बीकानेर. राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत बीकानेर के बम्बलू गांव में एक घर में चल रही डेयरी पर खाद्य सुरक्षा दल ने मिलावटी दूध बनाने का कारखाना पकड़ा. यहां व्हे पाउडर को पानी मिले दूध में मिलाकर उसे गाढ़ा कर सप्लाई के लिए तैयार किया जा रहा था. विभाग ने मौके से व्हे परमिएट पाउडर के 65 कट्टे सीज किए हैं. साथ ही 1600 लीटर मिलावटी दूध को नष्ट करवाया.
दरअसल चिकित्सा विभाग को लंबे समय से बीकानेर में मिलावटी दूध आपूर्ति की शिकायत मिल रही थी. कई बार विभाग के दल ने औचक निरीक्षण कर इसको लेकर पड़ताल करने की भी कोशिश की, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. सोमवार रात्रि में ग्रामीण क्षेत्र में मिलावटी दूध कारखाने को पकड़ने में विभाग को सफलता हाथ लगी. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पंवार ने बताया कि विभाग के दल में शामिल खाद्य सुरक्षा अधिकारी भानु प्रताप सिंह, सुरेंद्र कुमार, राकेश गोदारा व श्रवण कुमार वर्मा ने बम्बलू गांव के एक घर में चल रही डेयरी पर छापा मारा.
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इस दौरान डेयरी मालिक के पास एक पिकअप गाड़ी भी मिली, जिसमें वह गांव से अलग-अलग बाडों से दूध इकट्ठा कर विभिन्न डेयरियों को आपूर्ति करता है. लेकिन इस बीच पानी मिले दूध में व्हे परमिएट पाउडर मिलाकर उसे गाढ़ा किया जाता था और ऊंचे दाम में विभिन्न डेयरियों को सप्लाई किया जा रहा था. विभाग के जांच दल ने मौके पर ही 40 केन में स्टोर 1600 लीटर दूध को तुरंत नष्ट करवाया. 25-25 किलो के व्हे पाउडर के 65 कट्टों को सीज कर दिया गया. दोनों के नमूने एकत्र कर जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में भिजवाया गया है.
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शरीर के लिए नुकसानदेहः दरअसल बेहतर स्वास्थ्य की दृष्टि से हर उम्र का व्यक्ति दूध का सेवन करता है. हालांकि दूध अगर मिलावटी हो, तो स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव भी पड़ता है. ऐसे दूध से शरीर में कई तरह की बीमारियां होने का खतरा होता है. लेकिन मिलावटखोर लोगों की जान की परवाह किए बगैर पैसा कमाने के लिए इस तरह की गतिविधियां कर रहे हैं. इस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह की कार्रवाई और भी देखने को मिलेगी.