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मछली पालन से युवा किसान ने दिया करिअर को नया आयाम, कम खर्च में व्यवसाय शुरू कर कमा रहा बढ़िया मुनाफा

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Published : Feb 27, 2021, 10:56 PM IST

उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी बड़ी संख्या में युवा रोजगार के लिए भटकते रहते हैं. कई तो जॉब न मिलने से हताश होकर नशे आदि की लत में पड़ जाते हैं लेकिन सच ही कहा है किसी ने...जहां चाह है वहां राह है. मेहनत और कुछ कर गुजरने के मजबूत इरादे हों तो रोजगार के अवसर भी तलाश लिए जाते हैं. हम बात कर रहे हैं भीलवाड़ा के युवा किसान की जिन्होंने शिक्षा प्राप्त करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी के लिए भटकने के बजाए मत्स्य पालन का व्यवसाय करने की ठानी और इसमें सफलता भी प्राप्त की. पढ़ें पूरी खबर.

young farmer making carrier in fisheries , खेत में शुरू किया मछली पालन
युवा किसान ने शुरू किया मछली पालन

भीलवाड़ा. अगर मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो रास्ते निकल ही आते हैं. फिर न तन की विवशता आड़े आती है और न धन की. मेहनत और लगन के साथ काम करें तो सफलता खुद-ब-खुद हासिल हो जाती है. इसी जज्बे के साथ भीलवाड़ा जिले के एक युवा ने शिक्षा हासिल करने के बाद बेरोजगारों की भीड़ में शामिल होने के बजाए अपने खेत पर ही कम पैसे खर्च कर मछली पालन की शुरुआत की. आज मत्स्य पालन के क्षेत्र में वह सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं. मछली पालन में अपने करिअर को आगे बढ़ाने वाले युवा मत्स्य पालक ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि देश के युवा मत्स्य पालन में अपना भविष्य बना सकते हैं, जिससे उन्हें काम के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.

युवा किसान ने शुरू किया मछली पालन

पढ़ें: SPECIAL : मैक्सिको और अमेरिका में उगने वाली फसलें किनोवा, काला गेहूं और चिया...अब 'ग्रो इन इंडिया'

खलियान में शुरू किया मछली पालन

भीलवाड़ा जिले की हुरडा पंचायत समिति क्षेत्र के युवा किसान रामधन ने अपने खलियान के पास एक बीघा जमीन पर गड्ढा खोद कर कम लागत में मछली पालन की शुरुआत की है. युवा बेरोजगार किसान ने भारत के युवाओं के लिए एक नजीर पेश की है. ईटीवी भारत की टीम इस होनहार युवा किसान के पास पहुंची जहां उनके इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी जानी.

युवा मछली पालक रामधन ने बताया कि उन्होंने इसकी शुरुआत 3 माह पहले की है जहां उनके खेत के पास 1 बीघा जमीन पर मिट्टी का गड्ढा खोद कर यहां छोटे-छोटे 1 इंच के 50 हजार मछलियों के बीज डाले, जो वर्तमान में 3 इंच लंबे हो चुके हैं और संभवत 8 से 10 माह में एक मछली 1 किलो से डेढ़ किलो वजन की हो जाएगी. उसके बाद इनको बाजार में बेच देंगे.

पढ़ें: Special: गंगानगरी किन्नू ने देश-विदेश में बनाई है खास पहचान, इस साल हुई बंपर फसल

दो से तीन लाख में शुरू किया व्यवसाय

शुरुआत में आने वाले खर्च के बारे में रामधन ने बताया कि हमने इसकी शुरुआत से पहले यहां मिट्टी का गड्ढा खोदने के बाद चारों तरफ फेंसिंग की और ऊपर नेट लगाया जिससे कोई हिंसक पक्षी इनको निशाना नहीं बना सके. लगभग 2 से 3 लाख रुपये का कुल खर्च आया. इसमें 7 प्रजाति की मछलियां डाली गई हैं और पास ही बोरिंग करवा कर इसमें पानी डाला जा रहा है. मछलियां सूर्यास्त के समय बाहर निकलती हैं क्योंकि छोटी होने के कारण दिन में दिखाई नहीं देती है.

युवा मछली पालक ने कहा कि मैं देश के युवाओं को यही संदेश देना चाहता हूं कि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मछली पालन की अच्छी योजना चला रखी है जिससे बंगाल में कई युवा इनके प्रेरणा स्रोत बन कर लाखों रुपए का लाभ ले रहे हैं. इससे यहां मछली पालन उद्योग भी बढ़ रहा है. हम कम लागत में अच्छा मेहनताना कमा सकते हैं. इसलिए मैं भारत के युवाओं को यह संदेश देना चाहता हूं कि पढ़ाई के बाद अगर आप कृषि का काम करते हैं तो इसके साथ मछली पालन के काम की शुरुआत भी कर सकते हैं. यह कम लागत में अच्छा मुनाफा दे सकता है.

भीलवाड़ा. अगर मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो रास्ते निकल ही आते हैं. फिर न तन की विवशता आड़े आती है और न धन की. मेहनत और लगन के साथ काम करें तो सफलता खुद-ब-खुद हासिल हो जाती है. इसी जज्बे के साथ भीलवाड़ा जिले के एक युवा ने शिक्षा हासिल करने के बाद बेरोजगारों की भीड़ में शामिल होने के बजाए अपने खेत पर ही कम पैसे खर्च कर मछली पालन की शुरुआत की. आज मत्स्य पालन के क्षेत्र में वह सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं. मछली पालन में अपने करिअर को आगे बढ़ाने वाले युवा मत्स्य पालक ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि देश के युवा मत्स्य पालन में अपना भविष्य बना सकते हैं, जिससे उन्हें काम के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.

युवा किसान ने शुरू किया मछली पालन

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खलियान में शुरू किया मछली पालन

भीलवाड़ा जिले की हुरडा पंचायत समिति क्षेत्र के युवा किसान रामधन ने अपने खलियान के पास एक बीघा जमीन पर गड्ढा खोद कर कम लागत में मछली पालन की शुरुआत की है. युवा बेरोजगार किसान ने भारत के युवाओं के लिए एक नजीर पेश की है. ईटीवी भारत की टीम इस होनहार युवा किसान के पास पहुंची जहां उनके इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी जानी.

युवा मछली पालक रामधन ने बताया कि उन्होंने इसकी शुरुआत 3 माह पहले की है जहां उनके खेत के पास 1 बीघा जमीन पर मिट्टी का गड्ढा खोद कर यहां छोटे-छोटे 1 इंच के 50 हजार मछलियों के बीज डाले, जो वर्तमान में 3 इंच लंबे हो चुके हैं और संभवत 8 से 10 माह में एक मछली 1 किलो से डेढ़ किलो वजन की हो जाएगी. उसके बाद इनको बाजार में बेच देंगे.

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दो से तीन लाख में शुरू किया व्यवसाय

शुरुआत में आने वाले खर्च के बारे में रामधन ने बताया कि हमने इसकी शुरुआत से पहले यहां मिट्टी का गड्ढा खोदने के बाद चारों तरफ फेंसिंग की और ऊपर नेट लगाया जिससे कोई हिंसक पक्षी इनको निशाना नहीं बना सके. लगभग 2 से 3 लाख रुपये का कुल खर्च आया. इसमें 7 प्रजाति की मछलियां डाली गई हैं और पास ही बोरिंग करवा कर इसमें पानी डाला जा रहा है. मछलियां सूर्यास्त के समय बाहर निकलती हैं क्योंकि छोटी होने के कारण दिन में दिखाई नहीं देती है.

युवा मछली पालक ने कहा कि मैं देश के युवाओं को यही संदेश देना चाहता हूं कि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मछली पालन की अच्छी योजना चला रखी है जिससे बंगाल में कई युवा इनके प्रेरणा स्रोत बन कर लाखों रुपए का लाभ ले रहे हैं. इससे यहां मछली पालन उद्योग भी बढ़ रहा है. हम कम लागत में अच्छा मेहनताना कमा सकते हैं. इसलिए मैं भारत के युवाओं को यह संदेश देना चाहता हूं कि पढ़ाई के बाद अगर आप कृषि का काम करते हैं तो इसके साथ मछली पालन के काम की शुरुआत भी कर सकते हैं. यह कम लागत में अच्छा मुनाफा दे सकता है.

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