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Laxmi Mata ki Puja : धन की कमी से जूझ रहे लोग करें ये काम, मां लक्ष्मी होगी प्रसन्न

हर दिन वार की तरह जीवन में शुक्रवार का एक अलग महत्व है यह शुक्र ग्रह को समर्पित है. शुक्र ग्रह का दोष होने से व्यक्ति को जीवन में आर्थिक विफलता, ऐश्वर्य की कमी, दाम्पत्य जीवन में कड़वाहट और संतान संबंधी चिंता रहती है.

laxmi mata ki puja
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Published : May 19, 2023, 6:56 AM IST

बीकानेर. हर व्यक्ति की बेहतर जीवन निर्वाह की कामना होती है लेकिन जन्मपत्री में शुक्र ग्रह का दोष होना और नीच का शुक्र होना इन परिस्थिति से दूर करता है. क्योंकि जीवन में सुख भोगने में कई बार ग्रह दोष के कारण अड़चन पैदा होती है. जातक की जन्मकुंडली के मुताबिक़ ग्रहों की चाल के चलते जीवन में धन, वैभव और संपदा की कमी या फिर सब कुछ होते हुए भी उसका भोग नहीं कर पाने की स्थिति पैदा करती है. इन सबके पीछे शुक्र ग्रह का दोष का होना माना जाता है. इसलिए जन्मकुंडली में शुक्र ग्रह के दोष का निवारण जरूर समय रहते हुए करना चाहिए.

करें ये उपाय : जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह के नीच स्थान पर होने के चलते निवारण के लिए शुक्र ग्रह की पूजा करनी चाहिए. इसके लिए शुक्रवार शुक्र मंत्र ॐ द्रां द्रीं दौं सः शुक्राय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.

इनसे करें परहेज : जन्म कुंडली में शुक्रग्रह का दोष होने या उससे बचने के लिए शुक्रवार के दिन कुछ कार्य बिल्कुल नहीं करने चाहिए. शुक्रवार माता लक्ष्मी का वार भी है और खुद शुक्र ग्रह वैभव को. प्रदर्शित करता है और बिना धन वैभव उपभोग नहीं होता है इसलिए शुक्रवार के दिन खास तौर पर पैसे का लेनदेन नहीं करें. शुक्रवार के दिन विशेष साफ सफाई से बचना चाहिए और खासतौर से घर में कपड़े नहीं धोने चाहिए.

पढ़ें : Jyestha Amavasya 2023: अमावस्या-शनि जयंती पर बन रहा अद्भुत संयोग, पूजन से मिलेगा कई गुना लाभ

मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा : शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा या लक्ष्मी मंदिर जाकर ॐ विष्णु प्रियाये नमो नमः ॐ धनकप्रदाय नमो नमः, ॐ महालक्ष्मये नमो नमः मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके अलावा श्रीसुक्त का पाठ करना चाहिए. शुक्रवार के दिन ॐ लक्ष्मीनारायण नमो नमः मंत्र का जाप करने से वैवाहिक जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है. मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता महालक्ष्मी की पूजा भगवान विष्णु के साथ करनी चाहिए.

माता महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी मंत्र के साथ मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करना चाहिए. मां लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप से सुख-समृद्धि आती है. ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:.ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा. मंत्र का जाप भी करना श्रेष्ठ रहता है.

बीकानेर. हर व्यक्ति की बेहतर जीवन निर्वाह की कामना होती है लेकिन जन्मपत्री में शुक्र ग्रह का दोष होना और नीच का शुक्र होना इन परिस्थिति से दूर करता है. क्योंकि जीवन में सुख भोगने में कई बार ग्रह दोष के कारण अड़चन पैदा होती है. जातक की जन्मकुंडली के मुताबिक़ ग्रहों की चाल के चलते जीवन में धन, वैभव और संपदा की कमी या फिर सब कुछ होते हुए भी उसका भोग नहीं कर पाने की स्थिति पैदा करती है. इन सबके पीछे शुक्र ग्रह का दोष का होना माना जाता है. इसलिए जन्मकुंडली में शुक्र ग्रह के दोष का निवारण जरूर समय रहते हुए करना चाहिए.

करें ये उपाय : जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह के नीच स्थान पर होने के चलते निवारण के लिए शुक्र ग्रह की पूजा करनी चाहिए. इसके लिए शुक्रवार शुक्र मंत्र ॐ द्रां द्रीं दौं सः शुक्राय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.

इनसे करें परहेज : जन्म कुंडली में शुक्रग्रह का दोष होने या उससे बचने के लिए शुक्रवार के दिन कुछ कार्य बिल्कुल नहीं करने चाहिए. शुक्रवार माता लक्ष्मी का वार भी है और खुद शुक्र ग्रह वैभव को. प्रदर्शित करता है और बिना धन वैभव उपभोग नहीं होता है इसलिए शुक्रवार के दिन खास तौर पर पैसे का लेनदेन नहीं करें. शुक्रवार के दिन विशेष साफ सफाई से बचना चाहिए और खासतौर से घर में कपड़े नहीं धोने चाहिए.

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मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा : शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा या लक्ष्मी मंदिर जाकर ॐ विष्णु प्रियाये नमो नमः ॐ धनकप्रदाय नमो नमः, ॐ महालक्ष्मये नमो नमः मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके अलावा श्रीसुक्त का पाठ करना चाहिए. शुक्रवार के दिन ॐ लक्ष्मीनारायण नमो नमः मंत्र का जाप करने से वैवाहिक जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है. मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता महालक्ष्मी की पूजा भगवान विष्णु के साथ करनी चाहिए.

माता महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी मंत्र के साथ मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करना चाहिए. मां लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप से सुख-समृद्धि आती है. ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:.ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा. मंत्र का जाप भी करना श्रेष्ठ रहता है.

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