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बीकानेर थियेटर फेस्टिवल का समापन, ये रहा आकर्षण का क्रेंद

5 दिन तक चली रंगमंच के महाकुंभ के रूप में ख्यात बीकानेर थियेटर फेस्टिवल का समापन मंगलवार को हुआ. इस दौरान टीवी कलाकार अखिलेंद्र मिश्र के नाटक का मंचन हुआ.

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Published : Oct 19, 2022, 7:42 AM IST

बीकानेर. रंगमंच का पांच दिवसीय महाकुंभ 'बीकानेर थियेटर फेस्टिवल' मंगलवार को (चंद्रकांता फेम क्रूर सिंह) अखिलेंद्र मिश्र द्वारा निर्देशित नाटक विवेकानंद का पुनर्पाठ के मंचन के साथ समाप्त हुआ. दर्शकों से खचाखच भरे रविंद्र रंगमंच में मिश्र की एकल प्रस्तुति को बेहद वाहवाही मिली. मिश्र की ओर से संकलित, संपादित, लिखित और निर्देशित विवेकानंद का पुनर्पाठ में स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया.

आयोजन समिति सदस्य हंसराज डागा ने बताया कि फेस्टिवल के सातवें संस्करण के तहत कुल 25 नाटक मंचित हुए. इनमें 15 शहरों के लगभग 500 रंगकर्मियों ने भाग लिया. शहर के छह रंगमंच इस समारोह के साक्षी बने. पांच दिवसीय समारोह का अंतिम नाटक विवेकानंद का पुनर्पाठ रहा.

Bikaner Theater Festival concludes
बीकानेर थियेटर फेस्टिवल

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सुरेंद्र धारणिया ने बताया कि अंतिम दिन रंगकर्मियों के साथ खुला रंग संवाद आयोजित हुआ. वहीं अभिनय कार्यशालाएं भी मंगलवार को सम्पन्न हुई. अंतिम दिन तक अनेक लोगों ने पुस्तक दीर्घा, कला प्रदर्शनी और फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन भी बड़ी संख्या में आमजन ने किया. मधु सूदन अग्रवाल ने बताया कि चार राज्यों के निर्देशकों के नाटक मंचित हुए.

बीकानेर. रंगमंच का पांच दिवसीय महाकुंभ 'बीकानेर थियेटर फेस्टिवल' मंगलवार को (चंद्रकांता फेम क्रूर सिंह) अखिलेंद्र मिश्र द्वारा निर्देशित नाटक विवेकानंद का पुनर्पाठ के मंचन के साथ समाप्त हुआ. दर्शकों से खचाखच भरे रविंद्र रंगमंच में मिश्र की एकल प्रस्तुति को बेहद वाहवाही मिली. मिश्र की ओर से संकलित, संपादित, लिखित और निर्देशित विवेकानंद का पुनर्पाठ में स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया.

आयोजन समिति सदस्य हंसराज डागा ने बताया कि फेस्टिवल के सातवें संस्करण के तहत कुल 25 नाटक मंचित हुए. इनमें 15 शहरों के लगभग 500 रंगकर्मियों ने भाग लिया. शहर के छह रंगमंच इस समारोह के साक्षी बने. पांच दिवसीय समारोह का अंतिम नाटक विवेकानंद का पुनर्पाठ रहा.

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सुरेंद्र धारणिया ने बताया कि अंतिम दिन रंगकर्मियों के साथ खुला रंग संवाद आयोजित हुआ. वहीं अभिनय कार्यशालाएं भी मंगलवार को सम्पन्न हुई. अंतिम दिन तक अनेक लोगों ने पुस्तक दीर्घा, कला प्रदर्शनी और फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन भी बड़ी संख्या में आमजन ने किया. मधु सूदन अग्रवाल ने बताया कि चार राज्यों के निर्देशकों के नाटक मंचित हुए.

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