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Wednesday Remedies: गणपति की आराधना से मिलेगा फल, सारे संकट से मिलेगी मुक्ति

भगवान गणेश को सनातन धर्म में प्रथम पूज्य कहा (Ganesh ji ki Puja) गया है. बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और कि जीवन में आए संकटों का निवारण होता है.

Wednesday Remedies
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Published : Mar 1, 2023, 9:26 AM IST

बीकानेर. सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य कहा गया है जिसका अर्थ है कि सबसे पहले जिसकी पूजा होगी वह भगवान गणेश है. किसी भी प्रकार की मांगलिक कार्य प्रतिष्ठान के आरंभ में व्यवसाय शुभ कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है. वैसे तो हर देवी देवता के लिए के एक दिन विशेष के साथ ही एक बार विशेष की पूजा का विधान है. बुधवार के दिन भगवान गणेश का वार कहा जाता है और इस दिन उनकी पूजा-अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

ऐसे करें पूजा : सुबह दैनिक कार्य से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद पूर्व या उत्तर की तरफ मुख करके बैठकर भगवान गणेश की पूजा करें. भगवान गणेश को फूल, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि का चढ़ाएं. हरे रंग के कपड़े पहनना इस दिन शुभ माना जाता है.

पढ़ें: Daily Rashifal: जानिए आज राशिफल के अनुसार आपका लकी नंबर, दिशा और रंग

गणेश मंत्र का जाप करें : भगवान गणेश को संकटनाशन विघ्नहर्ता कहा जाता है और संकटनाशन स्त्रोत पाठ बुधवार को करने का विशेष फल प्राप्त होता है. वैसे कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की बाधा संकट से जूझ रहा हो तो उसे हर दिन संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. घर से बाहर निकलते वक्त भगवान गणेश स्मरण करके काम पर जाना चाहिए. इस दिन गणेश मंदिर जाकर भगवान गणेश के दर्शन करना चाहिए और दूर्वा अर्पित करना चाहिए भगवान गणेश को दूर्वा काफी प्रिय है और इससे वे जल्दी प्रसन्न होते हैं.

पढ़ें: Daily Rashifal 1 March : कैसा बीतेगा आज का दिन, जानिए अपना आज का राशिफल

भगवान गणेश के बारे में जानें: गणेश एक हिंदू देवता हैं. वह हिंदू मान्यता में शीर्ष देवता हैं. गणेश समृद्धि, सौभाग्य और ज्ञान से जुड़े हैं. बहुत से लोग गणेश की पूजा करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उनकी कृपा से दुनिया में उनकी भौतिक स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी. गणेश आपके जीवन में बाधाओं को दूर करने वाले देवता हैं.

बीकानेर. सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य कहा गया है जिसका अर्थ है कि सबसे पहले जिसकी पूजा होगी वह भगवान गणेश है. किसी भी प्रकार की मांगलिक कार्य प्रतिष्ठान के आरंभ में व्यवसाय शुभ कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है. वैसे तो हर देवी देवता के लिए के एक दिन विशेष के साथ ही एक बार विशेष की पूजा का विधान है. बुधवार के दिन भगवान गणेश का वार कहा जाता है और इस दिन उनकी पूजा-अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

ऐसे करें पूजा : सुबह दैनिक कार्य से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद पूर्व या उत्तर की तरफ मुख करके बैठकर भगवान गणेश की पूजा करें. भगवान गणेश को फूल, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि का चढ़ाएं. हरे रंग के कपड़े पहनना इस दिन शुभ माना जाता है.

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गणेश मंत्र का जाप करें : भगवान गणेश को संकटनाशन विघ्नहर्ता कहा जाता है और संकटनाशन स्त्रोत पाठ बुधवार को करने का विशेष फल प्राप्त होता है. वैसे कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की बाधा संकट से जूझ रहा हो तो उसे हर दिन संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. घर से बाहर निकलते वक्त भगवान गणेश स्मरण करके काम पर जाना चाहिए. इस दिन गणेश मंदिर जाकर भगवान गणेश के दर्शन करना चाहिए और दूर्वा अर्पित करना चाहिए भगवान गणेश को दूर्वा काफी प्रिय है और इससे वे जल्दी प्रसन्न होते हैं.

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भगवान गणेश के बारे में जानें: गणेश एक हिंदू देवता हैं. वह हिंदू मान्यता में शीर्ष देवता हैं. गणेश समृद्धि, सौभाग्य और ज्ञान से जुड़े हैं. बहुत से लोग गणेश की पूजा करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उनकी कृपा से दुनिया में उनकी भौतिक स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी. गणेश आपके जीवन में बाधाओं को दूर करने वाले देवता हैं.

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