बीकानेर. हर दिन वार की तरह जीवन में शुक्रवार का एक अलग महत्व है यह शुक्र ग्रह को समर्पित है. शुक्र ग्रह का दोष होने से व्यक्ति को जीवन में आर्थिक सफलता में बाधा के. साथ ही संतान संबंधी चिंता रहती है.
माता महालक्ष्मी की पूजा : हिंदू धर्म ग्रंथ में मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता महालक्ष्मी की पूजा भगवान विष्णु के साथ करनी चाहिए. माता महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी मंत्र के साथ मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करना चाहिए. मां लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप से सुख-समृद्धि आती है. ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:.ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा.
शुक्र ग्रह दोष मुक्ति उपाय : जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह के नीच स्थान पर हो तो उसके लिए शुक्र ग्रह की पूजा करनी चाहिए और ॐ द्रां द्रीं दौं सः शुक्राय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए. शुक्रवार के दिन कुछ कार्य बिल्कुल नहीं करने चाहिए जिनमें किसी से भी पैसे का लेनदेन नहीं करें. साथ ही शुक्रवार को घर में कपड़े नहीं धोने चाहिए. पुराणों में मान्यता है कि घर में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. शुक्रवार के दिन खट्टा नहीं खाना चाहिए. शुक्र के प्रसन्न होने से ही शुक्र ग्रह जीवन में शुभ फल देता है.
करें इन मंत्र का जाप : शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा या लक्ष्मी मंदिर जाकर ॐ विष्णु प्रियाये नमो नमः ॐ धनकप्रदाय नमो नमः, ॐ महालक्ष्मये नमो नमः मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके अलावा श्रीसुक्त का पाठ करना चाहिए. शुक्रवार के दिन ॐ लक्ष्मीनारायण नमो नमः मंत्र का जाप करने से वैवाहिक जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है.
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घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि के लिए करें उपाय : शुक्रवार को देशी गाय के गोबर का छोटा-सा दीपक बनाकर उसमें गुड़ की डली और गाय का घी या तिल का तेल डालें. फिर ज्योति जलाकर उसे घर के मुख्य द्वार के निकट रख दें. परब्रह्म-प्रकाश स्वरूपा दीपज्योति को नमस्कार करके प्रार्थना करें. इससे घर के वातावरण में सात्विक ऊर्जा बनेगी और घर में सुख-समृद्धि सदैव बनी रहेगी.
अष्टमी का विशेष संयोग : शुक्रवार को देवी का वार कहा जाता है. वहीं अष्टमी को भी देवी की विशेष तिथि कही जाती है. ऐसे में इस शुक्रवार को देवी की आराधना का विशेष संयोग भी शुक्रवार को है.