बीकानेर. आरपीएससी की ओर से सेकेंड ग्रेड शिक्षकों की भर्ती (RPSC Paper Leak Case) को लेकर आयोजित परीक्षा में शनिवार को ग्रुप सी की सामान्य ज्ञान की पहली पारी में हुई (education department suspend four) परीक्षा के पेपर लीक के मामले में 3 शिक्षकों सहित चार जनों को निलंबित किया गया है. इनमें तीन शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं और चौथा संस्कृत शिक्षा विभाग का शिक्षक है.
शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आने के बाद शनिवार देर रात शिक्षा विभाग ने एक्शन लेते हुए 3 कार्मिकों को निलंबित कर दिया है. निलंबित किए गए कार्मिकों में दो सेकंड ग्रेड के अध्यापक हैं तो वहीं एक कनिष्ठ लिपिक है. शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने देर रात तीनों कार्मिकों के निलंबन के आदेश जारी किए हैं. प्रथम दृष्टया शिक्षा विभाग के इन तीनों कर्मचारियों की पेपर लीक में मिलीभगत सामने आने के बाद निलंबन की कार्रवाई की गई है. इस मामले में एक मास्टरमाइंड सुरेश संस्कृत शिक्षा विभाग का शिक्षक है. ऐसे में उसके खिलाफ संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से निलंबन की कार्रवाई का आदेश किया गया है. इसके साथ ही दोषियों की बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
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जानकारी के मुताबिक सेकेंड ग्रेड टीचर रावताराम जालोर और भागीरथ सिरोही का है. वहीं पुखराज कनिष्ठ लिपिक जालोर में पदस्थापित है. पेपर लीक मामले में सरकार की ओर से कड़ा एक्शन लेने का मेसेज देने के बाद देर रात शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने इन तीन कर्मचारियों को निलंबित किया है. शिक्षा निदेशालय के कर्मचारियों को बुलाकर निलंबन के आदेश टाइप करवाए गए.
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दो महीने पहले ही नौकरी पर लगा था सुरेश
बताया जा रहा है कि पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड सुरेश दो महीने पहले ही नौकरी पर लगा था. गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर कई लोगों को पकड़ा है और गिरोह के तार से किन-किन लोगों से जुड़े हैं इसको लेकर पूछताछ की जा रही है.
मास्टरमाइंड जालोर में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत: पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड जालोर में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत सुरेश बिश्नोई ने पूरा प्लान तैयार किया था. आरोपी सुरेश विश्नोई बस के आगे अन्य गाड़ी से बस को एस्कॉर्ट कर रहा था. उदयपुर पुलिस की ओर से पकड़े गए 45 अभ्यर्थियों में सभी जालोर के रहने वाले हैं. पुलिस के मुताबिक सुरेश विश्नोई के पास रात 2 बजे ढाका और भूपी नाम के दो लोगों से व्हाट्सएप पर पेपर आया था. आरोपी मास्टरमाइंड ने सभी अभ्यर्थियों को विश्वास दिलाया था कि वह उन्हें पेपर में पास करवा देगा.
मास्टरमाइंड सुरेश विश्नोई ने इन सभी अभ्यर्थियों को पेपर उपलब्ध कराने की एवज में 10 से 15 लाखों रुपए का सौदा किया था. मास्टरमाइंड सुरेश विश्नोई जालोर का ही रहने वाला बताया जा रहा है. वह अपने सहयोगी भूपेंद्र के साथ 45 अभ्यर्थियों को बस में पेपर सॉल्व करवा रहा था. सुरेश विश्नोई की गाड़ी में कंप्यूटर, प्रिंटर सहित अन्य सामान भी पुलिस ने बरामद किए हैं. पुलिस ने बताया कि जैसे ही सुरेश विश्नोई के व्हाट्सएप पर रात 2 बजे पेपर आया, ऐसे ही उसने प्रिंटर से प्रिंट लेकर सभी को वितरित कर दिए.