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बीकानेर को कम्युनिटी स्प्रेड से बचाने की कवायद शुरू, 500 पुलिसकर्मियों ने संभाला मोर्चा

बीकानेर में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के कारण आखिरकार बीकानेर जिला प्रशासन ने कड़ा निर्णय लिया है. जिसके तहत जिले में गुरुवार रात 8 बजे से 3 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है. लॉकडाउन के दौरान घरों में बंद रहे लोगों को अब एक बार फिर कुछ दिन तक घरों में ही रहना होगा.

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बीकानेर को कम्युनिटी स्प्रेड से बचाने की कवायद
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Published : Jul 10, 2020, 8:08 PM IST

बीकानेर. जिले में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. अब तक यहां 722 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. जबकि 19 लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में जिला प्रशासन ने जिले के हॉटस्पॉट बने क्षेत्रों में एक बार फिर कर्फ्यू लगा दिया है और जिले के 3 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है.

बीकानेर को कम्युनिटी स्प्रेड से बचाने की कवायद

इसमें कोतवाली थाना क्षेत्र में पूरी तरह से कर्फ्यू लगाया गया है, तो वहीं नयाशहर और कोटगेट थाना क्षेत्र में कुछ एक इलाकों को छोड़कर सभी जगह कर्फ्यू लगाया गया है. बता दें कि व्यावसायिक दृष्टि से बीकानेर का केईएम रोड, कोटगेट, जोशीवाड़ा, रानीबाजार क्षेत्र, सर्राफ बाजार कोटगेट और कोतवाली थाना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. यहां कर्फ्यू लग जाने के चलते अब बीकानेर में व्यावसायिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो जाएंगी.

500 पुलिसकर्मियों ने संभाला मोर्चा

यह भी पढ़ें : राजस्थान : जुलाई के पहले 10 दिन में दोगुनी हुई कोरोना संक्रमितों की संख्या, चिकित्सा मंत्री ने किया ये दावा

अक्सर लोगों को लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच का अंतर पता नहीं होता है. इस विषय में हमने कोटगेट थानाधिकारी धरम पूनिया से बात की. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और कर्फ्यू में काफी फर्क है.

लॉकडाउन क्या है...

  • लॉकडाउन स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाई जाने वाली एक आपातकाल व्यवस्था होती है, जिसमें जरूरी सेवा बंद नहीं की जाती.
  • देश के कई राज्यों और शहरों में लॉकडाउन किया गया है, लेकिन बैंक, डेयरी, दवा, राशन, फल-सब्जी जैसे जरूरी सामान के लिए दुकानें खुली हुई हैं.
  • लॉकडाउन में लोगों से घर में रहने की अपील की जाती है, उन्‍हें केवल आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है.
  • लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सुविधाएं जारी रहती हैं. यह प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह किस सेवा को जारी रखना चाहता है.
  • लॉकडाउन में स्थानीय प्रशासन निजी संस्थानों को बंद करवा देता है और वर्क फ्रॉम होम के आदेश देता है.
  • लॉकडाउन का उद्देश्य यह है कि लोग अपने घरों में ही रहें ताकि किसी तरह का संक्रमण नहीं फैले.
  • लॉकडाउन का पालन नहीं करने पर आपको भेजा जा सकता है जेल

कर्फ्यू क्या है...

  • आमतौर पर कर्फ्यू बेहद गंभीर स्थिति में लगाया जाता है.
  • कर्फ्यू के दौरान लोगों को अपने घरों से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती.
  • कर्फ्यू के दौरान स्कूल, कॉलेज, बाजार सब बंद रहते हैं.
  • कर्फ्यू में छूट बहुत कम देर के लिए दी जाती है, इसलिए कर्फ्यू के दौरान सिर्फ वही सेवा चालू रहती है जो बेहद जरूरी हो.
  • कर्फ्यू के तहत लोगों को हिदायत दी जाती है कि वे अपने घरों से बाहर सड़कों पर न निकलें.
  • कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले की गिरफ्तारी हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
  • कर्फ्यू के दौरान बाजार और बैंक जैसी सेवा पर ताला लटका रहता है.
  • जब कर्फ्यू में ढील दी जाती है तभी घरों में बंद लोग बाहर निकल सकते हैं फिर वे इन सेवा का लाभ उठा सकते हैं.

वहीं, कोतवाली थानाधिकारी नवनीत सिंह बताते हैं कि बीकानेर में सबसे पहले कोरोना का पहला पॉजिटिव केस इसी क्षेत्र से आया था और डेढ़ महीने तक यह क्षेत्र कर्फ्यूग्रस्त रहा. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र से करीब 150 केस सामने आ चुके हैं. इस बार लोगों को पिछली बार की लॉकडाउन की तुलना में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि 24 घण्टे की पूर्व सूचना के बाद कर्फ्यू लगाया गया है. ऐसे में लोगों ने अपनी जरूरत के सामान की व्यवस्था कर ली है.

सुनसान हुई सड़कें...

लॉकडाउन के दौरान जिस तरह से शहर में सड़कों के सुनसान होने का दृश्य नजर आया था. कुछ वैसा ही दृश्य शुक्रवार को भी बीकानेर में देखने को मिला, जब कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में लोग घरों में ही कैद नजर आए और सड़कों पर पूरी तरह से सन्नाटा रहा.

यह भी पढ़ें : बीकानेर में कोरोना के 9 नए मामले, कुल आंकड़ा पहुंचा 558 के पार

हर गली नुक्कड़ के चप्पे-चप्पे पर बैरिकेडिंग...

कोतवाली नया शहर और कोर्ट के थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगाए गए स्थानों पर आमजन को निकलने से रोकने के लिए पुलिस ने हर गली नुक्कड़ के चप्पे-चप्पे पर बैरिकेडिंग कर दी है. तीन थाना क्षेत्र में करीब 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी और अधिकारी ड्यूटी पर तैनात हैं. इसके अलावा शहर के अन्य चार थाना क्षेत्रों में भी पॉजिटिव के सामने आए हैं और उन क्षेत्रों में भी गाइडलाइन के मुताबिक पॉजिटिव के घर के आसपास के क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया है.

बीकानेर. जिले में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. अब तक यहां 722 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. जबकि 19 लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में जिला प्रशासन ने जिले के हॉटस्पॉट बने क्षेत्रों में एक बार फिर कर्फ्यू लगा दिया है और जिले के 3 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है.

बीकानेर को कम्युनिटी स्प्रेड से बचाने की कवायद

इसमें कोतवाली थाना क्षेत्र में पूरी तरह से कर्फ्यू लगाया गया है, तो वहीं नयाशहर और कोटगेट थाना क्षेत्र में कुछ एक इलाकों को छोड़कर सभी जगह कर्फ्यू लगाया गया है. बता दें कि व्यावसायिक दृष्टि से बीकानेर का केईएम रोड, कोटगेट, जोशीवाड़ा, रानीबाजार क्षेत्र, सर्राफ बाजार कोटगेट और कोतवाली थाना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. यहां कर्फ्यू लग जाने के चलते अब बीकानेर में व्यावसायिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो जाएंगी.

500 पुलिसकर्मियों ने संभाला मोर्चा

यह भी पढ़ें : राजस्थान : जुलाई के पहले 10 दिन में दोगुनी हुई कोरोना संक्रमितों की संख्या, चिकित्सा मंत्री ने किया ये दावा

अक्सर लोगों को लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच का अंतर पता नहीं होता है. इस विषय में हमने कोटगेट थानाधिकारी धरम पूनिया से बात की. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और कर्फ्यू में काफी फर्क है.

लॉकडाउन क्या है...

  • लॉकडाउन स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाई जाने वाली एक आपातकाल व्यवस्था होती है, जिसमें जरूरी सेवा बंद नहीं की जाती.
  • देश के कई राज्यों और शहरों में लॉकडाउन किया गया है, लेकिन बैंक, डेयरी, दवा, राशन, फल-सब्जी जैसे जरूरी सामान के लिए दुकानें खुली हुई हैं.
  • लॉकडाउन में लोगों से घर में रहने की अपील की जाती है, उन्‍हें केवल आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है.
  • लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सुविधाएं जारी रहती हैं. यह प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह किस सेवा को जारी रखना चाहता है.
  • लॉकडाउन में स्थानीय प्रशासन निजी संस्थानों को बंद करवा देता है और वर्क फ्रॉम होम के आदेश देता है.
  • लॉकडाउन का उद्देश्य यह है कि लोग अपने घरों में ही रहें ताकि किसी तरह का संक्रमण नहीं फैले.
  • लॉकडाउन का पालन नहीं करने पर आपको भेजा जा सकता है जेल

कर्फ्यू क्या है...

  • आमतौर पर कर्फ्यू बेहद गंभीर स्थिति में लगाया जाता है.
  • कर्फ्यू के दौरान लोगों को अपने घरों से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती.
  • कर्फ्यू के दौरान स्कूल, कॉलेज, बाजार सब बंद रहते हैं.
  • कर्फ्यू में छूट बहुत कम देर के लिए दी जाती है, इसलिए कर्फ्यू के दौरान सिर्फ वही सेवा चालू रहती है जो बेहद जरूरी हो.
  • कर्फ्यू के तहत लोगों को हिदायत दी जाती है कि वे अपने घरों से बाहर सड़कों पर न निकलें.
  • कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले की गिरफ्तारी हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
  • कर्फ्यू के दौरान बाजार और बैंक जैसी सेवा पर ताला लटका रहता है.
  • जब कर्फ्यू में ढील दी जाती है तभी घरों में बंद लोग बाहर निकल सकते हैं फिर वे इन सेवा का लाभ उठा सकते हैं.

वहीं, कोतवाली थानाधिकारी नवनीत सिंह बताते हैं कि बीकानेर में सबसे पहले कोरोना का पहला पॉजिटिव केस इसी क्षेत्र से आया था और डेढ़ महीने तक यह क्षेत्र कर्फ्यूग्रस्त रहा. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र से करीब 150 केस सामने आ चुके हैं. इस बार लोगों को पिछली बार की लॉकडाउन की तुलना में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि 24 घण्टे की पूर्व सूचना के बाद कर्फ्यू लगाया गया है. ऐसे में लोगों ने अपनी जरूरत के सामान की व्यवस्था कर ली है.

सुनसान हुई सड़कें...

लॉकडाउन के दौरान जिस तरह से शहर में सड़कों के सुनसान होने का दृश्य नजर आया था. कुछ वैसा ही दृश्य शुक्रवार को भी बीकानेर में देखने को मिला, जब कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में लोग घरों में ही कैद नजर आए और सड़कों पर पूरी तरह से सन्नाटा रहा.

यह भी पढ़ें : बीकानेर में कोरोना के 9 नए मामले, कुल आंकड़ा पहुंचा 558 के पार

हर गली नुक्कड़ के चप्पे-चप्पे पर बैरिकेडिंग...

कोतवाली नया शहर और कोर्ट के थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगाए गए स्थानों पर आमजन को निकलने से रोकने के लिए पुलिस ने हर गली नुक्कड़ के चप्पे-चप्पे पर बैरिकेडिंग कर दी है. तीन थाना क्षेत्र में करीब 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी और अधिकारी ड्यूटी पर तैनात हैं. इसके अलावा शहर के अन्य चार थाना क्षेत्रों में भी पॉजिटिव के सामने आए हैं और उन क्षेत्रों में भी गाइडलाइन के मुताबिक पॉजिटिव के घर के आसपास के क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया है.

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