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हनुमान जन्मोत्सव विशेष: खास है बीकानेर का ग्रेजुएट हनुमान मंदिर...यहां पूरी होती हो हर विद्यार्थी की मनोकामना - graduate Hanuman fulfill students all dreams

हनुमान जन्मोत्सव पर हर तरफ मंदिरों में बजरंग बली की पूजा आराधना की धूम रहती है. यूं तो महाबलि हनुमान के कई सारे मंदिर हैं लेकिन बीकानेर के ग्रेजुएट हनुमान मंदिर की बात खास है. इस मंदिर का नाम ही इसे अन्य मंदिरों से अलग करता है. जानिए क्या है मंदिर से जुड़ी मान्यताएं.

Bikaner graduate Hanuman temple
ग्रेजुएट हनुमान मंदिर
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Published : Apr 5, 2023, 8:13 AM IST

Updated : Apr 5, 2023, 9:43 AM IST

ग्रेजुएट हनुमान मंदिर में जुटती है भीड़

बीकानेर. कहते हैं श्रद्धा और भक्ति आस्था से जुड़ी होती है. निश्चल भाव और सच्चे मन से की गई भगवान की प्रार्थना व्यर्थ नहीं जाती है और यही कारण है कि मनवांछित फल की प्राप्ति के बाद आस्था बढ़ने लगती है. माता अंजनी के पुत्र और भगवान राम भक्त बजरंगबली के जन्मोत्सव पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं बीकानेर के एक ऐसे हनुमान मंदिर के बारे में जिसके भक्तों के चलते वह एक नए नाम से प्रसिद्ध हो गया. जी हां, हम बात करने जा रहे हैं बीकानेर के ग्रेजुएट हनुमान मंदिर की. विद्यार्थियों की श्रद्धा और सफलता दिलाने की अटूट आस्था के चलते ग्रेजुएट हनुमान मंदिर की अब खास पहचान बन गई है.

मंशापूर्ण से बने ग्रेजुएट हनुमान
वैसे तो बीकानेर में हनुमान जी के कई मंदिर हैं लेकिन करीब 55 साल पहले बीकानेर के सादुलगंज में मंशापूर्ण हनुमान मंदिर की स्थापना हुई. पुजारी विजय शर्मा कहते हैं कि इस मंदिर में आने वाले युवा भक्तों की मुरादें पूरी होती गईं और धीरे-धीरे मेडिकल और दूसरी फील्ड से पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स और डॉक्टर की संख्या हर दिन बढ़ती गई. इसी के चलते इस मंदिर का नया नाम पड़ गया ग्रेजुएट हनुमान मंदिर. मंदिर में आने वाले भक्तों में अधिकतर डॉक्टर, मेडिकल, इंजिनियरिंग और अन्य विषय की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स शामिल हैं.

Bikaner graduate Hanuman temple
विद्यार्थियों का लगता है तांता

पढ़ें. Hanuman Janmotsav: डीग के जलमहल में विराजमान है अफगानी शिला से निर्मित 450 साल पुरानी हनुमानजी की प्रतिमा, जानें इतिहास

लिख जाते हैं रोल नंबर
पुजारी विजय शर्मा कहते हैं कि वैसे तो आस-पड़ोस और दूरदराज से भी कई लोग मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं लेकिन यहां आने वाले भक्तों में स्टूडेंट और डॉक्टर ज्यादा होते हैं. स्टूडेंट्स यहां पर नारियल के साथ पर्ची में अपना रोल नंबर बांधते हैं तो वहीं कई स्टूडेंट मंदिर के परिसर में दीवार पर अपना रोल नंबर लिख देते हैं. पुजारी विजय कहते हैं कि यहां आने वाले भक्तों की यह मान्यता है कि इससे उनका एग्जाम अच्छा होगा और वह अच्छे नंबर से पास हो जाएंगे. वे कहते हैं कि यह स्टूडेंट्स की आस्था का विषय है और जब सच्चे मन से भक्ति और श्रद्धा के साथ वे यहां अपने नंबर लिखते हैं तो उन्हें सफलता मिलती भी है.

Bikaner graduate Hanuman temple
ग्रेजुएट हनुमान मंदिर में जुटते हैं श्रद्धालु

पढ़ें. हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर खोले के हनुमान जी मंदिर में मुस्लिम कलाकार देंगे प्रस्तुतियां

आस्था ले आती है मंदिर तक
मंदिर में चार-पांच सालों से नियमित दर्शन के लिए आने वाले विद्यार्थी प्रणव श्रीमाली का कहना है कि यहां की मान्यता है कि यदि परीक्षा में बैठने से पहले रोल नंबर लिखे हुए कागज को हनुमानजी की मूर्ति के दाएं हाथ में देने से सफलता मिलती है. कहते हैं हालांकि मैंने अभी तक अपने रोल नंबर नहीं लिखे हैं लेकिन इस साल JEE की परीक्षा में बैठने के दौरान अपने रोल नंबर जरूर लिखूंगा और भगवान से प्रार्थना भी करूंगा.

राम नाम से मंदिर का विशेष जुड़ाव
वैसे तो मान्यता है कि हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हमेशा ही राम स्तुति और राम नाम का जाप करना चाहिए, लेकिन इस मंदिर में भगवान राम का जुड़ाव भी एक विशेष संयोग के साथ है. मंदिर के पुजारी विजय शर्मा कहते हैं कि इसकी स्थापना के समय मंदिर के गुंबद में निर्माण के दौरान हाथ से लिखे गए राम नाम की हजारों कॉपी (नोटबुक) रखी गई है.

ग्रेजुएट हनुमान मंदिर में जुटती है भीड़

बीकानेर. कहते हैं श्रद्धा और भक्ति आस्था से जुड़ी होती है. निश्चल भाव और सच्चे मन से की गई भगवान की प्रार्थना व्यर्थ नहीं जाती है और यही कारण है कि मनवांछित फल की प्राप्ति के बाद आस्था बढ़ने लगती है. माता अंजनी के पुत्र और भगवान राम भक्त बजरंगबली के जन्मोत्सव पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं बीकानेर के एक ऐसे हनुमान मंदिर के बारे में जिसके भक्तों के चलते वह एक नए नाम से प्रसिद्ध हो गया. जी हां, हम बात करने जा रहे हैं बीकानेर के ग्रेजुएट हनुमान मंदिर की. विद्यार्थियों की श्रद्धा और सफलता दिलाने की अटूट आस्था के चलते ग्रेजुएट हनुमान मंदिर की अब खास पहचान बन गई है.

मंशापूर्ण से बने ग्रेजुएट हनुमान
वैसे तो बीकानेर में हनुमान जी के कई मंदिर हैं लेकिन करीब 55 साल पहले बीकानेर के सादुलगंज में मंशापूर्ण हनुमान मंदिर की स्थापना हुई. पुजारी विजय शर्मा कहते हैं कि इस मंदिर में आने वाले युवा भक्तों की मुरादें पूरी होती गईं और धीरे-धीरे मेडिकल और दूसरी फील्ड से पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स और डॉक्टर की संख्या हर दिन बढ़ती गई. इसी के चलते इस मंदिर का नया नाम पड़ गया ग्रेजुएट हनुमान मंदिर. मंदिर में आने वाले भक्तों में अधिकतर डॉक्टर, मेडिकल, इंजिनियरिंग और अन्य विषय की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स शामिल हैं.

Bikaner graduate Hanuman temple
विद्यार्थियों का लगता है तांता

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लिख जाते हैं रोल नंबर
पुजारी विजय शर्मा कहते हैं कि वैसे तो आस-पड़ोस और दूरदराज से भी कई लोग मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं लेकिन यहां आने वाले भक्तों में स्टूडेंट और डॉक्टर ज्यादा होते हैं. स्टूडेंट्स यहां पर नारियल के साथ पर्ची में अपना रोल नंबर बांधते हैं तो वहीं कई स्टूडेंट मंदिर के परिसर में दीवार पर अपना रोल नंबर लिख देते हैं. पुजारी विजय कहते हैं कि यहां आने वाले भक्तों की यह मान्यता है कि इससे उनका एग्जाम अच्छा होगा और वह अच्छे नंबर से पास हो जाएंगे. वे कहते हैं कि यह स्टूडेंट्स की आस्था का विषय है और जब सच्चे मन से भक्ति और श्रद्धा के साथ वे यहां अपने नंबर लिखते हैं तो उन्हें सफलता मिलती भी है.

Bikaner graduate Hanuman temple
ग्रेजुएट हनुमान मंदिर में जुटते हैं श्रद्धालु

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आस्था ले आती है मंदिर तक
मंदिर में चार-पांच सालों से नियमित दर्शन के लिए आने वाले विद्यार्थी प्रणव श्रीमाली का कहना है कि यहां की मान्यता है कि यदि परीक्षा में बैठने से पहले रोल नंबर लिखे हुए कागज को हनुमानजी की मूर्ति के दाएं हाथ में देने से सफलता मिलती है. कहते हैं हालांकि मैंने अभी तक अपने रोल नंबर नहीं लिखे हैं लेकिन इस साल JEE की परीक्षा में बैठने के दौरान अपने रोल नंबर जरूर लिखूंगा और भगवान से प्रार्थना भी करूंगा.

राम नाम से मंदिर का विशेष जुड़ाव
वैसे तो मान्यता है कि हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हमेशा ही राम स्तुति और राम नाम का जाप करना चाहिए, लेकिन इस मंदिर में भगवान राम का जुड़ाव भी एक विशेष संयोग के साथ है. मंदिर के पुजारी विजय शर्मा कहते हैं कि इसकी स्थापना के समय मंदिर के गुंबद में निर्माण के दौरान हाथ से लिखे गए राम नाम की हजारों कॉपी (नोटबुक) रखी गई है.

Last Updated : Apr 5, 2023, 9:43 AM IST
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