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प्रेम और सौंदर्य के कारक शुक्र 23 जुलाई से होंगे वक्री, इन राशियों पर रहेगा यह असर

शुक्र ग्रह 23 जुलाई को सिंह राशि में वक्री होंगे और वक्री अवस्था में ही 7 अगस्त 2023 को रात्रि 11:32 पर पुनः कर्क राशि मे प्रवेश करेंगे. ज्योतिर्विद डॉ. आलोक व्यास से जानिए वक्री होने से विभिन्न राशियों पर क्या पड़ेगा (Effect on 12 Zodiac Signs) प्रभाव...

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Published : Jul 22, 2023, 6:32 PM IST

Venus will retrograde from July 23
Venus will retrograde from July 23

बीकानेर. वैदिक ज्योतिष परंपरा में शुक्र को वैभव और विलासिता का कारक माना गया है. शुक्र ग्रह अपनी राशि, उच्च राशि और मित्र राशि में स्थित होने पर धन, समृद्धि, आकर्षण, सुंदरता, प्रेम, पारिवारिक संबंध और जीवन में संतुष्टि को दर्शाते हैं. इसके अतिरिक्त प्रबल शुक्र संगीत, डिजाइनिंग, मीडिया, फैशन जगत, फिल्मी दुनिया, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, सुरुचिपूर्ण भोजन और आमोद प्रमोद का कारक होता है.

कब होगा वक्री : इसके विपरीत शुक्र ग्रह के शत्रु राशि, नीच राशि और अशुभ ग्रहों के साथ युति होने पर प्रेम प्रसंग में विफलता, वैवाहिक जीवन में अड़चन, विलासिता में कमी, शारीरिक और मानसिक कष्ट, निम्न स्तरीय जीवन, पत्नी स्वास्थ्य में गिरावट, धन हानि में के लक्षण दिख सकते हैं. शुक्र ग्रह 23 जुलाई को प्रातः 6:01 पर सिंह राशि में वक्री होंगे और वक्री अवस्था में ही 7 अगस्त 2023 को रात्रि 11:32 पर पुनः कर्क राशि मे प्रवेश करेंगे. इसके बाद 4 सितंबर 2023 को प्रातः 6:17 पर मार्गी होंगे और इसके पश्चात 2 अक्टूबर 2023 को 00:45 पर सिंह राशि मे प्रवेश करेंगे.

पढ़ें. 22 July Panchang In Hindi : शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आज, भगवान गणेश की मन से करें पूजा, मिलेगा मनचाहा वरदान

ये करना लाभदायक : शुक्र के वक्री होने के कारण विलासिता और भौतिक वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी हों सकती है और इसके अतिरिक्त आपसी संबंधों में तनाव आ सकता है. वक्री शुक्र को बल प्रदान करने के लिए स्त्रियों का मान-सम्मान, घर में साफ-सफाई, श्वेत वस्त्र के धारण करने के अतिरिक्त हीरे को अनामिका अंगूठी में धारण करना लाभदायक रहता है. आर्थिक परिस्थिति के कारण हीरा धारण करना संभव न हो तो हीरे का विकल्प कुरंगी, दतला, तुरमली या सिम्मा भी धारण किया जा सकता है. बीकानेर के ज्योतिर्विद डॉ. आलोक व्यास के अनुसार अलग-अलग राशियों पर इसका असर दिखेगा.

राशियों पर निम्नलिखित प्रभाव परिलक्षित होंगे :

  1. मेष : रचनात्मक कार्यों में रुझान, प्रेम-प्रसंग अथवा सट्टेबाजी के मनोवृति, गृहस्थान पर नवाचार, भूमि मकान वाहन के क्रय-विक्रय के योग दिख रहे हैं.
  2. वृषभ: संप्रेषण से लाभ, नवीन कार्य, छोटे भाई-बहन या अधीनस्थ का सहयोग, माता संबंधी चिंता, भूमि, मकान वाहन का क्रय-विक्रय या गृह स्थान पर नवाचार देखने को मिल सकता है.
  3. मिथुन: पारिवारिक आयोजन, सुरुचि भोजन, नेत्र या वाणी दोष, परिसंपत्ति निर्माण योग, कार्य संबंधी यात्रा, संप्रेषण से लाभ देखने को मिल सकता है.
  4. कर्क: आत्मचिंतन, एकांतवास, पारिवारिक सहयोग, वाणी से लाभ, परिसंपत्ति निर्माण के लिए प्रयास करने से लाभ होगा.
  5. सिंह: आत्मछवि से असंतोष, आत्म मनन, खर्च में बढ़ोतरी, सुदूर प्रांत से लाभ या लंबी यात्रा, असप्ताल संबंधित खर्च के योग बन रहे हैं.
  6. कन्या: संपर्क सूत्र में बढ़ोतरी, आय के नए साधन के लिए प्रयास, आर्थिक असंतुलन, विदेश से लाभ, यात्रा योग के बन रहे हैं.
  7. तुला: बड़े भाई-बहनों का सहयोग, आय में बढ़ोतरी, नवीन संपर्कों से लाभ, कार्यस्थल पर अधिक ऊर्जा, आर्थिक अनुकूलता देखने को मिलेगी.
  8. वृश्चिक: कार्यस्थल पर प्रतिकूलता, नौकरी या पदोन्नति के लिए विशेष प्रयास, सामाजिक प्रतिष्ठा से असंतोष, धार्मिक क्रियाकलाप या धार्मिक यात्रा के योग बनेंगे.
  9. धनु: उच्च अध्ययन के अवसर, गुरुजनों का आशीर्वाद, धार्मिक अनुष्ठान, नकारात्मक मानसिकता, कार्य में बाधा की संभावना है.
  10. मकर: मन में भय या आशंका, यंत्र-तंत्र-मंत्र की ओर झुकाव, ससुराल से मतभेद, भूमिगत वस्तुओं से लाभ, मित्रों का सहयोग मिलेगा.
  11. कुंभ: व्यापारिक साझेदारी के योग, सगाई या नव संपर्क के अवसर, जीवनसाथी या मित्रों का सहयोग, कार्य में अड़चन आ सकती है.
  12. मीन: रोग ऋण या शत्रु बाधा, कानूनी वाद-विवाद, निकट संबंधों में तनाव, अनावश्यक तर्क-वितर्क, संतान संबंधी चिंता, रचनात्मक कार्य में रुझान देखने को मिल सकता है.

बीकानेर. वैदिक ज्योतिष परंपरा में शुक्र को वैभव और विलासिता का कारक माना गया है. शुक्र ग्रह अपनी राशि, उच्च राशि और मित्र राशि में स्थित होने पर धन, समृद्धि, आकर्षण, सुंदरता, प्रेम, पारिवारिक संबंध और जीवन में संतुष्टि को दर्शाते हैं. इसके अतिरिक्त प्रबल शुक्र संगीत, डिजाइनिंग, मीडिया, फैशन जगत, फिल्मी दुनिया, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, सुरुचिपूर्ण भोजन और आमोद प्रमोद का कारक होता है.

कब होगा वक्री : इसके विपरीत शुक्र ग्रह के शत्रु राशि, नीच राशि और अशुभ ग्रहों के साथ युति होने पर प्रेम प्रसंग में विफलता, वैवाहिक जीवन में अड़चन, विलासिता में कमी, शारीरिक और मानसिक कष्ट, निम्न स्तरीय जीवन, पत्नी स्वास्थ्य में गिरावट, धन हानि में के लक्षण दिख सकते हैं. शुक्र ग्रह 23 जुलाई को प्रातः 6:01 पर सिंह राशि में वक्री होंगे और वक्री अवस्था में ही 7 अगस्त 2023 को रात्रि 11:32 पर पुनः कर्क राशि मे प्रवेश करेंगे. इसके बाद 4 सितंबर 2023 को प्रातः 6:17 पर मार्गी होंगे और इसके पश्चात 2 अक्टूबर 2023 को 00:45 पर सिंह राशि मे प्रवेश करेंगे.

पढ़ें. 22 July Panchang In Hindi : शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आज, भगवान गणेश की मन से करें पूजा, मिलेगा मनचाहा वरदान

ये करना लाभदायक : शुक्र के वक्री होने के कारण विलासिता और भौतिक वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी हों सकती है और इसके अतिरिक्त आपसी संबंधों में तनाव आ सकता है. वक्री शुक्र को बल प्रदान करने के लिए स्त्रियों का मान-सम्मान, घर में साफ-सफाई, श्वेत वस्त्र के धारण करने के अतिरिक्त हीरे को अनामिका अंगूठी में धारण करना लाभदायक रहता है. आर्थिक परिस्थिति के कारण हीरा धारण करना संभव न हो तो हीरे का विकल्प कुरंगी, दतला, तुरमली या सिम्मा भी धारण किया जा सकता है. बीकानेर के ज्योतिर्विद डॉ. आलोक व्यास के अनुसार अलग-अलग राशियों पर इसका असर दिखेगा.

राशियों पर निम्नलिखित प्रभाव परिलक्षित होंगे :

  1. मेष : रचनात्मक कार्यों में रुझान, प्रेम-प्रसंग अथवा सट्टेबाजी के मनोवृति, गृहस्थान पर नवाचार, भूमि मकान वाहन के क्रय-विक्रय के योग दिख रहे हैं.
  2. वृषभ: संप्रेषण से लाभ, नवीन कार्य, छोटे भाई-बहन या अधीनस्थ का सहयोग, माता संबंधी चिंता, भूमि, मकान वाहन का क्रय-विक्रय या गृह स्थान पर नवाचार देखने को मिल सकता है.
  3. मिथुन: पारिवारिक आयोजन, सुरुचि भोजन, नेत्र या वाणी दोष, परिसंपत्ति निर्माण योग, कार्य संबंधी यात्रा, संप्रेषण से लाभ देखने को मिल सकता है.
  4. कर्क: आत्मचिंतन, एकांतवास, पारिवारिक सहयोग, वाणी से लाभ, परिसंपत्ति निर्माण के लिए प्रयास करने से लाभ होगा.
  5. सिंह: आत्मछवि से असंतोष, आत्म मनन, खर्च में बढ़ोतरी, सुदूर प्रांत से लाभ या लंबी यात्रा, असप्ताल संबंधित खर्च के योग बन रहे हैं.
  6. कन्या: संपर्क सूत्र में बढ़ोतरी, आय के नए साधन के लिए प्रयास, आर्थिक असंतुलन, विदेश से लाभ, यात्रा योग के बन रहे हैं.
  7. तुला: बड़े भाई-बहनों का सहयोग, आय में बढ़ोतरी, नवीन संपर्कों से लाभ, कार्यस्थल पर अधिक ऊर्जा, आर्थिक अनुकूलता देखने को मिलेगी.
  8. वृश्चिक: कार्यस्थल पर प्रतिकूलता, नौकरी या पदोन्नति के लिए विशेष प्रयास, सामाजिक प्रतिष्ठा से असंतोष, धार्मिक क्रियाकलाप या धार्मिक यात्रा के योग बनेंगे.
  9. धनु: उच्च अध्ययन के अवसर, गुरुजनों का आशीर्वाद, धार्मिक अनुष्ठान, नकारात्मक मानसिकता, कार्य में बाधा की संभावना है.
  10. मकर: मन में भय या आशंका, यंत्र-तंत्र-मंत्र की ओर झुकाव, ससुराल से मतभेद, भूमिगत वस्तुओं से लाभ, मित्रों का सहयोग मिलेगा.
  11. कुंभ: व्यापारिक साझेदारी के योग, सगाई या नव संपर्क के अवसर, जीवनसाथी या मित्रों का सहयोग, कार्य में अड़चन आ सकती है.
  12. मीन: रोग ऋण या शत्रु बाधा, कानूनी वाद-विवाद, निकट संबंधों में तनाव, अनावश्यक तर्क-वितर्क, संतान संबंधी चिंता, रचनात्मक कार्य में रुझान देखने को मिल सकता है.
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