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Shani Amavasya 2023 : आज है शनि अमावस्या, करें ये काम तो जीवन में कष्ट से मिलेगी मुक्ति - Freedom from Suffering in Life

आषाढ़ मास की अमावस्या को इस बार शनिवार होने से यह शनि अमावस्या है. इस दिन शनि देव का विधिपूर्वक पूजन करने से जीवन में सभी परेशानियों को दूर किया जा सकता है. ज्योतिष के अनुसार साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान लोगों को शनि अमावस्या के दिन शनि भगवान का पूजन और आराधना करनी चाहिए.

Shani Amavasya 2023
शनि अमावस्या
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Published : Jun 17, 2023, 6:28 AM IST

बीकानेर. शनिदेव का जन्म अमावस्‍या तिथि मानी जाती है और शनिवार का दिन भगवान शनिदेव के लिए समर्पित है. इसलिए अमावस्‍या को शनिदेव की पूजा से शनि की वक्र दृष्टि का प्रकोप नहीं होता है. शनि अमावस्‍या को शनि से जुड़ी वस्‍तुओं का दान पुण्‍य करना बहुत ही शुभ माना जाता है.

पितृकार्य के लिए अमावस्या का महत्व : आषाढ़ अमावस्‍या का महत्व पितृ पूजा के लिए माना जाता है. वैसे तो अमावस्या तिथि का सम्बन्ध पितृ कार्य से जुड़ा हुआ है. आषाढ़ मास की अमावस्या को पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है.

पढ़ें : 17 June Rasifal : मिथुन राशि वालों को व्यापार में नुकसान होने की आशंका, अन्य राशियों के लिए ऐसी हैं संभावनाएं

करें ये काम : शनि अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाना चाहिए. इस दिन भगवान शंकर का अभिषेक करना चाहिए. जिस जातक की पत्रिका में शनि ग्रह नीच का, शत्रु क्षेत्र का या अस्त हो तो शनि अमावस्या के दिन शनि प्रतिमा पर तेल से अभिषेक करना चाहिए. ज्योतिर्विद डॉ आलोक व्यास कहते हैं कि शनिदेव के पूजन में सप्तर्षियों के दर्शाने के लिए प्रतीकात्मक रूप से 7 प्रकार के अनाज (गेहूं, चावल, तिल, मूंग, उड़द और जौ) काले तिल, काले चने आदि का उपयोग किया जाता है.

इससे शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैया के दुष्परिणाम से राहत मिलती है. जातक की पत्रिका में शनि की महादशा साढ़ेसाती चल रही हो, तो प्रत्येक जातक को शनि भगवान का तिल्ली के तेल से अभिषेक करना चाहिए. शनि अमावस्या के दिन तिल्ली का तेल, काले तिल, काला कंबल, काली चप्पल, लोहे का पात्र दक्षिणा सहित शनि मंदिर में अर्पण करना चाहिए.

बीकानेर. शनिदेव का जन्म अमावस्‍या तिथि मानी जाती है और शनिवार का दिन भगवान शनिदेव के लिए समर्पित है. इसलिए अमावस्‍या को शनिदेव की पूजा से शनि की वक्र दृष्टि का प्रकोप नहीं होता है. शनि अमावस्‍या को शनि से जुड़ी वस्‍तुओं का दान पुण्‍य करना बहुत ही शुभ माना जाता है.

पितृकार्य के लिए अमावस्या का महत्व : आषाढ़ अमावस्‍या का महत्व पितृ पूजा के लिए माना जाता है. वैसे तो अमावस्या तिथि का सम्बन्ध पितृ कार्य से जुड़ा हुआ है. आषाढ़ मास की अमावस्या को पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है.

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करें ये काम : शनि अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाना चाहिए. इस दिन भगवान शंकर का अभिषेक करना चाहिए. जिस जातक की पत्रिका में शनि ग्रह नीच का, शत्रु क्षेत्र का या अस्त हो तो शनि अमावस्या के दिन शनि प्रतिमा पर तेल से अभिषेक करना चाहिए. ज्योतिर्विद डॉ आलोक व्यास कहते हैं कि शनिदेव के पूजन में सप्तर्षियों के दर्शाने के लिए प्रतीकात्मक रूप से 7 प्रकार के अनाज (गेहूं, चावल, तिल, मूंग, उड़द और जौ) काले तिल, काले चने आदि का उपयोग किया जाता है.

इससे शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैया के दुष्परिणाम से राहत मिलती है. जातक की पत्रिका में शनि की महादशा साढ़ेसाती चल रही हो, तो प्रत्येक जातक को शनि भगवान का तिल्ली के तेल से अभिषेक करना चाहिए. शनि अमावस्या के दिन तिल्ली का तेल, काले तिल, काला कंबल, काली चप्पल, लोहे का पात्र दक्षिणा सहित शनि मंदिर में अर्पण करना चाहिए.

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