बूंदी. बूंदी में टिड्डी दल के अटैक को लेकर कृषि विभाग द्वारा जिले में किसानों को अलर्ट जारी किया गया है. किसानों से कृषि विभाग ने अपील करते हुए कहा है कि, पड़ोसी जिलों के आस-पास के गांव से हवा का रुख बदल सकता है और यहां पर टिड्डी दल कभी भी हमला कर सकता है इसको लेकर सचेत रहें. वहीं टिड्डी दल के अटैक को लेकर बूंदी जिला कलेक्टर ने भी अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं और रोकथाम को लेकर कदम उठाए हैं.
उन्होंने अपील की है कि, किसान डीजे, ढोल, थाली बजाकर, कूड़ा करवट से धुंआ कर टिड्डी दल को यहां से भगाने के लिए कोशिश कर सकते हैं जिससे टिड्डी दल यहां नहीं रुकेगा और आगे बढ़ जाएगा. फसलों को इससे नुकसान भी नहीं होगा. कृषि विभाग के उप निदेशक रमेश चंद्र जैन ने बताया कि, टिड्डी दल को दिन में मारना संभव नहीं हो सकता यह दल रात को ही पेड़ों पर पढ़ाव डालकर पेड़ो एवं फसल को चट कर जाता है.
वहीं देश में मौसम-विभाग के अनुसार, चक्रवाती तूफान अल्फान के आने की भविष्यवाणी की है जिससे कुछ दिनों तक हवा का रुख भी बदल सकता है. हवा के साथ जिले में टिड्डी दल के आने की आशंका बढ़ गई है. इसके नियंत्रण के लिए तत्परता जरूरी है. इसी को लेकर किसानों से कृषि विभाग ने आशंकाओं के साथ ही टिड्डी दल से बचने के लिए उपाय ढूंढने के तरीकों को बताना शुरू कर दिया है.
वहीं किसानों को टिड्डी दल के रोकथाम के लिए कृषि विभाग ने केमिकल भी उपलब्ध करवाए हैं. ताकि टिड्डी दिखे तो उन पेड़ों पर छिड़काव कर व धुंआ कर दल को यहां से भगाने के लिए प्रयास किया जा सके. टिड्डी दल के अटैक को लेकर बूंदी जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने भी कृषि विभाग के अधिकारियों , उपखण्ड अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.
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कृषि विभाग के अधिकारी ने बूंदी में टिड्डी दल के अटैक को लेकर जानकारी दी और बताया कि पड़ोसी जिलों में टिड्डी दल का अटैक हुआ है. ऐसे में हवा का रुख बदलता है तो बूंदी में भी दल का अटैक हो सकता है. लेकिन बूंदी में वर्तमान में किसानों की फसलें पूरी तरह से कट चुकी है ऐसे में अगर ग्रामीण क्षेत्रों में टिड्डी दल का अटैक होगा तो किसानों को नुकसान नहीं होगा.
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क्योंकि उनकी फसलें कट चुकी हैं ऐसे में कृषि विभाग ने आशंका जताई है कि वन विभाग की भूमि पर पेड़ पौधों को यह टिड्डी दल नुकसान पहुंचा सकता है. क्योंकि टिड्डी दल रात को अटैक करता है और उस पेड़ को पड़ाव डालने के साथ ही चट कर देता है तो ऐसे में पेड़-पौधों को नुकसान की आशंका यहां बनी हुई है. कृषि विभाग यह प्रयास कर रहा है कि टट्टी दल को बूंदी आने नहीं दिया जाए और समय रहते टिड्डी दल को योजनाबद्ध तरीके से यहां रुकने नहीं दिया जाए