बीकानेर. कुंडली में शुक्र ग्रह जीवन में सुख, वैभव, समृद्धि और ऐसो आराम से जीवन जीने का कारक है. शुक्र के उच्च स्थान पर होने से व्यक्ति के जीवन में विलासिता बढ़ती है. वहीं नीच स्थान पर होने पर आर्थिक दयनीय बनी रहती है. जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करने और आर्थिक कष्टों से मुक्ति प्राप्ति के लिए अगर कोई भक्त पूरी श्रद्धा व विधि-विधान से मां महालक्ष्मी की पूजा करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
इन मंत्रों का करें जाप: मां लक्ष्मी और शुक्रदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शुक्रवार को व्रत रखना चाहिए. आज के दिन शुक्र देव का खास मंत्र “ॐ शुं शुक्राय नम:” या “ॐ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम् सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहं” का 108 बार जाप करना चाहिए. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है. इसके अलावा मां महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए ॐ महालक्ष्मी नमो नमः , ॐ विष्णु प्रियाये नमो नमः ॐ धनक प्रदाय नमो नमः का जाप करना चाहिए और श्री सूक्त का पाठ भी करना चाहिए.
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इन बातों का रखें ध्यान: माता लक्ष्मी और शुक्रदेव कभी भी गंदगी में वास नहीं करते हैं. इसलिए इनकी कृपा चाहते हैं तो अपना वातावरण शुद्ध रखें और घर में साफ-सफाई पर भी विशेष रूप से ध्यान दें. शुक्रवार का दिन सफेद रंग से संबंधित होता है इसलिए इस दिन ज्यादा से ज्यादा इस रंग का इस्तेमाल करना चाहिए. शुक्रवार के दिन सफेद रंग के वस्त्र पहन कर ही पूजा पाठ करना चाहिए.
इनका करें दान: व्रत रखने के साथ ही आज के दिन शुक्र ग्रह से संबंधित चीजों का दान करना भी शुभ रहता है. शुक्रवार के दिन सफेद रंग की चीजों का दान जैसे कि चावल, दूध, दही, आटा और मिश्री दान में दे सकते हैं. इसके अलावा चींटियों और गाय को आटा खिलाने से भी शुक्र देव की कृपा बनी रहती है. वहीं, आज के दिन भिखारियों को खाना खिलाने और वस्त्र के दान से पैतृक कल्याण के साथ ही कुल संपन्न बनी रहती है.
भगवान विष्णु की भी पूजा: भगवान विष्णु के बिना मां लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है. इसलिए शुक्रवार के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी का साथ में पूजन करना चाहिए. इससे धन-धान्य और वैभव की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की साथ में पूजा करने से आर्थिक के साथ ही भक्तों को शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है. इसके अलावा व्यावसायिक संपन्नता के आसार भी बढ़ जाते हैं.
इस तरह करें पूजा: शुक्रवार के दिन शुद्ध घी का दीपक जलाने और तुलसी के पौधे की पूजा करने से माता लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं. शुक्रवार को पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के मंदिर जाकर उन्हें लाल वस्त्र, लाल बिंदी, सिंदूर, लाल चुन्नी और लाल चूड़ियां अर्पित करें. शंख और घंटी में मां लक्ष्मी का वास होता है. वहीं, जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं या फिर उनके साथ मार-पीट करते हैं, उनके घर में कभी मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है. इसके साथ ही घर के बड़े-बुजुर्गों और गरीबों का अपमान करने पर भी मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं.