बीकानेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की 100 यूनिट तक बिजली माफी और 200 यूनिट फ्यूल चार्ज सहित अन्य चार्ज को माफ करने की घोषणा पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कटाक्ष किया है. बीकानेर के दौरे पर आए राजेंद्र राठौड़ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि जब नाव जब डूबने लगती है तो नाविक सोचता है कि थोड़ा आगे चल जाए और इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की यह घोषणा डूबते जहाज का संकेत है. राठौड़ ने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के बाद राजस्थान में सबसे महंगी घरेलू बिजली है. जब उद्योगों ने फ्यूल चार्ज को लेकर हड़ताल की तब मुख्यमंत्री को यह बात ध्यान में आई है.
प्रधानमंत्री विश्व के लोकप्रिय नेताः अजमेर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा से उत्साहित राठौड़ ने कहा कि अब जनता मन बना चुकी है और इसका नजारा बुधवार को अजमेर में देखने को मिला. जब विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी के स्वागत में अजमेर में हमारा पंडाल भी छोटा पड़ गया. अब तो पूरा विश्व प्रधानमंत्री के काम को मानता है और 9 साल का यह कार्यकाल बेमिसाल है. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री भी इस बात को कहते हैं कि मोदी इज अवर बॉस.
सरकार पूरी तरह से फेलः एक ओर कांग्रेस की सरकार अपनी योजनाओं के दम पर फिर से रिपीट होने की बात कहती है. लगातार मुख्यमंत्री इस बात को जनता के बीच कहते हैं. वहीं दूसरी ओर राठौड़ ने कहा कि यह सरकार केवल घोषणा करना जानती है, लेकिन जिस तरह से किसान कर्ज की बात कागजों से बाहर नहीं आई उसी तरह सरकार की घोषणा भी कागज से बाहर नहीं आई. चाहे बात बेरोजगारी भत्ते की हो, चाहे करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की हो या अच्छी कानून व्यवस्था की हो सरकार सब जगह पूरी तरह से फेल साबित हुई है.
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पायलट-गहलोत पर बोलेः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह के सवाल पर राठौड़ ने कहा कि दूरियां जब दूर निकल जाती है तो हमराह होना मुश्किल होता है. उन्होंने सचिन पायलट को लेकर भी सवाल करते हुए कहा कि साढ़े 4 साल तक वे सदन में नहीं बोले और 19 महीने तक उपमुख्यमंत्री रहे. इस दौरान कई कैबिनेट की बैठक में वे शामिल भी हुए लेकिन तब भी वह कुछ नहीं बोले. अब जब उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं और उसके बाद सुलह की बात कांग्रेस आलाकमान करता है. इसके बाद अगर वे इन मुद्दों को छोड़ते हैं तो इससे साफ है कि उन्हें बेरोजगारों और युवाओं से कोई मतलब नहीं है.
भ्रष्टाचार कर रही सरकारः राठौड़ ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार संस्थागत भ्रष्टाचार में लगी हुई है. जिस तरह से दिल्ली के टेंडर छह बार स्थगित किए गए या सचिवालय में जिस तरह से करोड़ो की राशि और सोना मिलता है. इसके अलावा अब मुख्यमंत्री महिलाओं को स्मार्टफोन देने की बात करते हैं लेकिन इसमें भी भ्रष्टाचार साफ तौर पर दिख रहा है. सरकार के मंत्री खुद इस बात को स्वीकार करते हैं तो फिर पीछे कुछ रहा नहीं जाता है.