बीकानेर. नगर निगम की साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को निगम के सभागार में हुई. करीब दो घंटो तक चल बैठक पूरी तरह से असाधारण रही और महापौर सुशीला कंवर और भाजपा पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर किया. वहीं कांग्रेस के कुछ पार्षद भी बैठक में मौजूद रहे तो आधे पार्षद बैठक में आये और बहिष्कार करने की बात कहते हुए चले (Councilors Boycott General Meeting of Municipal Corporation) गए. 80 निर्वाचित और 12 मनोनीत पार्षदों के साथ कुल 92 पार्षदों वाली नगर निगम में साधारण सभा में 12 पार्षद मौजूद रहे.
बिना महापौर और भाजपा पार्षदों के हुई बैठक: बीकानेर नगर निगम में भाजपा की महापौर है और भाजपा का बोर्ड बहुमत में है. लेकिन ढाई साल में पहली बार आयोजित हुई सदन सभा की बैठक बिना महापौर और उपमहापौर के हुई. आमतौर पर स्थानीय निकाय में महापौर सभापति की ओर से साधारण सभा की बैठक को बुलाने के लिए आयुक्त को निर्देश दिए जाते हैं और उसके बाद साधारण सभा की बैठक बुलाई जाती है. लेकिन इस बार संभवतः पहली बार ऐसा हुआ है कि आयुक्त ने अपने स्तर पर साधारण सभा की बैठक को बुलाने का आदेश जारी किया है. हालांकि आयुक्त ने इसे लेकर नगरीय विकास विभाग की धाराओं का हवाला देते हुए हर दो महीने में एक बार साधारण सभा की बैठक आयोजित होने के नियम के मुताबिक साधारण सभा को बुलाने की बात कही है. उनका कहना था कि 30 महीने में एकबार ही साधारण सभा की बैठक हुई है. वहीं बैठक से ठीक पहले महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने इसे जनप्रतिनिधियों के अधिकारों पर अतिक्रमण बताते हुए बैठक के बहिष्कार करने की बात कही थी. बाद में भाजपा पार्षदों के साथ साधारण सभा की बैठक का बहिष्कार किया.
कांग्रेस में दिखे दो फाड़: कांग्रेस के पार्षदों में भी साधारण सभा की बैठक के आयोजन को लेकर दो गुट नजर आए. साधारण सभा की बैठक शुरू होते ही नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष नेता चेतना चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्षद सभागार में पहुंचे. इस दौरान निगम आयुक्त गोपालराम से इस बात के लिए नाराजगी जताई कि आयुक्त ने साधारण सभा की बैठक में नहीं आने पर पार्षदों के निलंबन प्रस्ताव सरकार को भेजने की बात कही है. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष चेतना चौधरी ने आयुक्त से इस बात का विरोध करते हुए अपने साथ आए कांग्रेसी पार्षदों के साथ बैठक के बहिष्कार की बात कही.
आयुक्त ने कहा साधारण सभा का कोरम पूरा है: वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष जावेद पड़िहार और करीब एक दर्जन कांग्रेसी पार्षद साधारण सभा के लिए सभागार में मौजूद रहे. इस दौरान सभा में मौजूद पार्षदों में से कांग्रेस के पार्षद नंदलाल जावा को साधारण सभा की अध्यक्षता के लिए सभी ने एक स्वर में सहमति दी. आयुक्त गोपाल राम ने कहा कि साधारण सभा के लिए कोरम पूरा है और साधारण सभा की बैठक में शहर के विकास, नाली, सड़क के मुद्दों पर चर्चा हुई. आयुक्त का कहना था कि साधारण सभा की बैठक के लिए लगाए गए कैमरों में जिन पार्षद फोटो आ गई है वे सभी मौजूद माने जाएंगे चाहे वे नारे लगा रहे हो या फिर यहां बैठे हो. दरअसल आयुक्त का इशारा नेता प्रतिपक्ष और उनके साथ आए कांग्रेस के पार्षदों की ओर था जो सभागार में आए और आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वापस चले गए. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि पिछली बार बजट सभा महापौर की अध्यक्षता में भी यही प्रावधान किया गया था और उसी तर्ज पर इस बार भी यही प्रावधान किया गया है.
बैठक में शहर के विकास के मुद्दों पर चर्चा हुई: साधारण सभा की अध्यक्षता करने वाले कांग्रेसी पार्षद नंदलाल जावा का कहना है कि आज की बैठक शहर के नाली सड़क के साथ ही अन्य विकास के मुद्दों पर चर्चा हुई और प्रस्तावों को साधारण सभा में पारित कर अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा. उन्होंने महापौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले ढाई साल में एक बार भी शहर के विकास को लेकर उन्होंने साधारण सभा की बैठक नहीं बुलाई. वहीं कांग्रेस में हुए दो फाड़ को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और कुछ पार्षदों को भाजपा के लोगों ने भ्रमित कर दिया है. जबकि आयुक्त ने साफ कर दिया कि उन्होंने इस तरह का कोई निलंबन के प्रस्ताव की बात नहीं कही है.