बीकानेर. राजस्थान में बीकानेर कार्निवल के साथ अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव 2023 का आगाज हुआ. इस आयोजन में पहली बार शहरी क्षेत्र में भी ऊंट उत्सव का माहौल नजर आएगा, जहां बीकानेर की संस्कृति से देशी-विदेशी पर्यटकों को रूबरू करवाया जाएगा. होटल लालगढ़ से देश-प्रदेश की बहुरंगी संस्कृति की झलक समेटे यह कार्निवाल लक्ष्मी निवास पैलेस, तीर्थंथभ सर्किल और जूनागढ़ फोर्ट के आगे से होते हुए पब्लिक पार्क पहुंचा.
कार्निवाल में बीएसएफ का ऊंट दस्ता, विंटेज कारें, रॉयल एनफील्ड बाइक्स, विभिन्न कार्टून्स का रूप धरे बच्चे, ऊंट गाड़ियों पर कच्छी घोड़ी, मयूर नृत्य, बहरूपिया, कठपुतली और रावण हत्था से जुड़ी झांकियां देखने को मिलीं. विभिन्न वेशभूषा में सजे-धजे बच्चे, बीएसएफ वाटर कैमल एंड फीमेल कॉम्बैट कैमल माउंटेड ट्रूप कार्निवल का आकर्षण का केंद्र रहे.
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झूमते-गाते दिखे लोग : कार्निवल में ऊंट सवार रोबीले, राजस्थानी वेशभूषा में सजी-घजी कॉलेज छात्राएं, साइक्लिंग ट्रूप और कैमल कार्ट की विभिन्न झांकियों के साथ तांगों पर राजस्थानी वेशभूषा में कुछ विदेशी पर्यटक भी नजर आए और झूमते-गाते दिखे. कार्निवल में रंग बिरंगी पोशाकों में रोबीले पैदल और ऊंट पर राजस्थान की संस्कृति का अहसास करा रहे थे तो वहीं ऊंट गाड़ियों पर पंजाब का भांगड़ा-गिद्दा, जम्मू का रउफ, गुजरात का राठवा, हरियाणा का घूमर एवं फाग, पं. बंगाल का छउ तथा महाराष्ट्र की सौंगी मुखौटा कला को प्रस्तुत करने वाली झांकियां भी मानव किस तरह नजर आ रही थीं.
कलेक्टर-डीसी ने की शुरुआत : लालगढ़ पैलेस में जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद और संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने औपचारिक रूप से इसकी शुरुआत की. इस दौरान बड़ी संख्या में जिला स्तर के अधिकारी और पर्यटन के अधिकारी मौजूद रहे. बता दें कि कैमल फेस्टिवल का आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है, लेकिन देशी और विदेशी पर्यटक कैमल फेस्टिवल के पहले दिन कम नजर आए. चुनिंदा विदेशी पर्यटक ही कार्निवल में नजर आए. इस दौरान अधिकतर विदेशी विंटेज कारों में बैठे रहे.
शहरी परकोटे में रहेगी 'बीकानेर बाई नाइट' की धूम : ऊंट उत्सव के दौरान पहली बार नवाचार के रूप में 'बीकानेर बाई नाइट' का आयोजन होगा. देर शाम दम्माणी चौक से वीर रस प्रधान अमर सिंह राठौड़ की रम्मत का मंचन होगा. हर्षों के चौक में बीकानेर का परम्परागत डोलची खेल बड़ी स्क्रीन पर दिखाया जाएगा. मोहता चौक में देशी-विदेशी पर्यटक यहां की रबड़ी का लुत्फ उठा सकेंगे. वहीं, परम्परागत हस्त लिखित पंचांग का प्रदर्शन किया जाएगा.
आसाणियों के चौके में वेद पाठशाला के विद्यार्थी वेद मंत्र प्रस्तुत करेंगे. यहीं हवेली संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी. ढढ्ढों के चौक में गणगौर घूमर नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा. कोचरों के चौक में भुट्टे खां और जानेमाने गायक अली-गनी द्वारा संगीतमय प्रस्तुतियां दी जाएंगी. यहां फूड जोन बनाया जाएगा, जहां बीकानेरी भुजिया, जलेबी और घेवर बनाया जाएगा तथा आमजन इनका स्वाद चख सकेंगे. बीकानेर बाई नाइट का समापन रात 10 बजे होगा.
पहली बार नवाचार के तौर पर अंदरूनी परकोटे में दिखा ऊंट उत्सव का क्रेज : देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र अंतरराष्ट्रीय उत्सव के पहले दिन हुए आगाज में बीकानेर कार्निवल में भले ही पर्यटकों की संख्या कम रही हो, लेकिन पहली बार शहर के अंदरूनी परकोटे में हुए नवाचार में बाई नाइट में शहर के लोगों ने ऊंट उत्सव के इस आयोजन में भागीदारी निभाई. ऐतिहासिक छतरी के पाटे वाले दम्मानी चौक में वीर रस प्रधान अमर सिंह राठौड़ की रम्मत हुई तो मोहता चौक में पंचांग पढ़ने की पुरातन परम्परा का निर्वहन हुआ. हर्षोंं के चौक में होली के अवसर पर खेले जाने वाले डोलची खेल को बड़ी स्क्रीन पर देखकर हर किसी ने बीकानेर की सांस्कृतिक विरासत को समझने का प्रयास किया.