बीकानेर. नया साल 2023 कैसा होगा होगा नए साल में किस गोचर में क्या कुछ घटित होगा और किन खोगलीय घटनाओं का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव होगा इसकी उत्सुकता हर किसी के मन में है. वैसे तो अपनी राशि जन्म कुंडली के मुताबिक हर व्यक्ति के जीवन पर ग्रहों का असर महत्व रखता है लेकिन ग्रहण का असर भी क्या होगा इस की जिज्ञासा जरूर रहती है.
साल 2023 में चार ग्रहण नजर आएंगे (Grahan 2023 dates) जिनमें पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को और दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा. ये दोनों ही ग्रहण भारत में नहीं दिखेंगे. पहला उपछाया चंद्रग्रहण (penumbral lunar eclipse) 5 मई 2023 को लगेगा और इसके बाद दूसरा चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को लगेगा ये दोनों ही भारत में भी दिखाई देंगे.
पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को- साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण 20 अप्रैल 2023, गुरुवार को लगेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार यह ग्रहण सुबह 07 बजकर 04 मिनट से प्रारंभ होगा और दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. लेकिन यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. जिसके कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा.
दूसरा ग्रहण सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को- साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर शनिवार को लगेगा. यह ग्रहण पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिका और अंटार्कटिका में दिखाई देगा. यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. इसलिए इस सूर्य ग्रहण का भी सूतक काल मान्य नहीं होगा.
पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को- साल का पहला चंद्र ग्रहण 05 मई 2023 शुक्रवार को होगा. चंद्रग्रहण रात 08 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ होगा और देर रात एक बजे समाप्त होगा. यह चंद्रग्रहण भारत में नजर आएगा. जिसके कारण सूतक काल 12 घंटे पहले प्रारंभ हो जाएगा.
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साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को- साल का अंतिम और दूसरा चंद्रग्रहण 29 अक्टूबर 2022 रविवार को होगा. यह ग्रहण रात 01 बजकर 06 मिनट से प्रारंभ होगा और 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा. यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा. भारत में साल का आखिरी चंद्रग्रहण दिखने के कारण सूतक काल मान्य होगा. जिसके कारण सूतक काल 12 घंटे पहले प्रारंभ हो जाएगा.
ग्रहण के दौरान जरूर करें हवन- पञ्चांगकर्ता पं. राजेंद्र किराडू ने बताया कि ग्रहण के समय मंत्र जाप के साथ ही हवन व पवित्र सरोवर में स्नान के बाद दान करना चाहिए. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करना चाहिए. इसके अलावा ग्रहण काल में अपने इष्टदेव का ध्यान भी करना चाहिए. जिसका जिक्र धर्म शास्त्रों में भी मिलता है. ग्रहण और इसके सूतक काल में कुछ कार्यों के लिए शास्त्रों में मनाही है.
ग्रहण काल में भगवान की प्रतिमा को हाथ नहीं लगाना चाहिए. ग्रहण या सूतक काल में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने से बचना चाहिए. यहां तक कि तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए. उन्होंने कहा कि ग्रहण के दौरान भोजन करने, सोने और पानी पीने से भी बचना चाहिए. खासकर गर्भवती महिलाओं को इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए.