बीकानेर. शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा की (Shani Puja on Saturday) जाती है. शनिदेव को धर्म शास्त्र और ज्योतिष में न्यायप्रिय कहा जाता है. वह सूर्यदेव और माता छाया के पुत्र हैं. शनि के प्रभावों से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है. शनिवार के दिन विधि विधान से शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं शनिवार को शनि देव की पूजा का महत्व और पूजा के दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
दुत्कार नहीं, प्रेम करें: शनिदेव की पूजा करने वालों को हमेशा शांति प्रिय होना चाहिए. एक दूसरे से प्रेम भावना के साथ रहना चाहिए. वैसे तो हर दिन दृष्टिहीन, निशक्तजन, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें, लेकिन शनिवार को विशेष रूप से उन्हें दान दें. अगर संभव तो जूता दान करें. शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का (रुपया-पैसा) डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और तेल मांगने वाले को दे दें या किसी शनि मंदिर में शनिवार के दिन कटोरी समेत तेल रखकर आ जाएं. कम से कम 5 शनिवार को इस उपाय से शनि की पीड़ा शांत हो जाएगी और शनिदेव की कृपा शुरू हो जाएगी. शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन काला तिल, काला छाता, सरसों का तेल, काली उड़द का दान करना चाहिए. इससे जीवन की समस्याएं कम होती हैं.
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करें ये पाठ: शनिवार के दिन शनिदेव की कृपा पाने और कुंडली से साढ़ेसाती का प्रभाव कम करने लिए शनिदेव के मंत्रों और चालीसा का पाठ करना चाहिए. साथ ही संभव हो तो शनि मंदिर जाकर शनि चालीसा और आरती भी करें. मंगलवार के अलावा शनिवार के दिन भी हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. इस दिन हनुमान जी पूजा करने से शनिदेव की भी कृपा प्राप्त होती है. इसके अलावा इन मंत्री का जप करना चाहिए.
ऊँ शं शनैश्चराय नम।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
ये कार्य न करें: शनिवार को शराब पीना सबसे घातक माना गया है. पूर्व, उत्तर और ईशान दिशा में यात्रा करना मना है. लड़की को शनिवार के दिन ससुराल नहीं भेजना चाहिए. शनिवार के दिन तेल, लकड़ी, कोयला, नमक, लोहा या लोहे की वस्तु क्रय करके नहीं लानी चाहिए वर्ना बिना बात की बाधा उत्पन्न होगी और अचानक कष्ट झेलना पड़ेगा. माना जाता है कि पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, जो भी व्यक्ति शनिवार के दिन सूर्योदय के बाद पीपल की पूजा करने, जल अर्पित करने हुए तेल का दीया जलाने से शनि देव की कृपा हमेशा मिलती है. पीपल के पेड़ की पूजा से शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं.