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Rajasthan Election 2023 : जनता के आदेश पर लड़ रहा हूं चुनाव, मैं अपनी बात से नहीं हटता पीछे : वीरेंद्र बेनीवाल

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 4, 2023, 10:49 AM IST

लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने के बाद पूर्व राज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है. पार्टी से नाराजगी व चुनाव लड़ने की वजह सहित अन्य मुद्दों को लेकर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

Interview of former Minister of State Virendra Beniwal
पूर्व राज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल का इंटरव्यू
पूर्व राज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल का इंटरव्यू

बीकानेर. विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के साथ ही नेताओं के दल बदलने और टिकट नहीं मिलने पर बगावत के सुर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों में देखने को मिल रहे हैं. जिले में लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व गृह राज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल ने भी टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. बेनीवाल के पिता पूर्व मंत्री दिवंगत चौधरी भीमसेन 6 बार लूणकरणसर से विधायक रह चुके हैं. बेनीवाल ने चुनाव लड़ने का फैसला जनता के आदेश पर करना बताया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में बेनीवाल ने कहा कि पिछले 5 सालों में वो लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे और इस बार लोगों को भी इस बात की उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें टिकट देगी और पार्टी की जीत होगी.

गंभीर बीमारी बताकर किया गया झूठा प्रचार : बेनीवाल ने कहा कि टिकट किसी को मिलना होता है, लेकिन मेरे बारे में विरोधियों ने पार्टी आलाकमान को गंभीर बीमारी से ग्रसित बता दिया. यहां तक कह दिया गया कि शायद वो आज का दिन भी नहीं निकालें. बेनीवाल ने कहा कि क्षेत्र की जनता और मेरे समर्थकों को इस बात की बहुत ज्यादा तकलीफ है कि मेरे बारे में गलत प्रचार किया गया.

पढ़ें : BJP candidates filed nominations: अनिता भदेल, वासुदेव देवनानी सहित अन्य भाजपा प्रत्याशियों ने भरे नामांकन, दिग्गज नेता रहे साथ

जिनको टिकट मिला उन्होंने क्या किया : दो बार लगातार हारने के बाद पार्टी की ओर से विनिंग कैंडिडेट के क्राइटेरिया के चलते टिकट नहीं मिलने और अब पार्टी के साथ रहने के सवाल पर बेनीवाल ने कहा कि यह पार्टी का निर्णय है, लेकिन जिन लोगों को आज पार्टी ने टिकट दिया है, यह बात उन पर भी लागू होती है जो पिछले चुनाव में मेरे साथ नहीं थे. कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र मूंड पर उन्होंने पिछले चुनाव में साथ नहीं रहने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने कहा कि लूणकरणसर की जनता और समस्याओं के दबाव और आदेश पर चुनाव लड़ रहा हूं और 6 तारीख को नामांकन भरूंगा.

पढ़ें : Rajasthan Assembly Election 2023: सीएम गहलोत के आरएसएस पर बयान पर बोलीं वसुंधरा राजे, 'कौन मुख्यमंत्री?

होगा चतुष्कोणीय मुकाबला : गौरतलब है कि लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने पहली बार नए चेहरे के रूप में कांग्रेस के महासचिव डॉ राजेंद्र मूंड को मैदान में उतारा है. वहीं, भाजपा से सुमित गोदारा मैदान में है. एक निर्दलीय प्रभु दयाल सारस्वत ने भी नामांकन दाखिल किया है. वे भाजपा से टिकट चाह रहे थे. पिछली बार भी वो निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. वहीं, कांग्रेस से बागी होकर वीरेंद्र बेनीवाल भी मैदान में है. ऐसे में इस बार लूणकरणसर में चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.

पूर्व राज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल का इंटरव्यू

बीकानेर. विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के साथ ही नेताओं के दल बदलने और टिकट नहीं मिलने पर बगावत के सुर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों में देखने को मिल रहे हैं. जिले में लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व गृह राज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल ने भी टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. बेनीवाल के पिता पूर्व मंत्री दिवंगत चौधरी भीमसेन 6 बार लूणकरणसर से विधायक रह चुके हैं. बेनीवाल ने चुनाव लड़ने का फैसला जनता के आदेश पर करना बताया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में बेनीवाल ने कहा कि पिछले 5 सालों में वो लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे और इस बार लोगों को भी इस बात की उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें टिकट देगी और पार्टी की जीत होगी.

गंभीर बीमारी बताकर किया गया झूठा प्रचार : बेनीवाल ने कहा कि टिकट किसी को मिलना होता है, लेकिन मेरे बारे में विरोधियों ने पार्टी आलाकमान को गंभीर बीमारी से ग्रसित बता दिया. यहां तक कह दिया गया कि शायद वो आज का दिन भी नहीं निकालें. बेनीवाल ने कहा कि क्षेत्र की जनता और मेरे समर्थकों को इस बात की बहुत ज्यादा तकलीफ है कि मेरे बारे में गलत प्रचार किया गया.

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जिनको टिकट मिला उन्होंने क्या किया : दो बार लगातार हारने के बाद पार्टी की ओर से विनिंग कैंडिडेट के क्राइटेरिया के चलते टिकट नहीं मिलने और अब पार्टी के साथ रहने के सवाल पर बेनीवाल ने कहा कि यह पार्टी का निर्णय है, लेकिन जिन लोगों को आज पार्टी ने टिकट दिया है, यह बात उन पर भी लागू होती है जो पिछले चुनाव में मेरे साथ नहीं थे. कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र मूंड पर उन्होंने पिछले चुनाव में साथ नहीं रहने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने कहा कि लूणकरणसर की जनता और समस्याओं के दबाव और आदेश पर चुनाव लड़ रहा हूं और 6 तारीख को नामांकन भरूंगा.

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होगा चतुष्कोणीय मुकाबला : गौरतलब है कि लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने पहली बार नए चेहरे के रूप में कांग्रेस के महासचिव डॉ राजेंद्र मूंड को मैदान में उतारा है. वहीं, भाजपा से सुमित गोदारा मैदान में है. एक निर्दलीय प्रभु दयाल सारस्वत ने भी नामांकन दाखिल किया है. वे भाजपा से टिकट चाह रहे थे. पिछली बार भी वो निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. वहीं, कांग्रेस से बागी होकर वीरेंद्र बेनीवाल भी मैदान में है. ऐसे में इस बार लूणकरणसर में चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.

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