बीकानेर. बीकानेर नगर निगम में (Mayor put up hoardings against commissioner) पिछले लंबे समय से बीजेपी की महापौर और निगम आयुक्त के बीच खींचतान चल रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को शहर में चारों ओर निगम आयुक्त के खिलाफ होर्डिंग्स लगे दिखे. दोपहर बाद महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार निगम का कामकाज प्रभावित हो रहा है और शहर में साफ सफाई अब नजर नहीं आ रही है.
उन्होंने कहा कि आयुक्त टेंडर को जारी करने के बाद निरस्त कर रहे हैं. महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है. महापौर ने कहा कि अब जनता का आक्रोश बढ़ चुका है और मुझे डर है कि श्रीडूंगरगढ़ में जिस तरह से नगरपालिका के ईओ की पिटाई हुई वैसा बीकानेर में ना हो जाए. महापौर ने यहां तक कहा कि अगर ऐसा कुछ होता है तो वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगी. पिछले सप्ताह बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में नगरपालिका कार्यालय में ईओ के कक्ष में घुसकर लोगों ने ईओ भवानीशंकर व्यास की पिटाई की थी.
कार्यप्रणाली से नहीं बैठ रही पटरीः दरअसल महापौर सुशीला राजपुरोहित लगातार नगर निगम आयुक्त गोपालराम की कार्यप्रणाली के खिलाफ मुखर हो रखी हैं. महापौर ने मंत्री बीडी कल्ला पर आयुक्त को सरंक्षण देने का आरोप दोहराते हुए कहा कि मैंने कुछ महीने पहले आयुक्त को हटाने की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना भी दिया था. हालांकि उस वक्त आयुक्त को हटाने की मांग पूरी नहीं हुई. क्योंकि उस वक्त जयपुर में आयुक्त को राजनीतिक संरक्षण देते हुए नहीं हटाने के लिए दबाव बनाया गया था.
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शुक्रवार को मेयर सुशीला कंवर ने आयुक्त गोपालराम बिरदा पर शहर की व्यवस्थाएं बिगाड़ने का आरोप लगाया. शहर में सफाई व्यवस्था ठप होने, हर रविवार को कचरा संग्रहण नहीं करने के आदेश देने, आवारा पशु नहीं पकड़ने के आरोप लगाए. साथ ही अतिक्रमण के नाम पर जनता को परेशान करने और एक साल बाद भी पट्टा जारी नहीं करने के अलावा भ्रष्टाचार बढ़ाने के आरोप भी लगाए गए. गौरतलब है कि जब से आयुक्त गोपालराम ने नगर निगम में कार्यभार संभाला है, तभी से आयुक्त और महापौर के बीच ठनी हुई है.
एसीआर पर खाचरियावास का समर्थनः इस दौरान महापौर सुशीला कंवर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के मंत्री और विधायक भी ब्यूरोक्रेसी और अधिकारियों के हावी होने का आरोप लगाते हुए कई बार बयान दे चुके हैं. साथ ही उन्होंने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि नगर निगम में भी आयुक्त की एसीआर भरने का अधिकार महापौर को मिलना चाहिए. इस दौरान महापौर ने कोटा से बीकानेर की तुलना करते हुए मंत्री शांति धारीवाल के कामकाज को बेहतर बताते हुए कहा कि वे अपने क्षेत्र के विकास के लिए सक्रिय हैं. जबकि बीकानेर में मंत्री बीडी कल्ला विकास का कोई महत्वपूर्ण काम नहीं करवा पाए.
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कांग्रेस में भी फूटः एक और जहां भाजपा की महापौर आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं तो वहीं नगर निगम में कांग्रेसी पार्षदों में भी फूट पड़ गई है. शुक्रवार को कुछ कांग्रेसी पार्षदों ने नेता प्रतिपक्ष से अलग गुट बनाकर कांग्रेस पार्षद दल का गठन करने की बात कही. दरअसल एक दिन पहले कांग्रेस के पार्षद से आयुक्त द्वारा फोन पर अभद्र तरीके से बातचीत करने से गुस्साए कुछ कांग्रेसी पार्षदों ने शुक्रवार को गांधी पार्क में बैठक की. इस दौरान कांग्रेसी पार्षदों में भी फूट नजर आई. कांग्रेस पार्षदों का एक धड़ा आयुक्त के समर्थन में होने के चलते वहां नहीं पहुंचा. वहीं गांधी पार्क में पूर्व नेता प्रतिपक्ष जावेद परिहार शांतिलाल मोदी, मनोज विश्नोई सहित अन्य पार्षदों ने आयुक्त को हटाने की मांग की. ऐसे में अब भाजपा की महापौर की ओर से की जा रही मांग में अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस के एक गुट का भी समर्थन दिख रहा है.