बीकानेर. सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य मानना गया है. वैसे तो धर्म शास्त्रों में हर वार और तिथि का अपना विशेष महत्व है और हर दिन का एक देवता से संबंध है. लेकिन किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं.
बीज मंत्र का करें जप - बुधवार के दिन भगवान गणेश के बीज मंत्र ॐ गं गणपतये नमः का जाप करें. इससे आपको ज्ञान की प्राप्ति होती है और शिक्षा में सफलता प्राप्त होती है. साथ ही आप 'गं' का जाप कर अपनी सभी कामनाओं को प्राप्त कर सकते हैं. बीज मंत्र से मिलकर बने मंत्र 'ओम गं गणपतये नमः' का जप करने से भी आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी.
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ये काम करें - बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. इस दिन पूर्व या उत्तर की तरफ मुख कर बैठकर पूजा शुरू करें. इस दौरान गणेश जी को फूल, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली, लाल चंदन, मोदक और लड्डू आदि का चढ़ाएं. साथ ही गणेश जी को सूखे सिंदूर का तिलक जरूर लगाएं और दूर्वा चढ़ाना न भूले.
संकटनाशन स्त्रोत का पाठ - गणेश जी को कई नाम से स्मरण किया जाता है, लेकिन उनमें से 12 नाम जिनमें सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र और गजानन अहम हैं. गणेश जी की पूजा करते समय उनकी आरती, गणेश चालीसा, द्वादश नामों और मंत्रों का जाप किया जाता है. इसके साथ ही अगर गणेश जी की पूजा के बुधवार को समय संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ किया जाए तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है.