बीकानेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से प्रदेश में स्कूल और कॉलेजों में विद्या संबल योजना के तहत गेस्ट फैकल्टी के रूप में शिक्षकों को लगाए जाने की बजट में घोषणा की गई. इसे बेरोजगारों के लिए एक बड़ी सौगात भी बताया गया. प्रदेश की सरकारी कॉलेजों में इस योजना के तहत गेस्ट फैकल्टी का चयन भी शुरू हो गया है लेकिन शिक्षा विभाग में की जा रही कवायद बेरोजगारों के लिए एक झटका (Guest faculty Jobs in Rajasthan Schools) है.
सरकारी कॉलेजों और सरकारी स्कूलों में खाली पड़े पदों पर गेस्ट फैकल्टी को लगाए जाने के लिए विद्या संबल योजना की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में की थी. विद्या संबल योजना के तहत स्कूलों और कॉलेजों में बड़ी संख्या में खाली पदों के विपरीत पात्र व्यक्तियों को लगाने की सरकार ने योजना बनाई. वहीं कोरोना के चलते इस योजना में देरी हुई लेकिन अब प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में इस योजना के तहत पात्र व्यक्तियों का चयन होना शुरू हो गया है. उन्हें गेस्ट फैकल्टी के रूप में नियुक्ति भी दी जा रही है.
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विद्या संबल योजना के तहत प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में भी गेस्ट फैकल्टी के रूप में पात्र व्यक्तियों को लगाए जाने की कवायद को लेकर बड़ी संख्या में बेरोजगार भी इसका इंतजार कर रहे थे. अब इस पूरे मामले में शिक्षा विभाग की ओर से सरकार को भेजे गए प्रस्ताव के बाद यदि इसे हरी झंडी मिल जाती है तो यह बेरोजगारों के लिए एक बड़ा झटका होगा. दरअसल शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रमुख शासन सचिव को नवंबर महीने में ही इस तरह के प्रस्ताव भेजे गए हैं. जिसमें साफ तौर पर सेवानिवृत्त व्यक्तियों जिनकी उम्र 65 वर्ष से कम हो, उन्हें ही गेस्ट फैकल्टी के रूप में लगाए जाने की बात कही गई है. हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से दिए गए इस सुझाव को लेकर अभी तक किसी तरह की कोई चर्चा जैसी बात सामने नहीं आई (retirees in government schools Rajasthan). लेकिन इसे बेरोजगारों के लिए एक बड़ा झटका है. इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि बड़ी संख्या में प्रदेश के बेरोजगार और निजी स्कूलों में अल्प वेतन में पढ़ा रहे योग्यताधारी पात्र युवा और युवतियां इस योजना के तहत खुद के चयन को लेकर उम्मीद लगाए बैठे थे.
श्रेणीवार तय किया है मानदेय
इस योजना के तहत सरकार ने स्कूलों में पढ़ाने वाली गेस्ट फैकल्टी के लिए मानदेय तय किया है. जिसके मुताबिक तृतीय श्रेणी में कक्षा 1 से 8 के लिए 300 प्रति घंटा, कक्षा 9 से 10 के लिए ₹350 प्रति घंटा और कक्षा 11 में 12 को पढ़ाने वाले गेस्ट फैकल्टी के लिए रुपए 400 प्रति घंटा तय किया है. हालांकि इन सबके लिए क्रमशः 21 हजार, 25 हजार और 30 हजार अधिकतम भी प्रतिमाह सीमा रखी गई है. इसके अलावा कंप्यूटर अनुदेशक के लिए रुपए 300 और प्रयोगशाला सहायक के लिए भी रुपए 300 प्रति घंटा और अधिकतम वेतन 21 हजार रखी गई है. हालांकि अब कंप्यूटर अनुदेशक की भर्ती की प्रक्रिया को शुरू करने की बात कही जा रही है. ऐसे में कंप्यूटर अनुदेशक विद्या संबल योजना के तहत लिए जाएंगे या नहीं इसको लेकर भी स्पष्ट नहीं है लेकिन शिक्षा विभाग ने अपने प्रस्ताव में इनका भी जिक्र किया है.
एक तीर से दो निशाना साधना चाहती सरकार
विद्या संबल योजना के तहत प्रदेश सरकार एक तीर से दो निशाने को साधने का प्रयास कर रही थी. जिसके मुताबिक स्कूलों में खाली पड़े पदों को भी भरा जा सके और नियमित भर्ती से आने वाले आर्थिक बोझ से भी बचा जा सके. इसी के लिए गेस्ट फैकल्टी के रूप में बीच का रास्ता निकाला गया. जिससे बेरोजगार भी कुछ हद तक सरकार के प्रति आंदोलित ना हो और सरकार भी बेरोजगारों को रोजगार देने की अपने चुनावी वादे को भुना सके लेकिन शिक्षा विभाग इस प्रस्ताव से ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है.
प्रस्ताव भेजने का कारण
शिक्षा विभाग की ओर से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को गेस्ट फैकल्टी के रूप में रखने के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर हालांकि सीधे तौर पर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है. लेकिन विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक आला स्तर पर इस बात को लेकर मंथन हुआ कि पूर्व में भी विद्यार्थी मित्र पैरा टीचर और प्रबोधकों की तर्ज पर भविष्य में विद्या संबल योजना के तहत गेस्ट फैकल्टी लगाए जाए. जिससे विभाग पर एक अनावश्यक आर्थिक बोझ नहीं पड़े.
सरकारी स्तर पर कोई चर्चा नहीं
हालांकि इस पूरे प्रस्ताव पर राज्य सरकार के स्तर पर किसी भी तरह के निर्णय की बात सामने नहीं आ रही है. बताया यह भी जा रहा है कि इस प्रस्ताव को लेकर अभी चर्चा की जा रही है. लेकिन सरकार इसे लागू करने से पहले पूरी तरह से होमवर्क करना चाहती है. ऐसे में अभी तक इस प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिल पाई है. लेकिन यदि इस प्रस्ताव को सरकार के स्तर पर हरी झंडी मिल जाती है तो निश्चित रूप से उन युवाओं के लिए यह एक बड़ा झटका होगा, जो विद्या संबल योजना के तहत प्रदेश की सरकारी स्कूलों में योग्यता के आधार पर गेस्ट फैकल्टी के रूप में लगने का सपना देख रहे थे.