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नर्सिंग एडमिशन में मेल नर्स के साथ भेदभाव पर बीकानेर में विरोध

केंद्र सरकार के उपक्रम एम्स और आईएसी ने नर्सिंग भर्ती में अनुपात 80% फीमेल और 20% मेल तय किया है. जिसका विरोध देशभर के मेल नर्सिंग कर्मी कर रहे हैं. बीकानेर में भी नर्सिंग कर्मी सड़कों पर उतरे और अपना गुस्सा जाहिर किया.

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Published : Jan 16, 2020, 7:38 PM IST

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नर्सिंग भर्ती मामला

बीकानेर. केंद्र सरकार के उपक्रम एम्स और आईएसी की ओर से नर्सिंग भर्ती में 80% फीमेल नर्स और 20% मेल नर्स स्टूडेंट का अनुपात तय किया गया है. जिसके बाद गुरुवार को बीकानेर में इसका पुरजोर विरोध किया गया.

नर्सिंग भर्ती मामला

एम्स और आईएनसी के इस निर्णय के विरोध में नर्सिंग छात्र संगठनों ने आज जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

नर्सिंग छात्र नेता आजाद सोनी ने कहा कि नर्सिंग भर्ती में एम्स और आईएनसी ने मिलकर 80% महिला व 20% पुरुष आरक्षण किया है, जो संविधान के खिलाफ है. संविधान के आर्टिकल 14 और 16 के तहत लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. सकता.

उनका कहना है कि सभ्य समाज के निर्माण के लिए महिला और पुरुष की समान भागीदारी और जिम्मेदारी होती है. इस निर्णय को लेकर पूरे भारत में मेल नर्स विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यह नियम पूर्णतया गलत है और सरकार को इसे तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए. अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो पूरे भारत में में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

बीकानेर. केंद्र सरकार के उपक्रम एम्स और आईएसी की ओर से नर्सिंग भर्ती में 80% फीमेल नर्स और 20% मेल नर्स स्टूडेंट का अनुपात तय किया गया है. जिसके बाद गुरुवार को बीकानेर में इसका पुरजोर विरोध किया गया.

नर्सिंग भर्ती मामला

एम्स और आईएनसी के इस निर्णय के विरोध में नर्सिंग छात्र संगठनों ने आज जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

नर्सिंग छात्र नेता आजाद सोनी ने कहा कि नर्सिंग भर्ती में एम्स और आईएनसी ने मिलकर 80% महिला व 20% पुरुष आरक्षण किया है, जो संविधान के खिलाफ है. संविधान के आर्टिकल 14 और 16 के तहत लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. सकता.

उनका कहना है कि सभ्य समाज के निर्माण के लिए महिला और पुरुष की समान भागीदारी और जिम्मेदारी होती है. इस निर्णय को लेकर पूरे भारत में मेल नर्स विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यह नियम पूर्णतया गलत है और सरकार को इसे तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए. अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो पूरे भारत में में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

Intro:केंद्र सरकार के उपक्रम एम्स व आईएसी द्वारा नर्सिंग भर्ती में 80% फीमेल नर्स व 20% मेल नर्स स्टूडेंट का अनुपात तय किए जाने के निर्णय का विरोध शुरू हो गया है।Body:एम्स व आईएनसी के इस निर्णय के विरोध में नर्सिंग छात्र संगठनों ने आज जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। नर्सिंग छात्र नेता आजाद सोनी ने कहा कि नर्सिंग भर्ती में एम्स व आईएनसी ने मिलकर 80% महिला व 20% पुरुष आरक्षण किया है जो संविधान के खिलाफ है ।संविधान के आर्टिकल 14 व 16 के तहत लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा सकता।Conclusion:सभ्य समाज के निर्माण के लिए महिला एवं पुरुष की समान भागीदारी व जिम्मेवारी होती है इस निर्णय को लेकर पूरे भारत में मेल नर्स विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं यह नियम पूर्णतया गलत है और सरकार को इसे तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो पूरे भारत में में उग्र आंदोलन किया जाएगा
बाइट आजाद सोनी, नर्सिंग छात्र।
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