बीकानेर. बृहस्पतिवार को देवताओं के गुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है. उनकी आराधना से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने के खास नियम और विधान हैं. इसके अलावा बृहस्पतिवार को शास्त्रानुसार भगवान श्रीहरिविष्णु की आराधना करने का भी विशेष महत्व है (Thursday Vrat Tips). कुछ मंत्र हैं, कुछ नियम हैं जिनका सच्चे हृदय से पालन किया तो जीवन के दुखों से मुक्ति मिल सकती है और सुखमय जीवन के भागी हो सकते हैं.
इस मंत्र का करें जाप- श्री हरि विष्णु का मंत्र ' ओम भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है. भगवान को रोली, अक्षत, चंदन, धूप, गंध, दीप, पीले फूल, पीले फल और मिठाई का भोग लगाएं. भगवान को चने की दाल और गुड़ का भोग गुरुवार के दिन जरूर अर्पित करें. साथ ही तुलसी दल भी चढ़ाएं. तुलसी के बिना भगवान विष्णु की कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है.
गुरुवार के उपाय- गुरु ग्रह को प्रबल करने के लिए सुबह स्नान के बाद देव गुरु बृहस्पति की पूजा करें. उसके बाद ओम बृं बृहस्पते नमः मंत्र का जाप कम से कम एक माला करें. तुलसी की माला का उपयोग करें. गुरु दोष को दूर करने के लिए आप नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें. इसके साथ नहाते वक्त “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप जरूर जाप करें.आपके जीवन में सुख एवं समृद्धि आएगी, धन एवं दौलत में वृद्धि होगी.
पढ़ें- शुक्ल पक्ष की मासिक चतुर्दशी आज, भगवान शिव की आराधना से मिलता है मनवांछित फल
दाम्पत्य जीवन में आई परेशानी होती दूर- कहा जाता है कि दांपत्य जीवन में परेशानी वाले पति पत्नी को गुरुवार का व्रत करने से लाभ होता है और उनके दाम्पत्य जीवन में क्लेश दूर होता है जीवन सुखमय हो जाता है. भगवान विष्णु सृष्टि के पालनहार हैं. समस्त लोगों में निवास करने वाले सभी प्राणियों का पालन भगवान श्रीहरि विष्णु करते हैं. गुरुवार के दिन अपनी सभी परेशानियों को दूर करने के लिए भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना देवी लक्ष्मी के साथ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
पूजा करने का भी फल- बृहस्पतिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक दिनचर्या से निवृत होकर भगवान की पूजा करनी चाहिए. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है, क्योंकि यह रंग भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है. इसके बाद मंदिर में दीपक जलाएं और हाथ जोड़कर व्रत और पूजन का संकल्प लें. कुछ लोग प्रत्येक गुरुवार व्रत रखते हैं तो वहीं कुछ लोग पूजा-पाठ करते हैं.