापरवाही और उदासीनता के कारण 2019 में समर्थन मूल्य पर मूंग की मात्र 10%, मूंगफली की 15% खरीद हो पाई थी.

ब्याज मुक्त सहकारी ऋण में सरकार ने 50% से अधिक कटौती कर ओवरड्यूज नेशनल शेयरधारकों के ऋण पर रोक कर विभिन्न शर्त लगाकर ऋण बंद करवा दिए थे. जिससे किसान साहूकारों से ऊंची ब्याज पर ऋण लेने को मजबूर हुए. उन्होंने बताया कि सरकार के किसान विरोधी निर्णय की वजह से विद्युत बिलों में दिया जाने वाला 833 रुपए का अनुदान बंद कर दिया गया. जिससे प्रदेश के 14 लाख किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक भार बढ़ गया. आर्थिक संकट से जूझ रहे किसान सहकारी ऋण विसंगतियों को दूर करने, फसल खराबे का मुआवजा देने, विद्युत बिलों में अनुदान फिर से शुरू करने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में विभिन्न माध्यमों से ज्ञापन सौंपकर सरकार को लगातार अवगत करवाते रहे.

पढ़ें: अलवर: कोरोना की मार झेल रही प्याज, किसान परेशान

प्रदेश में लगातार हो रहे टिड्डी हमलों ने एक दर्जन से अधिक जिलों में 3 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचाया. जिससे किसानों को 1100 करोड़ से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हुआ. जिसका कोई मुआवजा नहीं दिया गया. टिड्डी नियंत्रण के कोई प्रभावी कदम सरकार की तरफ से नहीं उठाए गए हैं.

बूंदी. भारतीय किसान संघ ने 21 जुलाई को प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. किसान संघ की मांग है कि किसानों की समस्याओं पर सरकार ध्यान नहीं दे रही. संघ ने आरोप लगाया कि 1100 ज्ञापन देने के बाद भी सरकार ने किसानों की मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. भारतीय किसान संघ के बैनर तले प्रदेश भर में 21 जुलाई को समस्त जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा.

भारतीय किसान संघ

शनिवार को आयोजित भारतीय किसान संघ की प्रेस वार्ता में संघ के पदाधिकारियों ने अपनी 21 सूत्रीय मांगों को रखा. प्रदेश प्रतिनिधि शिवराज पुरी ने बताया कि प्रदेश में पिछले खरीफ सीजन से ही फसल कटाई के समय ओलावृष्टि, टिड्डी हमलों व रबी सीजन में ओलावृष्टि, पाला गिरने से किसानों की फसलें खराब हो जाने से बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था. सरकार की लापरवाही और उदासीनता के कारण 2019 में समर्थन मूल्य पर मूंग की मात्र 10%, मूंगफली की 15% खरीद हो पाई थी.

ब्याज मुक्त सहकारी ऋण में सरकार ने 50% से अधिक कटौती कर ओवरड्यूज नेशनल शेयरधारकों के ऋण पर रोक कर विभिन्न शर्त लगाकर ऋण बंद करवा दिए थे. जिससे किसान साहूकारों से ऊंची ब्याज पर ऋण लेने को मजबूर हुए. उन्होंने बताया कि सरकार के किसान विरोधी निर्णय की वजह से विद्युत बिलों में दिया जाने वाला 833 रुपए का अनुदान बंद कर दिया गया. जिससे प्रदेश के 14 लाख किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक भार बढ़ गया. आर्थिक संकट से जूझ रहे किसान सहकारी ऋण विसंगतियों को दूर करने, फसल खराबे का मुआवजा देने, विद्युत बिलों में अनुदान फिर से शुरू करने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में विभिन्न माध्यमों से ज्ञापन सौंपकर सरकार को लगातार अवगत करवाते रहे.

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प्रदेश में लगातार हो रहे टिड्डी हमलों ने एक दर्जन से अधिक जिलों में 3 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचाया. जिससे किसानों को 1100 करोड़ से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हुआ. जिसका कोई मुआवजा नहीं दिया गया. टिड्डी नियंत्रण के कोई प्रभावी कदम सरकार की तरफ से नहीं उठाए गए हैं.

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