केशवरायपाटन(बूंदी). जिले में अवैध बजरी का कारोबार रात के अंधेरे में अधिक फल फूल रहा है. चंबल नदी से नावों की सहायता से बजरी को भरकर किनारों पर लाया जा रहा है. यहां से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर आस-पास के इलाकों में ढेर लगाया जा रहा है. जिसके बाद इन स्थानों से बजरी को महंगे दामों में लोगों को बेच दिया जाता है. बजरी के इस अवैध कारोबार पर मंगलवार को प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 6 से अधिक बजरी के ढेर जब्त किए.
बता दें कि सूनगर गांव में चल रहे हैं बजरी के अवैध कारोबार को लेकर मंगलवार को प्रशासन हरकत में आया है. जिसके बाद उपखंड अधिकारी प्रमोद कुमार, वृताधिकारी दीपक गर्ग और तहसीलदार रजत कुमार के नेतृत्व में छापामार कार्रवाई की. विभाग एवं घड़ियाल अभ्यारण के कर्मचारियों के साथ प्रशासन भी मौक पर पहुंचे. जिसके बाद चंबल नदी के किनारे बजरी खनन क्षेत्र में जेसीबी से खाई लगवाई. वहीं आसपास आधा दर्जन स्थानों पर लगे बजरी के ढेरों को जब्त कर लिया.
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वहीं कार्रवाई की भनक लगते ही खनन माफिया वाहनों के साथ भाग गए. ऐसे में अधिकारियों कोई नहीं मिला. हालांकि सभी जगहों पर ताजा खनन साफ दिखाई पड़ा. इधर, जिले में अवैध बजरी खनन व परिवहन की रोकथाम के लिए जिला कलेक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने बैठक कर दिशा-निर्देश दिए थे.
दो दिन पहले से जारी कार्रवाई
बूंदी और कोटा जिले की टीम ने सोमवार को भी राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभयारण्य में अवैध बजरी निकासी कर रहे लोगों के खिलाफ शिकंजा कसा था. कैथून थाना क्षेत्र के मानसगांव में अवैध बजरी खनन के मामले में पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंची थी. जिसके बाद चंबल नदी से बजरी निकालने में काम में ली जा रही लकड़ी की पन्द्रह नाव नष्ट कर दी. यह कार्रवाई करीब पांच घंटे तक चली. इससे खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया.
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सुबह 11 बजे पुलिस, दोनों इलाकों के उपखण्ड अधिकारी और वन विभाग की टीमें मानस गांव में चंबल नदी के किनारे कार्रवाई के लिए पहुंची. वहां कार्रवाई की भनक लगने से आरोपी फरार हो गए. पुलिस ने वहां पर रेत निकालने के उपयोग में ली जाने वाली लकड़ी की पन्द्रह नावों को बुलडोजर से नष्ट कर दिया. इसके अलावा नदी की ओर जाने वाले रास्तों पर खाई खोदकर वाहनों के लिए बंद कर दिए.