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PM Cares Fund का हिसाब नहीं, इससे राज्यों को भेजे संसाधन 70 फीसदी खराब: डोटासरा

बीकानेर जिला प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा गुरुवार को बीकानेर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कोरोना प्रबंधन को लेकर जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने पीएम केयर फंड को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाएं.

Govind Singh Dotasara, बीकानेर न्यूज
डोटासरा ने पीएम केयर फंड को लेकर उठाया सवाल
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Published : May 14, 2021, 9:19 AM IST

बीकानेर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और प्रदेश के शिक्षा मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा गुरुवार को बीकानेर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बीकानेर में कोरोना प्रबंधन को लेकर जिला स्तर के अधिकारियों के साथ जिला कलेक्ट्रेट में बैठक की. इस दौरान डोटासरा ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब मीडिया से गायब हो चुके हैं और बहुत जल्दी देश की जनता की नजर से भी गायब हो जाएंगे.

डोटासरा ने पीएम केयर फंड को लेकर उठाया सवाल

मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पिछले साल कोरोना के दौरान पीएम केयर्स फंड में देश और दुनिया से काफी पैसा इस फंड में आया लेकिन इसका कोई हिसाब नहीं है. इससे राज्यों को भेजे गए संसाधनों में 70 फीसदी पूरी तरह से खराब है. उन्होंने कहा कि इन खराब संसाधनों के ठीक होने को लेकर भी कोई जानकारी नहीं उपलब्ध करवाई जा रही है, जबकि मुख्यमंत्री ने इस बारे में केंद्र सरकार को अवगत कराया है. कोविड संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने के लिए सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए ‘टीम भावना’ के साथ काम करें. मरीजों के इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा धन और संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.

क्वॉरेंटीन सेंटरों में भी सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के निर्देश

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर अधिकारियों द्वारा किसी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाए. डोटासरा कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ कोविड प्रबंधन से संबंधित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने कोविड अस्पताल, जिला अस्पताल सहित सीएचसी, पीएचसी और उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की तथा कहा कि प्रत्येक स्थान पर आवश्यक दवाइयां, बेड और सभी संसाधन उपलब्ध रहें. वरिष्ठ चिकित्सक व्यवस्थाओं पर नियमित नजर रखें तथा यह सुनिश्चित करें कि मरीजों को बेवजह कोई परेशानी नहीं हो. उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर स्थापित किए जा रहे क्वॉरेंटीन सेंटरों में भी सभी व्यवस्थाएं चाक-चैबंद रखने के निर्देश दिए.

मेडिकल स्टाफ नियुक्ति के निर्देश

प्रभारी मंत्री ने ऑक्सीजन की आवश्यकता, उपलब्धता और वितरण की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि मरीजों की आवश्यकता के अनुरूप आक्सीजन उपलब्ध करवाने में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी. चिकित्सक भी यह सुनिश्चित करें कि आक्सीजन का अपव्यय नहीं हो. उन्होंने डीएमएफटी फंड से एक बड़ा आक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित करने की संभावनाओं पर चर्चा की. साथ ही विधायकों, सीएसआर और अन्य भामाशाहों की ओर से दी जा रही सहायता के बारे में भी जाना. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक आवश्यक मात्रा में आक्सीजन उपलब्ध रखने के निर्देश दिए. उन्होंने जिले में मेडिकल स्टाफ नियुक्ति की समीक्षा की और ‘अर्जेंट और टेम्परेरी बेसिस’ पर नियमानुसार नियुक्ति के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ें. 'केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को जांच करवानी चाहिए कि ऐसे डिफेक्टिव वेंटिलेटर्स की खरीद कैसे हुई'

डोटासरा ने कहा कि जिले में कोविड मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत छह अस्पतालों की माॅनिटरिंग के लिए एक-एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया जाए. यह अधिकारी सुनिश्चित करें कि यहां भर्ती मरीजों से नियमानुसार शुल्क वसूला जाए और बेहतर इलाज हो. साथ ही इन अस्पतालों में कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर की पालना हो. उन्होंने डोर-टू-डोर सर्वे को और अधिक प्रभावी तरीके से करने के निर्देश दिए तथा कहा कि इसकी नियमित समीक्षा की जाए. सर्वे के दौरान वितरित की जाने वाली आवश्यक दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

प्रभारी डोटासरा ने कहा कि जिले में लंबित एग्रीकल्चरल विद्युत कनेक्शन, फसलों की आवश्यकता के मुताबिक प्राथमिकता से किए जाएं. यदि सामान की अनुपलब्धता के कारण कनेक्शन लंबित हैं, तो उच्च अधिकारियों को इससे अवगत करवाया जाए. उन्होंने नहरबंदी के दौरान पेयजल वितरण की समीक्षा की और कहा कि इस दौरान किसी भी क्षेत्र में पेयजल के परेशानी नहीं हो, इसके मद्देनजर विभागीय अधिकारी पूर्ण गंभीरता से काम करें. उन्होंने कहा कि जिले में पेयजल और विद्युत विभाग से संबंधित स्वीकृत, लंबित एवं पूर्ण कार्यों की सूची उपलब्ध करवाई जाए.

यह भी पढ़ें. राजस्थान में वैक्सीनेशन जारी रखने के लिए तत्काल 20 लाख डोज की जरूरत: स्वास्थ्य मंत्री

साथ ही जनप्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठकों में अधिकारी पूर्ण तैयारी के साथ आएं. अधिकारियों को पिछली बैठकों के निर्देशों की जानकारी हो और कार्य प्रगति से जनप्रतिनिधियों को सूचित किया जाए. विद्युत निगम और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता द्वारा इस संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं करवाए जाने को उन्होंने गंभीरता से लिया, दोनों अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए उच्च अधिकारियों को इससे अवगत करवाने के निर्देश दिए.

शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने पेयजल टैंकरों से पहुंचाने की बात कही

उन्होंने कहा कि बिजली-पानी की निर्बाध आपूर्ति सरकार की प्राथमिकताओं में है. उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर सभी व्यवस्थाएं माकूल रखी जाएं. दूरस्थ क्षेत्रों के गांव, जहां नहरबंदी के दौरान पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, वहां टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि कोविड 19 प्रबंधन के तहत विधायक स्थानीय विकास मद के तहत स्वीकृत कार्य अतिशीघ्र पूर्ण हों, जिससे मरीजों को इनका त्वरित लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड प्रबंधन के मद्देनजर बेहतर कार्य किया जा रहा है. निचले स्तर तक इसके प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अधिकारियों की है. अधिकारी इस भावना के अनुरूप काम करें.

यह भी पढें. कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में जाए या UN में, राज्यों को उनके अनुपात में दी जा रही है ऑक्सीजन: सतीश पूनिया

दूसरी ओर खाजूवाला विधायक गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि नहरबंदी के मद्देनजर दूरस्थ क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए विभागीय अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करें. प्रत्येक कार्य से जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया जाए. इस दौरान बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र विधायक सिद्धि कुमारी, नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई, लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा, श्रीडूंगरगढ़ विधायक गिरधारी लाल महिया, महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित मौजूद रहे.

जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कोविड प्रबंधन के तहत किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पर्याप्त आक्सीजन के बेहतर उपयोग पर नजर रखी जा रही है. पीबीएम द्वारा तीन सौ और सीएमएचओ द्वारा दो सौ नए आक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे जा रहे हैं. उन्होंने लाॅकडाउन के दौरान गाइडलाइन की अनुपालना के बारे में भी जानकारी दी. इस दौरान पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा, शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे.

बीकानेर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और प्रदेश के शिक्षा मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा गुरुवार को बीकानेर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बीकानेर में कोरोना प्रबंधन को लेकर जिला स्तर के अधिकारियों के साथ जिला कलेक्ट्रेट में बैठक की. इस दौरान डोटासरा ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब मीडिया से गायब हो चुके हैं और बहुत जल्दी देश की जनता की नजर से भी गायब हो जाएंगे.

डोटासरा ने पीएम केयर फंड को लेकर उठाया सवाल

मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पिछले साल कोरोना के दौरान पीएम केयर्स फंड में देश और दुनिया से काफी पैसा इस फंड में आया लेकिन इसका कोई हिसाब नहीं है. इससे राज्यों को भेजे गए संसाधनों में 70 फीसदी पूरी तरह से खराब है. उन्होंने कहा कि इन खराब संसाधनों के ठीक होने को लेकर भी कोई जानकारी नहीं उपलब्ध करवाई जा रही है, जबकि मुख्यमंत्री ने इस बारे में केंद्र सरकार को अवगत कराया है. कोविड संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने के लिए सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए ‘टीम भावना’ के साथ काम करें. मरीजों के इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा धन और संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.

क्वॉरेंटीन सेंटरों में भी सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के निर्देश

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर अधिकारियों द्वारा किसी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाए. डोटासरा कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ कोविड प्रबंधन से संबंधित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने कोविड अस्पताल, जिला अस्पताल सहित सीएचसी, पीएचसी और उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की तथा कहा कि प्रत्येक स्थान पर आवश्यक दवाइयां, बेड और सभी संसाधन उपलब्ध रहें. वरिष्ठ चिकित्सक व्यवस्थाओं पर नियमित नजर रखें तथा यह सुनिश्चित करें कि मरीजों को बेवजह कोई परेशानी नहीं हो. उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर स्थापित किए जा रहे क्वॉरेंटीन सेंटरों में भी सभी व्यवस्थाएं चाक-चैबंद रखने के निर्देश दिए.

मेडिकल स्टाफ नियुक्ति के निर्देश

प्रभारी मंत्री ने ऑक्सीजन की आवश्यकता, उपलब्धता और वितरण की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि मरीजों की आवश्यकता के अनुरूप आक्सीजन उपलब्ध करवाने में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी. चिकित्सक भी यह सुनिश्चित करें कि आक्सीजन का अपव्यय नहीं हो. उन्होंने डीएमएफटी फंड से एक बड़ा आक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित करने की संभावनाओं पर चर्चा की. साथ ही विधायकों, सीएसआर और अन्य भामाशाहों की ओर से दी जा रही सहायता के बारे में भी जाना. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक आवश्यक मात्रा में आक्सीजन उपलब्ध रखने के निर्देश दिए. उन्होंने जिले में मेडिकल स्टाफ नियुक्ति की समीक्षा की और ‘अर्जेंट और टेम्परेरी बेसिस’ पर नियमानुसार नियुक्ति के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ें. 'केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को जांच करवानी चाहिए कि ऐसे डिफेक्टिव वेंटिलेटर्स की खरीद कैसे हुई'

डोटासरा ने कहा कि जिले में कोविड मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत छह अस्पतालों की माॅनिटरिंग के लिए एक-एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया जाए. यह अधिकारी सुनिश्चित करें कि यहां भर्ती मरीजों से नियमानुसार शुल्क वसूला जाए और बेहतर इलाज हो. साथ ही इन अस्पतालों में कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर की पालना हो. उन्होंने डोर-टू-डोर सर्वे को और अधिक प्रभावी तरीके से करने के निर्देश दिए तथा कहा कि इसकी नियमित समीक्षा की जाए. सर्वे के दौरान वितरित की जाने वाली आवश्यक दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

प्रभारी डोटासरा ने कहा कि जिले में लंबित एग्रीकल्चरल विद्युत कनेक्शन, फसलों की आवश्यकता के मुताबिक प्राथमिकता से किए जाएं. यदि सामान की अनुपलब्धता के कारण कनेक्शन लंबित हैं, तो उच्च अधिकारियों को इससे अवगत करवाया जाए. उन्होंने नहरबंदी के दौरान पेयजल वितरण की समीक्षा की और कहा कि इस दौरान किसी भी क्षेत्र में पेयजल के परेशानी नहीं हो, इसके मद्देनजर विभागीय अधिकारी पूर्ण गंभीरता से काम करें. उन्होंने कहा कि जिले में पेयजल और विद्युत विभाग से संबंधित स्वीकृत, लंबित एवं पूर्ण कार्यों की सूची उपलब्ध करवाई जाए.

यह भी पढ़ें. राजस्थान में वैक्सीनेशन जारी रखने के लिए तत्काल 20 लाख डोज की जरूरत: स्वास्थ्य मंत्री

साथ ही जनप्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठकों में अधिकारी पूर्ण तैयारी के साथ आएं. अधिकारियों को पिछली बैठकों के निर्देशों की जानकारी हो और कार्य प्रगति से जनप्रतिनिधियों को सूचित किया जाए. विद्युत निगम और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता द्वारा इस संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं करवाए जाने को उन्होंने गंभीरता से लिया, दोनों अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए उच्च अधिकारियों को इससे अवगत करवाने के निर्देश दिए.

शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने पेयजल टैंकरों से पहुंचाने की बात कही

उन्होंने कहा कि बिजली-पानी की निर्बाध आपूर्ति सरकार की प्राथमिकताओं में है. उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर सभी व्यवस्थाएं माकूल रखी जाएं. दूरस्थ क्षेत्रों के गांव, जहां नहरबंदी के दौरान पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, वहां टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि कोविड 19 प्रबंधन के तहत विधायक स्थानीय विकास मद के तहत स्वीकृत कार्य अतिशीघ्र पूर्ण हों, जिससे मरीजों को इनका त्वरित लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड प्रबंधन के मद्देनजर बेहतर कार्य किया जा रहा है. निचले स्तर तक इसके प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अधिकारियों की है. अधिकारी इस भावना के अनुरूप काम करें.

यह भी पढें. कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में जाए या UN में, राज्यों को उनके अनुपात में दी जा रही है ऑक्सीजन: सतीश पूनिया

दूसरी ओर खाजूवाला विधायक गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि नहरबंदी के मद्देनजर दूरस्थ क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए विभागीय अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करें. प्रत्येक कार्य से जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया जाए. इस दौरान बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र विधायक सिद्धि कुमारी, नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई, लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा, श्रीडूंगरगढ़ विधायक गिरधारी लाल महिया, महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित मौजूद रहे.

जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कोविड प्रबंधन के तहत किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पर्याप्त आक्सीजन के बेहतर उपयोग पर नजर रखी जा रही है. पीबीएम द्वारा तीन सौ और सीएमएचओ द्वारा दो सौ नए आक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे जा रहे हैं. उन्होंने लाॅकडाउन के दौरान गाइडलाइन की अनुपालना के बारे में भी जानकारी दी. इस दौरान पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा, शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे.

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