बीकानेर. पुराणों के अनुसार, शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. इस दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं और इसलिए इन्हें न्यायप्रिय कहा जाता है.
पीपल के पेड़ की पूजा : पद्म पुराण के मुताबिक हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है. ब्रह्म पुराण के अनुसार शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है.
आर्थिक कष्ट निवारण के लिए उपाय : मान्यता है कि एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के जड़ में चढ़ाने और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की सात बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है.
इन मंत्रों का जप : शनिवार के दिन शनिदेव की कृपा पाने और कुंडली से साढ़ेसाती का प्रभाव कम करने लिए शनिदेव के मंत्रों और चालीसा का पाठ करना चाहिए. शनि मंदिर में बैठकर शनि चालीसा और आरती करें. इस दिन हनुमान जी पूजा करने से शनिदेव की भी कृपा प्राप्त होती है. शनिदेव के इन मंत्रों का जाप करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.
काली गाय की सेवा : पद्म पुराण के अनुसार मान्यता है कि शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काली गाय की सेवा करना चाहिए. काली गाय की सेवा करने और गाय के सींग पर कलावा बांधना चाहिए और पूजा करनी चाहिए. इसके बाद गाय के चारों ओर घूमें और उसे चार चम्मच बूंदी खिलाएं.
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न करें ये काम : शनिवार को शराब पीना कष्टदायक होता है. इस दिन पूर्व, उत्तर और ईशान दिशा में यात्रा करना मना है. लड़की को शनिवार के दिन ससुराल नहीं भेजना चाहिए. शनिवार के दिन तेल, लकड़ी, कोयला, नमक, लोहा या लोहे की वस्तु क्रय करके नहीं लानी चाहिए.